अमरूद करे कई बीमारियों का काम तमाम
(Guava eradicate many diseases in hindi)
- अमरूद का संस्कृत नाम अमृत या अमृत फल है तथा बनारस में प्रायः सब लोग इसे अमृत नाम से ही पुकारते हैं। अमरूद का स्वाद खट्टा, मीठा और फीका दो तीन तरह का होता है। स्वादिष्ट होने के साथ साथ अमरूद का औषधीय गुण बहुत पौष्टिक होता है। कई तरह की बीमारियों को दूर करने में लोग इसे घरेलू उपाय के रुप में इस्तेमाल करते हैं। अमरूद में दूध बढ़ाने वाले, मल को रोकने वाले, पौरुष बढ़ाने वाले, शुक्राणु बढ़ाने वाले और मस्तिष्क को सबल करने वाले होते हैं। अमरूद का औषधीय गुण प्यास को शांत करता है, हृदय को बल देता है, कृमियों का नाश करता है, उल्टी रोकता है, पेट साफ करता है और कफ निकालता है। मुँह में छाले होने पर, मस्तिष्क एवं किडनी के संक्रमण, बुखार, मानसिक रोगों तथा मिर्गी आदि में इनका सेवन लाभप्रद होता है। अमरूद में विटामिन, प्रोटीन, आयरन, फोलेट व कैल्शियम जैसे कई पोषक तत्व मौजूद हैं। अमरूद में विटामिन सी और शर्करा के साथ-साथ पेक्टिन की प्र्याप्त मात्राहोती है।
- अमरूद सिर दर्द दूर करता है: सूर्योदय से पहले प्रातः कच्चे हरे अमरूद को पत्थर पर घिसकर जहां दर्द होता है, वहां खूब अच्छी तरह लेप कर देने से सिर दर्द नहीं उठ पाता। अगर दर्द शुरू हो गया हो तो शांत हो जाता है। यह प्रयोग दिन में तीन-चार बार करना चाहिए। (सिर दर्द की वजह क्या है?)
- अमरूद कैंसर से बचाव के लिए: अमरूद स्तन और प्रोस्टेट कैंसर के उपचार में मददगार साबित हो सकता है। एंटीऑक्सीडेंट लाइकोपीन और विटामिन-सी उन मुक्त कणों से लड़ते हैं जो कैंसर का कारण बन सकते हैं। एंटीऑक्सीडेंट कैंसर कोशिकाओं के प्रसार को भी रोक सकते हैं। एंटीऑक्सीडेंट के अलावा अमरूद में फाइबर भी होता है जो बवासीर और पेट के कैंसर को रोकता है। अमरूद के पत्तों से निकला अर्क भी कैंसर जैसी घातक बीमारी से बचाव कर सकता है। (फेफड़ों के कैंसर से बचने के उपाय)
- अमरूद खाँसी-जुकाम के लिए: जुकाम के पुराने जिसका कफ न निकल रहा हो। अमरूद बीज निकालकर खिला दें और ऊपर से ताजा जल रोगी नाक बंद करके पी ले। दो-तीन दिन में ही रुका हुआ जुकाम बहकर साफ हो जाएगा। दो-तीन दिन बाद अगर स्राव रोकना हो तो 50 ग्राम गुड़ रात्रि में बिना जल पीए खा लें। यदि सूखी खाँसी हो और कफ न निकलता हो तो सुबह एक ताजे अमरूद को तोड़कर, चबा-चबा कर खाने से 2-3 दिन में लाभ होता है। अमरुद में पाये जाने वाला विटामिन- सी जुकाम और खांसी से शरीर को लड़ने में मदद करता है। (प्याज करें सर्दी-जुकाम दूर)
- अमरूद दांत दर्द के लिए: अमरूद के पत्तों को चबाने या पत्तों के काढ़े में फिटकरी मिला कर कुल्ला करने से दांत के दर्द में आराम मिलता है। अमरूद के पत्तों में कत्था मिलाकर पान की तरह चबाने से मुँह के छाले ठीक हो जाते हैं। अमरूद के पत्तों को पानी में पकाकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े में नमक मिलाकर मुँह में 4-5 मिनट तक रख कर कुल्ला करने से मुख के घाव में लाभ प्राप्त होता है।
- अमरूद मजबूत पाचन शक्ति के लिए: अमरूद पाचन तंत्र को सुधारने में मदद कर सकता है। अमरूद में फाइबर की मात्रा अधिक होती है जिस कारण यह दस्त, अपच, गैस व पेट की अन्य परेशानियों में आराम दिलाने में मदद कर सकता है। अमरूद में मौजूद एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-पास्मोडिक गुण दस्त के उपचार में फायदेमंद होते है। अमरूद के रोगाणुरोधी गुण आंत के रोगाणुओं से भी लड़ सकते हैं और दस्त को रोकने में मदद कर सकते हैं।
- अमरूद हृदय रोगों से दूर करता है: अमरूद का औषधीय गुण पाने के लिए फलों के बीज निकाल कर बारीक-बारीक काटकर शक्कर मिलाकर धीमी आंच पर चटनी बनाकर खाने से हृदयविकार तथा कब्ज में लाभ होता है। (स्वस्थ हृदय)
- अमरूद उल्टी में असरदार: अमरूद आप उल्टियां रोक सकता है। अमरूद के पत्तों का काढ़ा 15 मि.ली. पिलाने से उल्टी बंद हो जाती है। अमरूद की छाल का काढ़ा अथवा छाल के 5-10 ग्राम चूर्ण का सेवन करने से पेचिश, हैजा, दूषित भोजन की विषाक्तता, उल्टी तथा अनपच आदि ठीक होते हैं।
- अमरूद कब्ज करे दूर: प्रातः अमरूद को नाश्ते में काली मिर्च, काला नमक तथा अदरख के साथ खाने से बदहजमी, खट्टी डकारें, पेट फूलना तथा कब्ज का निवारण होकर भूख बढ़ने लगेगी। दोपहर खाने के समय अमरूद को खाने से आंत के दर्द तथा अतिसार में लाभ होता है। (एसिडिटी आसानी से दूर होती है)
- अमरूद पेट दर्द के लिए: पेट दर्द अगर एसिडिटी के कारण है और साथ ही पेट में जलन हो रही है तो अमरुद के पत्ते का काढ़ा फायदेमंद हो सकता है क्योकि इसमें क्षरीयता का गुण पाया जाता है जो कि एसिडिटी को शांत कर पेट में आराम देता है। अमरुद का फल कब्ज के कारण होने वाले पेट दर्द में कब्ज को दूर कर आराम देता है।
- अमरूद त्वचा की गंदगी करे दूर: अमरुद के पत्ते त्वचा के निखार के लिए भी प्रयोग किये जाते है। अमरुद की पत्तियों का लेप कील-मुहासों को दूर करके त्वचा पर निखार लाता है क्योंकि इनमें कषाय गुण पाया जाता है जो त्वचा की गंदगी दूर करता है और तैलीय तत्व को नियंत्रित कर मुंहासों को आने से रोकता है।(खूबसूरत त्वचा लिए)
- अमरूद रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए: विटामिन-सी प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर करने और रोग पैदा करने वाले रोगजनकों से लड़ने में मदद कर सकता है। अमरूद का सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है क्योंकि इसमें विटामिन-सी से भरपूर है। विटामिन-सी शरीर की कोशिकाओं को नुकसान से बचाता है और कई तरह की बीमारियों से शरीर की रक्षा करता है। (मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता)
- अमरूद तनाव को दूर करने के लिए: मैग्नीशियम शरीर की नसों और मांसपेशियों को आराम देने के लिए जाना जाता है और तनाव को कम कर सकता है। मैग्नीशियम व्यक्तियों में चिंता को दूर करने में मदद कर सकता है। मैग्नेशियम के लिए अमरूद का सेवन कर सकते हैं। यह न सिर्फ शरीर को ठंडा रखेगा बल्कि तनाव और चिंता के स्तर को भी काफी हद तक कम कर सकता है। (एक सेब हर सुबह)
- अमरूद ब्लड प्रेशर के लिए: उच्च रक्तचाप हाई ब्लड प्रेशर में अमरूद को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। अमरूद के मौसम में हर रोज या हर दूसरे दिन अमरूद को अपने डाइट में शामिल करें। अमरूद में पोटैशियम होता है और पोटैशियम की उच्च मात्रा दिल को स्वस्थ रखती है व ब्लड प्रेशर को भी कम करती है। (कोलेस्ट्रॉल)
- अमरूद थायराइड के लिए: थायराइड कोई बीमारी नहीं है बल्कि सभी के गले में मौजूद ग्रंथि होती है जो मेटाबॉलिज्म को सही रखती है और हम जो भी खाना खाते हैं, उसे एनर्जी में बदलती है। साथ ही यह ग्रंथि हार्मोन का भी निर्माण करती है। जब ये हॉर्मोन असंतुलित होते हैं तो उसे थाइराइड कहते हैं। थायराइड से बचने के लिए अपनी डाइट में हरी-सब्जियां, फल, जूस और अन्य सेहतमंद खाद्य पदार्थों का सेवन करें। अमरूद का सेवन थाइराइड में फायदेमंद है क्योंकि अमरूद में कॉपर होता है और कॉपर थाइराइड में बहुत महत्वपूर्ण होता है। कॉपर की कमी से थायराइड के साथ-साथ कई अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। (थायराइड की पहचान और उपाय)