कहाँ-कहाँ भगवान श्रीराम के वंशज- Where are The Lord Shri Ram Descendants

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कहाँ-कहाँ भगवान श्रीराम के वंशज 

भगवान श्रीराम के पुत्र लव और कुश जुड़वां बेटे थे। जब राम ने वानप्रस्थ लेने का निश्चय कर भरत का राज्याभिषेक करना चाहा तो भरत नहीं माने। अतः दक्षिण कोसल प्रदेश-छत्तीसगढ़ में कुश और उत्तर कोसल में लव का अभिषेक किया गया। भरत के दो पुत्र थे- तार्क्ष और पुष्कर। लक्ष्मण के पुत्र- चित्रांगद और चन्द्रकेतु और शत्रुघ्न के पुत्र सुबाहु और शूरसेन थे। मथुरा का नाम पहले शूरसेन था। राम ने कुश को दक्षिण कौशल, कुशस्थली-कुशावती और अयोध्या राज्य सौंपा तो लव को पंजाब दिया। लव ने लाहौर को अपनी राजधानी बनाया। आज के तक्षशिला मेँ तब भरत पुत्र तक्ष और पुष्करावती-पेशावर मेँ पुष्कर सिंहासनारुढ़ थे। हिमाचल में लक्ष्मण पुत्रों अंगद का अंगदपुर और चंद्रकेतु का चंद्रावती में शासन था। मथुरा में शत्रुघ्न के पुत्र सुबाहु का तथा दूसरे पुत्र शत्रुघाती का भेलसा-वदिशा में शासन था। राम के काल में भी कोशल राज्य उत्तर कोशल और दक्षिण कोशल में विभाजित था। 

कालिदास के रघुवंश अनुसार राम ने अपने पुत्र लव को शरावती का और कुश को कुशावती का राज्य दिया था। शरावती को श्रावस्ती मानें तो निश्चय ही लव का राज्य उत्तर भारत में था और कुश का राज्य दक्षिण कोसल में। कुश की राजधानी कुशावती आज के बिलासपुर जिले में थी। कोसला को राम की माता कौशल्या की जन्मभूमि माना जाता है। राजा लव से राघव राजपूतों का जन्म हुआ जिनमें बड़गुजर, जयास और सिकरवारों का वंश चला। इसकी दूसरी शाखा थी सिसोदिया राजपूत वंश की जिनमें बैछला-बैसला और गैहलोत- गुहिल वंश के राजा हुए। कुश से कुशवाह राजपूतों का वंश चला। लव ने लवपुरी नगर की स्थापना की थी जो वर्तमान में पाकिस्तान स्थित शहर लाहौर है। यहां के एक किले में लव का एक मंदिर भी बना हुआ है। लवपुरी को बाद में लौहपुरी कहा जाने लगा। 

भगवान श्रीराम के पुत्र लव और कुश जुड़वां बेटे थे। जब राम ने वानप्रस्थ लेने का निश्चय कर भरत का राज्याभिषेक करना चाहा तो भरत नहीं माने। अतः दक्षिण कोसल प्रदेश-छत्तीसगढ़ में कुश और उत्तर कोसल में लव का अभिषेक किया गया। भरत के दो पुत्र थे- तार्क्ष और पुष्कर। लक्ष्मण के पुत्र- चित्रांगद और चन्द्रकेतु और शत्रुघ्न के पुत्र सुबाहु और शूरसेन थे। मथुरा का नाम पहले शूरसेन था। राम ने कुश को दक्षिण कौशल, कुशस्थली-कुशावती और अयोध्या राज्य सौंपा तो लव को पंजाब दिया। लव ने लाहौर को अपनी राजधानी बनाया। आज के तक्षशिला मेँ तब भरत पुत्र तक्ष और पुष्करावती-पेशावर मेँ पुष्कर सिंहासनारुढ़ थे। हिमाचल में लक्ष्मण पुत्रों अंगद का अंगदपुर और चंद्रकेतु का चंद्रावती में शासन था। मथुरा में शत्रुघ्न के पुत्र सुबाहु का तथा दूसरे पुत्र शत्रुघाती का भेलसा-वदिशा में शासन था। राम के काल में भी कोशल राज्य उत्तर कोशल और दक्षिण कोशल में विभाजित था। कहाँ-कहाँ भगवान श्रीराम के वंशज in hindi, Where are The Lord Shri Ram Descendants in hindi, kahan-kahan bhagwan shri ram ke vanshaj in hindi, shri ram ji ke vanshaj in hindi, shri ram vanshaj list in hindi, shri ram ke purvaj in hindi, bhagwan ram ke barein mein hindi, bhagwan ram ji ki photo, bhagwan ram ji ki jpg photo, bhagwan ram ji ki pdf photo, bhagwan ram ji ki tif photo, bhagwan ram ji psd photo, raghukul ke vanshaj in hindi, Images for shri ram ke purvaj, sakshambano in hindi, sakshambano in eglish, sakshambano meaning in hindi, sakshambano ka matlab in hindi, sakshambano photo, sakshambano photo in hindi, sakshambano image in hindi, sakshambano image, sakshambano jpeg, सक्षमबनो इन हिन्दी में in hindi, सब सक्षमबनो हिन्दी में, पहले खुद सक्षमबनो हिन्दी में, एक कदम सक्षमबनो के ओर हिन्दी में, आज से ही सक्षमबनो हिन्दी हिन्दी में, सक्षमबनो के उपाय हिन्दी में, अपनों को भी सक्षमबनो का रास्ता दिखाओं हिन्दी में, सक्षमबनो का ज्ञान पाप्त करों हिन्दी में, aaj hi sakshambano in hindi, abhi se sakshambano in hindi, sakshambano pdf article in hindi,

  Where are The Lord Shri Ram Descendants  

दक्षिण-पूर्व एशियाई देश लाओस, थाई नगर लोबपुरी दोनों ही उनके नाम पर रखे गए स्थान है। राम के दोनों पुत्रों में कुश का वंश आगे बढ़ा। अतिथि, निषधन, नभ, पुण्डरीक, क्षेमन्धवा, देवानीक, अहीनक, रुरु, पारियात्र, दल, उक्थ, वज्रनाभ, गण, व्युषिताश्व, विश्वसह, हिरण्यनाभ, पुष्य, सुदर्शन, अग्रिवर्ण, पद्मवर्ण, शीघ्र, मरु, प्रयुश्रुत, उदावसु, नंदिवर्धन, सकेतु, देवरात, बृहदुक्थ, महावीर्य से, सुधृति, धृष्टकेतु, हर्यव, मरु, प्रतीन्धक, कुतिरथ, देवमीढ, विबुध, महाधृति, कीर्तिरात, महारोमा, स्वर्णरोमा का जन्म हुआ। कुश वंश के राजा सीरध्वज को सीता नाम की एक पुत्री हुई। सूर्यवंश इसके आगे भी बढ़ा जिसमें कृति नामक राजा का पुत्र जनक हुआ जिसने योग मार्ग का रास्ता अपनाया था। कुश वंश से ही कुशवाह, मौर्य, सैनी, शाक्य संप्रदाय की स्थापना मानी जाती है। एक शोधानुसार कुश की 50वीं पीढ़ी में शल्य हुए जो महाभारत युद्ध में कौरवों की ओर से लड़े थे। 

कुश महाभारतकाल के 2500 वर्ष पूर्व से 3000 वर्ष पूर्व हुए थे। इसके अतिरिक्त शल्य के बाद बहत्क्षय, ऊरुक्षय, बत्सद्रोह, प्रतिव्योम, दिवाकर, सहदेव, ध्रुवाश्च, भानुरथ, प्रतीताश्व, सुप्रतीप, मरुदेव, सुनक्षत्र, किन्नराश्रव, अन्तरिक्ष, सुषेण, सुमित्र, बृहद्रज, धर्म, कृतज्जय, व्रात, रणज्जय, संजय, शाक्य, शुद्धोधन, सिद्धार्थ, राहुल, प्रसेनजित, क्षुद्रक, कुलक, सुरथ, सुमित्र हुए। माना जाता है कि जो लोग अपने को शाक्यवंशी कहते हैं वे भी श्रीराम के वंशज हैं। यह सिद्ध हुआ कि वर्तमान में जो सिसोदिया, कुशवाह, मौर्य, शाक्य, बैछला और गैहलोत आदि जो राजपूत वंश हैं वे सभी भगवान प्रभु श्रीराम के वंशज है। जयपूर राजघराने की महारानी पद्मिनी और उनके परिवार के लोग की राम के पुत्र कुश के वंशज है। 

राजस्थान में कुछ मुस्लिम समूह कुशवाह वंश से ताल्लुक रखते हैं। मुगल काल में इन सभी को धर्म परिवर्तन करना पड़ा लेकिन ये सभी आज भी खुद को प्रभु श्रीराम का वंशज ही मानते हैं। इसी तरह मेवात में दहंगल गोत्र के लोग भगवान राम के वंशज हैं और छिरकलोत गोत्र के मुस्लिम यदुवंशी माने जाते हैं। राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली आदि जगहों पर ऐसे कई मुस्लिम गांव या समूह हैं जो राम के वंश से संबंध रखते हैं। डीएनए शोधाधुसार उत्तर प्रदेश के 65 प्रतिशत मुस्लिम ब्राह्मण बाकी राजपूत, कायस्थ, खत्री, वैश्य और दलित वंश से ताल्लुक रखते हैं। लखनऊ के एसजीपीजीआई के वैज्ञानिकों ने फ्लोरिडा और स्पेन के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर किए गए अनुवांशिकी शोध के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला था।

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