श्री हरि स्तुति-Shri Hari Stuti
श्री हरि स्तुति जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता। गो द्विज हितकारी जय असुरारी सिधुंसुता प्रिय कंता।। पालन सुर धरनी अद्भुत करनी मरम...
Read more »श्री हरि स्तुति जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता। गो द्विज हितकारी जय असुरारी सिधुंसुता प्रिय कंता।। पालन सुर धरनी अद्भुत करनी मरम...
Read more »विश्वकर्मा के पुत्र नल-नील (vishwakarma ke putra nal aur nil) एक दिन अनल अर्थात् नल तथा अनील अर्थात् नील ने मुनिन्द्र जी का सत्संग सुना। द...
Read more »विवाह पंचमी का महत्व Vivah Panchami ka mahatva पुराणों में है कि भगवान राम और माता सीता का विवाह मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी ति...
Read more »हनुमान जी ने सत्यभामा, सुदर्शन चक्र और गरुड़ तीनों का मार्गदर्शन किया (Hanumanji guided Satyabhama, Sudarshan Chakra and Garuda) भगवान श्र...
Read more »महर्षि वेद व्यास जी के अनमोल वचन • क्षमा धर्म है, क्षमा यज्ञ है, क्षमा वेद है और क्षमा शास्त्र है। जो इस प्रकार जानता है, वह सब कुछ क्षम...
Read more »हनुमान जी से संबंधित हिंदू ग्रंथों में आठ चिरंजीवियों का उल्लेख है और भगवान हनुमान उनमें से एक हैं। ऐसा कहा जाता है कि वह कलयुग के अंत तक ...
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