तमसो मां ज्योतिर्गमय यह त्यौहार हमें अन्धकार से प्रकाश की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता है अर्थात समस्त बुराइयों का त्याग करके सत्य की ओर अग्रसर होने के साथ-साथ सत्य की पहचान कराता है। हर एक बुराई पर विजय का प्रतीक है, हर बुराई का अंत अवश्य है इस सच्चाई से अवगत कराता है। इस त्यौहार का उद्देश्य मनुष्य को मानवता का रास्ता दिखाना और उसके अवगुण को एक बार गुणवान बनाने का अवसर देता है।
समस्त मानव जातियों में मानवता की प्रेरणा की जागृति के साथ समस्त संसार में शांति बनाने का प्रत्यन्त करता है। पुरातन से यह पर्व चलता आ रहा है इसमें आज भी कोई कमी नही है, यह सब भगवान द्वारा निर्मित अर्थात् एक सुनयोजित किया गया ज्ञान है। इसका प्रमुख उद्देश्य मानवता को असत्य और बुराइयों का परित्याग करने की शिक्षा देता है।
भगवान ने इस असुरी प्रवत्ति से किसी न किसी अवतार में उद्धार किया। दीपावली त्यौहार से सम्बन्धित विभिन्न प्रकार की सच्चाईया है, कार्तिक मास अमावस्या को भगवान श्री रामचन्द्र जी चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके तथा असुरी शक्ति वाले रावण का वध करके आयोध्या लौटे थे। उस समय वहां समस्त लोगों ने भगवान श्री रामचन्द्र जी का दीप जलाकर स्वागत किया।
भगवान विष्षु ने अपने कृष्ण अवतार में अत्याचारी नरकासुर का वध किया इस राक्षस के वध से वहां के समस्त लोगों ने अपनी खुशी को दीप प्रज्जवलित करके मनाया। एक और सच्चाई भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए नरसिंह अवतार में अवतरित हुये और दुराचारी हिरण्यकश्यप का वध किया था। समुद्र मंथन के दौरान माता लक्ष्मी ने सृष्टि में अवतार लिया था।
माता लक्ष्मी को धन और समृद्धि की देवी माना जाता है ब्रहमपुराण के अनुसार कार्तिक अमावस्या के दिन रात्रि में मां लक्ष्मी स्वयं इस लोक आती है और घर-घर विचरण करती है जिस घर पर मां लक्ष्मी की कृपा होती है उस घर में कभी धन की कमी नही होती यह सत्य है।