हार्ट ब्लॉकेज कभी नही हो सकता
(Heart blockage can never happen in hindi)
(Heart blockage can never happen in hindi)
जब हृदय में स्थित धमनियों की दीवारों में कफ धातु जमा हो जाता है, तो उससे पैदा होने वाला विकार को हार्ट ब्लॉकेज कहते हैं। हार्ट ब्लॉकेज की समस्या जन्मजात भी होती है। जन्मजात ब्लॉकेज की समस्या को कॉन्जेनिटल हार्ट ब्लॉकेज कहते हैं। बाद में हुई समस्या को एक्वायर्ड हार्ट ब्लॉकेज कहते हैं। कोरोनरी आर्टरीज में किसी भी तरह की रुकावट के कारण हृदय में रक्त की आपूर्ति प्रभावित होती है। इससे रक्त के थक्के बनने लगते हैं, जिसके कारण हार्ट अटैक या दिल का दौरा पड़ता है। इसे एक्यूट मायोकार्डियल इंफार्कशन कहा जाता है।
आजकल खान-पान इतना बिगड़ गया है कि इसके कारण वो किसी ना किसी बीमारी का0 शिकार हो जाते है। इसका एक कारण काफी हद तक बढ़ता प्रदूषण भी है। पहले जहां यह समस्या 60-70 की उम्र में दिखाई देती थी वहीं आजकल लोग 30-35 की उम्र में भी इस परेशानी को झेल रहे हैं। नस ब्लॉकेज होने पर धमनी रोग, परिधीय धमनी रोग, लकवा, और हार्ट अटैक का खतरा काफी बढ़ जाता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि इस समस्या को समय रहते दूर किया जाए। दरअसल, बुरे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने से नसों में खून का प्रवाह अच्छे से नहीं होता, जिससे पैरों में सूजन व नसों के गुच्छे बनने शुरू हो जाते हैं, जो बाद में ब्लॉकेज का रूप ले लेता है।
हार्ट में ब्लॉकेज होना मतलब गंभीरता पूर्वक इलाज की जरूरत
(Blockage in the heart means the need for serious treatment)
हार्ट में ब्लॉकेज होना एक बहुत ही गंभीर बीमारी है। इसमें दिल की धड़कन बहुत धीरे-धीरे चलने लगती है। हार्ट में ब्लॉकेज की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है। प्रायः देखा जाता है कि हार्ट में ब्लॉकेज होने पर लोग बहुत घबराने लगते हैं। वास्तव में यह ऐसी बीमारी है जिसमें घबराने की नहीं, बल्कि गंभीरतापूर्वक इलाज कराने की जरूरत होती है।
आयुर्वेद के अनुसार शरीर में त्रिदोष यानि वात, पित्त और कफ के असंतुलन के कारण ही हर तरह की बीमारियां होती हैं। वैसे ही हार्ट ब्लॉकेज भी कफ और पित्त के वजह से होता है। यह रोग कफप्रधान वातदोष से होता है। हार्ट ब्लॉकेज अलग-अलग स्टेज पर होता है। प्रथम या शुरुआती स्टेज में कोई खास लक्षण नहीं होता। सेंकेंड स्टेज में दिल की धड़कन सामान्य से थोड़ी कम हो जाती है। थर्ड स्टेज में दिल रुक-रुक कर धड़कना शुरू कर देता है। सेकेंड या थर्ड स्टेज पर दिल का दौरा या हार्ट अटैक भी आ सकता है। इसमें तुरन्त इलाज की जरूरत होती है।
हार्ट के मुख्य कारण और क्यों
(Main reasons for heart and why)
कोलेस्ट्रॉल, फैट, फाइबर टिश्यू और सफेद रक्त कोशिकाओं के मिश्रण से होता है। यह मिश्रण धीरे-धीरे नसों की दीवारों पर चिपक जाता है। इससे ही हार्ट ब्लॉक होने लगता है। हार्ट में ब्लॉक दो तरह का होता है। जब यह गाढ़ा और सख्त होता है, तो ऐसे ब्लॉक को स्टेबल ब्लॉक कहा जाता है। जब यह मुलायम होता है तो इसे तोड़े जाने के अनुकूल माना जाता है। इसे अनस्टेबल ब्लॉक कहा जाता है। इस तरह का ब्लॉक धीरे-धीरे बढ़ता है। ऐसे में रक्त प्रवाह को नई आर्टरीज का रास्ता ढूंढ़ने का मौका मिल जाता है। इसे कोलेटरल वेसेल कहते हैं। यह वेसेल, ब्लॉक हो चुकी आर्टरी को बाईपास कर देती है और दिल की मांसपेशियों तक आवश्यक रक्त और ऑक्सीजन पहुंचाती है।
स्टेबल ब्लॉक से रूकावट की मात्रा से कोई फर्क नहीं पड़ता। इससे गंभीर दिल का दौरा भी नहीं पड़ता है। अस्थाई ब्लॉक में ब्लॉक के टूटने पर एक खतरनाक थक्का बन जाता है। इससे कोलेटरल को विकसित होने का पूरा समय नहीं मिल पाता है। व्यक्ति की मांसपेशियां गंभीर रूप से डैमेज हो जाती हैं। इससे रोगी को अचानक दिल का दौरा पड़ता है, या रोगी कार्डिएक डेथ का शिकार हो जाता है।
हार्ट ब्लॉकेज के संकेत
(Heart blockage signs)
बार-बार सिरदर्द होना, चक्कर आना, छाती में दर्द होना, सांस फूलना, छोटी सांस आना, काम करने पर थकान महसूस हो जाना, गर्दन, ऊपरी पेट, जबड़े, गले या पीठ में दर्द होना, पैरों या हाथों में दर्द होना या सुन्न हो जाना, कमजोरी या ठण्ड लगना।
हार्ट ब्लॉकेज का घरेलू इलाज और परहेज
(Home treatment and prevention of heart blockage)
2 ग्राम - दालचीनी, 11 ग्राम - काली मिर्च, 12 ग्राम - तेज पत्ता, 10 ग्राम - मगज सीड्स (खरबूजे के बीज), 8 ग्राम - मिश्री, 12 ग्राम - अखरोट, 12 ग्राम - अलसी के बीज। इसके लिए सारी सामग्री को मिक्स में डालकर पीसना चाहिए अब पिसे हुए मिश्रण को एक सामान 10 हिस्सों में बांटकर रख लें। रोजाना खाली पेट इस मिश्रण के एक पुड़िया को हल्के गुनगुने पानी के साथ लगातार 10 दिनों तक लें। ध्यान रखें कि दवा खाने के आधे घंटे तक किसी भी चीज का सेवन ना करें, चाय तो बिल्कुल ना पिएं। नाश्ता भी 2-3 घंटे तक ही पिएं। नियमित रूप से इसका सेवन करने पर आप खुद फर्क महसूस करें। रोजाना इस मिश्रण को लेने से ब्लॉक नसें खुल जाएगी, जिससे दिल के रोग के साथ लकवे का खतरा भी काफी हट तक कम हो जाएगा।
न होने दे हार्ट में ब्लॉकेज
(Blockage in the heart does not happen)
हार्ट ब्लॉकेज के लिए अनार (Pomegranate for Heart blockage) : अनार में फाइटोकेमिकल्स होता है जो एंटी-ऑक्सीडेंट के रूप में धमनियों की परत को क्षतिग्रस्त होने से रोकता है। रोजाना एक कप अनार के रस का सेवन करें। अनार का सेवन हार्ट अटैक से बचने का उपाय है।
हार्ट ब्लॉकेज के लिए अर्जुन वृक्ष की छाल (Arjun tree bark for heart blockage) : हार्ट से जुड़ी बीमारियों जैसे कि हाई कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर, आर्टरी में ब्लॉकेज और कोरोनरी आर्टरी डिजीज के इलाज में अर्जुन वृक्ष की छाल से फायदा होता है। यह कोलेस्ट्रोल लेवल को नियमित रखता है और दिल को स्वस्थ बनाता है।
हार्ट ब्लॉकेज के लिए दालचीनी (Cinnamon for heart blockage) : यह बेकार कोलेस्ट्रॉल को शरीर से कम करती है और हार्ट को मजबूती प्रदान करती है। इसमें भी ओक्सिडाइजिंग तत्व होते हैं। इसके नियमित इस्तेमाल से सांसों की तकलीफ दूर होती है। दालचीनी हार्ट अटैक से राहत पाने और हार्ट ब्लॉकेज खोलने में सहायता कर सकता है।
हार्ट ब्लॉकेज के लिए लाल मिर्च (Red chillies for heart blockage) : इसमें मौजूद कैप्सेसिन नामक तत्व खराब कोलेस्ट्रॉल या एलडीएल ऑक्सीकरण से बचाता है। यह रक्त में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है जो धमनियों के बंद होने के मुख्य कारणों में से एक है। इसके अलावा यह ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है। यह दिल के दौरे और स्ट्रोक के खतरे को भी कम करता है। गर्म पानी के एक कप में आधा या एक चम्मच लाल मिर्च मिला लें। कुछ हफ्तों के लए इसे नियमित रूप से लें।
हार्ट ब्लॉकेज के लिए फायदेमंद
(Beneficial for heart blockage)
हार्ट ब्लॉकेज के लिए अलसी (Linseed for heart blockage) : अलसी के बीज रक्तचाप और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। यह अल्फालिनोलेनिक एसिड के सबसे अच्छे स्रोतों में से एक है। यह बंद धमनियों को साफ रखने और पूरे हृदय के स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करता है। अलसी में बहुत अधिक मात्रा में फाइबर एलडीएल होता है जो धमनियों को साफ करने में मदद करता है। आप एक चम्मच अलसी के बीज को नियमित रूप से पानी के साथ लें।
हार्ट ब्लॉकेज के लिए लहसुन (Garlic for heart blockage) : लहसुन बंद धमनियों को साफ करने के लिए सबसे अच्छे उपायों में से एक है। यह रक्त वाहिकाओं को चैड़ा करता है और रक्त संचार में सुधार करता है। लहसुन खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है। दिल के दौरे या स्ट्रोक के खतरे को भभ् कम करता है। तीन लहसुन की कली को काटकर एक कप दूध में मिलाकर उबाल लें। थोड़ा ठण्डा होने पर सोने से पहले पिएं। अपने आहार में लहसुन को शामिल करें।
हार्ट ब्लॉकेज के लिए हल्दी (Turmeric for heart blockage) : हल्दी बंद धमनियों को खोलने का काम करता है। हल्दी में करक्यूमिन रहता है जिसमें एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लामेटरी गुण होता है। यह खून को जमने में रोकता है। गर्म दूध में रोजाना हल्दी मिलाकर सेवन करना चाहिए। सर्दियों से हल्दी का प्रयोग कई तरह के बीमारियों से राहत पाने के लिए किया जाता है।
हार्ट ब्लॉकेज के लिए नींबू (Lemon for heart blockage) : नींबू विटामिन-सी से भरपूर एक शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट है। यह रक्तचाप में सुधार लाने और धमनियों की सूजन को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, नींबू ब्लड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और रक्त प्रवाह में ऑक्सीडेटिंव के नुकसान को रोकता है और धमनियों को साफ करता है। इसके लिए आप गुनगुने पानी के एक गिलास में थोड़ा-सा शहद, काली मिर्च पाउडर और एक नींबू का रस मिला लें।
खून गाढ़ा न होने दे
(Do not let the blood thicken)
हार्ट ब्लॉकेज के लिए अंगूर (Grapes for heart blockage) : अंगूर में कैलोरी, फाइबर के साथ-साथ विटामिन-सी, विटामिन-ई भरपूर मात्रा में मिलता है। यह हार्ट अटैक के लक्षणों से राहत मिलने में भी मदद करता है।
हार्ट ब्लॉकेज के लिए अदरक (Ginger for heart blockage) : हार्ट के ब्लॉकेज को खोलने के लिए अदरक एक लाभकारी औषधि के रूप में काम करता है। इसके सेवन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है।
हार्ट ब्लॉकेज के लिए तुलसी (Tulsi for heart blockage) : तुलसी के 20-25 पत्तों का रस, 1 नींबू पानी में मिलाकर पियें।
हार्ट ब्लॉकेज के लिए लौकी (Gourd for heart blockage) : लौकी के जूस का सेवन फायदेमंद होता है। यह रक्त की अम्लता कम करने में सहायता करता है। लौकी के जूस में तुलसी की पत्तियां मिलाकर पिएं। तुलसी की पत्ती में क्षारीय गुण होते हैं। इसमें पुदीना भी मिला कर पीने पर लाभ मिलता है।
हार्ट ब्लॉकेज के लिए इलायची (Cardamom for heart blockage) : इलायची ब्लड में कोलेस्ट्रोल के लेवल को बेहतर करने के साथ-साथ रक्त में फाइब्रिनोलिटिक गतिविधि को भी बढ़ाता है। फाइब्रिनोलिटिक का काम रक्त का थक्का को बनने से रोकना और हार्ट ब्लॉकेज की संभावना को कम करना है।
पीपल के पत्तों से हार्ट ब्लॉकेज की रोकथाम (Prevention of heart blockage from peepal leaves): पीपल के पत्तों में एंटी-ऑक्सिडेंट गुण होते हैं जो हृदय की सेहत के लिए बहुत अच्छे होते हैं। यह दिल की धड़कन को स्वस्थ तरह से चलाने में मदद करते हैं और धमनियों में ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर करते हैं।
हार्ट ब्लॉकेज की रोकथाम
(Heart blockage prevention)
हार्ट ब्लॉकेज की रोकथाम के लिए खाने में कम नमक का सेवन करें। भोजन में कम से कम ऑयल, डाल्डा या घी का सेवन करने से बचें। इनका ज्यादा सेवन धमनियों के ऊपर एक परत के रूप में जम जाता है, और रक्त के प्रवाह पर असर डालता है। शक्कर आदि का सेवन ना करें। मीठा सेवन करने से शरीर में कोलेस्ट्रोल का स्तर बहुत बढ़ सकता है। इससे रक्त के थक्के बन सकते हैं या रक्त गाढ़ा हो सकता है। यह शरीर के लिए घातक साबित होता है। रोजाना 7-8 घण्टे की नींद लें तथा चिंता कम से कम करें। धूम्रपान ना करें।