इस दौरान भाद्रपद में शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन हस्त नक्षत्र में माता पार्वती ने रेत से शिवलिंग का निर्माण किया और भोलेनाथ की आराधना में मग्न होकर रात्रि जागरण किया। माता पार्वती के कठोर तप को देखकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए और पार्वती जी की इच्छानुसार उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया। तभी से अच्छे पति की कामना और पति की दीर्घायु के लिए कुंवारी कन्या और सौभाग्यवती स्त्रियां हरतालिका तीज का व्रत रखती हैं और भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त करती हैं।
हरतालिका तीज व्रत पूजा-सामग्री: गीली काली मिट्टी या बालू रेत। बेलपत्र, शमी पत्र, केले का पत्ता, धतूरे का फल एवं फूल, अकांव का फूल, तुलसी, मंजरी, जनैव, नाडा, वस्त्र, सभी प्रकार के फल एवं फूल पत्ते, श्रीफल, कलश, अबीर, चन्दन, घी-तेल, कपूर, कुमकुम, दीपक।
हरतालिका तीज व्रत के नियम : हरतालिका तीज का व्रत बहुत नियमों के साथ किया जाता है। इस दिन जल ग्रहण नहीं किया जाता है। अगले दिन सुबह पूजा करने के बाद जल ग्रहण करने का विधान है। इस व्रत की पात्र कुमारी कन्यायें या सुहागिन महिलाएं दोनों ही हैं परन्तु एक बार व्रत रखने बाद जीवन पर्यन्त इस व्रत को रखना पड़ता है। यदि व्रती महिला गंभीर रोगी हालात में हो तो उसके वदले में दूसरी महिला या उसका पति भी इस व्रत को रखने का विधान है। इस व्रत के व्रती को शयन का निषेध है, इसके लिए उसे रात्रि में भजन कीर्तन के साथ रात्रि जागरण करना पड़ता है। प्रातः काल स्नान करने के पश्चात् श्रद्धा एवम भक्ति पूर्वक किसी सुपात्र सुहागिन महिला को श्रृंगार सामग्री ,वस्त्र ,खाद्य सामग्री ,फल,मिष्ठान्न एवम यथा शक्ति आभूषण का दान करना चाहिए। यह व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। प्रत्येक सौभाग्यवती स्त्री इस व्रत को रखने में अपना परम सौभाग्य समझती है।
मंत्र का संकल्प करके मकान को मंडल आदि से सुशोभित कर पूजा सामग्री एकत्र करें। हरतालिका पूजन प्रदोष काल में किया जाता हैं। प्रदोष काल अर्थात् दिन-रात के मिलने का समय। संध्या के समय स्नान करके शुद्ध व उज्ज्वल वस्त्र धारण करें। तत्पश्चात पार्वती तथा शिव की सुवर्णयुक्त यदि यह संभव न हो तो मिट्टी की प्रतिमा बनाकर विधि-विधान से पूजा करें। बालू रेत अथवा काली मिट्टी से शिव-पार्वती एवं गणेशजी की प्रतिमा अपने हाथों से बनाएं। इसके बाद सुहाग की पिटारी में सुहाग की सारी सामग्री सजा कर रखें, फिर इन वस्तुओं को पार्वतीजी को अर्पित करें। शिवजी को धोती तथा अंगोछा अर्पित करें और तपश्चात सुहाग सामग्री किसी ब्राह्मणी को तथा धोती-अंगोछा ब्राह्मण को दे दें। इस प्रकार पार्वती तथा शिव का पूजन-आराधना कर हरतालिका व्रत कथा सुनें। तत्पश्चात सर्वप्रथम गणेशजी की आरती, फिर शिवजी और फिर माता पार्वती की आरती करें। भगवान की परिक्रमा करें। रात्रि जागरण करके सुबह पूजा के बाद माता पार्वती को सिंदूर चढ़ाएं। ककड़ी-हलवे का भोग लगाएं और फिर ककड़ी खाकर उपवास तोड़ें, अंत में समस्त सामग्री को एकत्र कर पवित्र नदी या किसी कुंड में विसर्जित करें।
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इस दिन माता पार्वती और शिवजी को खुश करने के लिए अगर पूजा के साथ ही उनके निमित्त उपाय भी किए जायें तो आपके बहुत से काम बन सकते हैं।
हरतालिका तीज व्रत संतान की तरक्की: इस दिन 11 बिल्व पत्र लेकर साफ पानी से धोकर उन पर रोली से टीका करके शिवलिंग पर चढ़ायें और हर बार एक बिल्व पत्र चढ़ाते समय गायत्री मंत्र का जाप करें।
ऊँ भूर्भुव स्वः तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।
हरतालिका तीज व्रत से आर्थिक परेशानी दूर: अपने जीवनसाथी को आर्थिक स्थिति अच्छी करने के लिए इस दिन भगवान शिव को नमस्कार करके उन्हें आक के 5 फूल चढ़ा कर शिव चालीसा का पाठ करें।
हरतालिका तीज व्रत से जीवन के हर क्षेत्र में तरक्की: अपने जीवन में हर सफलता के लिए इस दिन भगवान शिव का आशीर्वाद लेकर किसी जरूरतमंद को यथाशक्ति, यानी जितनी आपकी क्षमता हो उतना अनाज भेंट करें।
हरतालिका तीज व्रत से दाम्पत्य जीवन में मधुरता: इस दिन केले के टुकड़ों को शहद में डुबोकर शिवलिंग पर चढ़ाइए। इस दिन ऐसा करने से दाम्पत्य जीवन में अपार मधुरता बढ़ती है।
हरतालिका तीज व्रत से किस्मत अवश्य बदलती है: इस दिन शिव मन्दिर में बेल पत्रों की माला चढ़ाने के साथ ही प्रसाद के रूप में भगवान को केले का फल अर्पित करें। इस के दिन ऐसा करने से किस्मत का सितारा हमेशा चमकता रहेगा।
हरतालिका तीज व्रत से वैवाहिक जीवन आ रही परेशानी दूर: इस दिन पानी में गंगाजल के साथ ही केसर भी डालिये और थोड़ी-थोड़ी मात्रा करके 7 बार में शिवलिंग पर अर्पित कीजिये। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में आ रही परेशानियों दूर होती है।
हरतालिका तीज व्रत से जीवनसाथी का अटका काम शीघ्र बनता है: शिव मन्दिर में एक तेल का दीपक जलाने के बाद 11 बार ऊँ ऐं ह्रीं शिव गौरीमय ह्रीं ऐं ऊँ मंत्र का जाप भी करें।
हरतालिका तीज व्रत से बिना अड़चन प्रेम-विवाह सफल: इस दिन शिव मन्दिर में अक्षत, यानी बिना टूटे हुये चावल चढ़ाएं और वहां के पुजारी से कहिये कि वो उन चावलों में से एक मुट्ठी चावल निकालकर आपकी झोली में डाल दें।
हरतालिका तीज व्रत से दाम्पत्य जीवन खुशहाल: शिवलिंग पर कच्चा दूध मिला हुआ जल चढ़ाने के साथ-साथ अपने माथे पर रोली का तिलक लगाएं। इस दिन ऐसा करने से दाम्पत्य जीवन खुशहाली मिलती है।
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