(Religious Significance of Peepal)
- पद्मपुराण के अनुसार पीपल वृक्ष को भगवान विष्णु का रुप माना जाता है इसी कारण पीपल का अपना विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष में साक्षात् लक्ष्मी-नारायण का वास होता है। पीपल की जड़ में विष्णु, तने में केशव, शाखाओं में नारायण, पत्तों में भगवान हरि और फलों में सब देवताओं से युक्त अच्युत सदा निवास करते हैं। यह वृक्ष मूर्तिमान श्री विष्णु स्वरूप है। इस वृक्ष के पुण्यमय से हजारों पापों का नाश होता है। पद्मपुराण के अनुसार पीपल को प्रणाम करने और उसकी परिक्रमा करने से आयु लंबी होती है। जो व्यक्ति इस वृक्ष को पानी देता है वह समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। पीपल में पितरों का वास माना गया है इसमें सब तीर्थों का निवास भी होता है इसीलिए मुंडन आदि संस्कार पीपल के पेड़ के नीचे करवाने का प्रचलन भी है। शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या के कुप्रभाव से बचने के लिए हर शनिवार पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाकर सात बार परिक्रमा करनी चाहिए। शाम के समय पेड़ के नीचे दीपक जलाना भी लाभकारी सिद्ध होता है। पीपल की निरंतर पूजा अर्चना और परिक्रमा करके जल चढ़ाने से संतान की प्राप्ति होती है। प्रत्येक शनिवार को पीपल के वृक्ष पर जल, कच्चा दूध थोड़ा चढ़ाकर, सात परिक्रमा करके सूर्य, शंकर, पीपल- इन तीनों की सविधि पूजा करें तथा चढ़े जल को नेत्रों में लगाएं और पितृ देवाय नमः भी 4 बार बोलें तो राहु़केतु, शऩिपितृ दोष का निवारण होता है। पीपल का बृहस्पति ग्रह से सीधा संबंध होता है। पीपल में जल चढ़ाने से बृहस्पति मजबूत होता है जिसके कारण हर प्रकार से सुख-समृद्धि आती है, विवाह-संयोग बनता है।
- पीपल का पुरातन से आज तक इस्तेमाल किया जा रहा है। (People have been used since ancient times) चाहे वह रोगों को ठीक करने में हो या फिर पूजा-पाठ लिए हो। आज भी पीपल के पेड़ की पूजा का अपना विशेष महत्व है और इसके साथ-साथ पीपल के पत्ते से लेकर छाल और फल हर चीज कई बीमारियों को दूर करने के लिए मददगार होती है। यह एक ऐसा पेड़ है जो की 24 घंटे हमें ऑक्सिजन देता है। पीपल का पेड़ पूज्जनीय और धार्मिक महत्व रखता है। पीपल औषधीय वृक्ष होता है। इसके पत्ते, फल, लकड़ी और अन्य भागों में कुछ न कुछ औषधीय गुण होते है। पीपल से त्वचा रोग, अस्थमा, गुर्दे की बीमारी, कब्ज, नपुंसकता आदि रोगों के लिए लाभकारी होता है। पीपल के पत्तों में ग्लूकोज, फेनोलिक, मेनोस आदि पोषक तत्व होते है जबकि इसकी छाल में कई विटामिन होते है। इनमें एंटीऑक्सिडेंट और खनिज पदार्थ भी होते है। इसलिए इसे औषधीय पेड़ कहते है।
विभिन्न तरह से पीपल के फायदे
(Benefits of Peepal in different kinds)
(Benefits of Peepal in different kinds)
- बुखार के लिए पीपल : बुखार पीपल के पेड़ की कुछ कच्ची पत्तियां को दूध में डालकर उबालें। इस मिश्रण को दिन में दो बार लें। इससे बुखार में मदद मिलती है। (Boil some raw leaves of Peepal tree with milk. Take this mixture twice a day. This helps in fever).
- अस्थमा के लिए पीपल : पीपल का पत्ता अस्थमा के लिए लाभदायक होता है। (Peepal Leaf is beneficial for asthma) पीपल की पत्तियां या इसका पाउडर भी ले सकते हैं। इन्हें दूध में डालकर उबालें। इसमें थोड़ा शहद या चीनी डालकर इसका सेवन करें।
- आँखों के दर्द के लिए पीपल : पीपल की पत्तियों को दूध के साथ लें। (Take Peepal Leaves with milk for eye pain)या फिर पीपल की पत्तियों को पीसकर आँखों पर लगायें। इससे आँखों को ठंडक मिलेगी और दर्द दूर होगा।
- दांतों के लिए पीपल : पीपल की पत्तियों या तने से यदि दांतों को साफ किया जाए। इससे दांतों का कीडा या मुंह की बदबू दूर हो जाती है। दांतों के लिए पीपल का पत्ता लाभकारी होता है। (If teeth are cleaned with Peepal Leaves or stem. By this, the worm of the teeth or the smell of the mouth ends. Peepal Leaf is beneficial for teeth).
- नकसीर के लिए पीपल : गर्मियों में बच्चे अक्सर नकसीर से पीड़ित हो जाते हैं। (In summer, children often suffer from hemorrhage) नकसीर में बिना वजह नाक से खून बहने लगता है। इसका कारण गर्मी को माना जाता है। ऐसी स्थति में पीपल की पत्तियां लाभकारी होती है। पीपल की पत्तियों को पानी में उबालें और फिर उस पानी को पी लें।
- हृदय संबंधी तकलीफ के लिए पीपल : पीपल की पत्तियां को पूरी रात पानी के बर्तन में डाल दें। (Put Peepal Leaves in a pot of water overnight) अगले दिन इस पानी को दो-तीन बार में पी लें। यह हृदय संबंधी तकलीफ को कम करने में मददगार होती है। लगभग 15-20 पीपल की हर्री पत्तियां लें। इसे कैंची की मदद से पत्ते का ऊपरी और निचला भाग काट दें। पत्तियों को साफ करें और एक बर्तन में डालकर पानी में उबालें। आंच धीमी रखें और अच्छे से उबलने दें। ठंडा होने पर इसे तीन हिस्सों में निकाल लें और दिन में तीन बार सेवन करें। इस औषधि का 12 दिनों तक लगातार सेवन करने से हृदय संबंधी परेशानी दूर हो जाती है। पीपल के पत्ते की दवाई कभी भी खाली पेट ना लें। ध्यान रहे इससे पहले कुछ लें और फिर इसका सेवन करें। यदि आप कोई दवाई ले रहे हैं तब पीपल के पत्ते खाने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूरी है।
- जांडिस के लिए पीपल : पीपल की पत्तियों को शक्कर के साथ मिलाकर पाउडर बना ले। (Mix the Peepal Leaves with sugar and make powder) इस पाउडर को एक गिलास पानी में मिलाकर छान ले। इस पानी को दिन में कम से कम दो बार पीयें। एक सप्ताह तक करे यह जांडिस पीड़ितों के लिए लाभकारी होता है।
- नपुंसकता मुक्त के लिए पीपल : पीपल के फलों का पाउडर बनाकर आप इसे दिन में तीन बाद दूध में आधा चम्मच मिलाकर सेवन करें। (Make powder of Peepal fruit and mix it with milk after half a teaspoon three times a day) यह नपुंसकता से मुक्त होकर शरीर को शक्तिशाली बनाता है।
- ऐडियों के घाव और दर्द को कम करने के लिए पीपल : पीपल की पत्तियों से फटी हुई एड़ियों को ठीक किया जाता है। (Ankles torn from Peepal Leaves are cured) पीपल पत्तियों का लेप ऐडियों के घाव और दर्द को कम करने में आपकी मदद करता है।
- खून को साफ करता पीपल के फलों का पाउडर : (Peepal fruit powder cleanses the blood) इस पाउडर में शहद मिलाकर उपयोग कर सकते है। इसके सेवन से खून में मिले अशुद्धियाँ दूर होती है।
- खुजली के लिए पीपल के छाल : पीपल के छाल की राख बनाकर उसमें नींबू और घी मिलाकर तीनों का अच्छी तरह से मिश्रण बनाइए। (Itching disappears) इसका लेप खुजली वाली जगह पर लगाने से खुजली दूर होती है।