आयुर्वेद के अनुसार सभी रोग वात, पित्त और कफ के असंतुलन के कारण होती है। (According to Ayurveda all diseases are caused by imbalance of vat, pit, kaf and itching is due to vat, pit & kaf. दूषित पानी या फिर दवाइयों का सेवन करने के कारण भी शरीर में खुजली की समस्या हो जाती हैै। कई बार त्वचा पर एलर्जी होने से खुजली हो जाती है। इसे एक प्रकार का चर्मरोग भी कह सकते हैं। शरीर में खुजली होने के कई कारण होते हैं जैसे किसी खाद्य पदार्थ या दवा से एलर्जी, त्वचा का रूखा होना, ठीक से न नहाना, गंदे कपड़े पहनना, मच्छर या अन्य कीट के काटने पर, कोई चर्म रोग या पेट में कीड़े होने आदि पर खुजली की समस्या हो सकती है।
इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी के कारण खुजली होती है (Itching is caused by disturbances in the immune system): शरीर में इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी के कारण भी खुजली हो जाती है। किडनी में खराबी होने पर टॉक्सिन्स बाहर नहीं निकल पाते और इससे खुजली होने लगती है। ब्लड में शुगर लेवल बढ़ जाने के कारण स्किन तक सही तरीके से खून नहीं पहुंच पाता और खुजली होने लगती है। आयरन की कमी हो जाती है और रेड ब्लड सेल्स घट जाते हैं। स्किन ड्राई होने से खुजली होती है। कमजोर लिवर की वजह से भी खुजली हो सकती है। पसीने, नमी से फंगल या बैक्टीरियल इंफेक्शंस के कारण खुजली होने लगती है। हार्मोनल चेंज के कारण स्किन ड्राई हो जाती है और इसमें खुजली होने लगती है। पेट के कीड़े, जुएं जैसे परजीवी खून चूसते हैं। इसके कारण स्किन में रिएक्शन होता है और खुजली होने लगती है। शरीर में पानी की कमी के कारण स्किन ड्राई हो जाती है। इससे खुजली होने लगती है।
कई तरह की खुजली होती है (Various types of itching)
साइकोजेनिक खुजली (Psychogenic itching): इस प्रकार की खुजली में सामान्य त्वचा पर खुजली करने की तीव्र इच्छा होती है। माना जाता है कि इस प्रकार की खुजली डिप्रेशन, एंग्जायटी और अन्य मानसिक विकारों के कारण हो सकती है।
न्यूरोपैथिक खुजली (Neuropathic itching): इस प्रकार की खुजली केंद्रीय या पेरिफेरल न्यूरॉन्स को नुकसान पहुँचाने के कारण होती है। यह खुजली तंत्रिका तंत्र से जुड़े विकारों जैसे हाथों में लगातार सुई चुभने जैसा एहसास के कारण हो सकती है। यह विकार कई बार खुजली के साथ दर्द का भी कारण बन सकते हैं।
प्रुरिटोसेप्टिव खुजली (Pruritoseptive itching): यह खुजली सूजन या किसी स्किन डैमेज के कारण हो सकती है। यह बढ़ती उम्र या स्किन एलर्जी के कारण भी हो सकती है।
बिना दानों वाली खुजली (Untreated itching): धूल-मिट्टी, प्रदूषण, गरम कपड़ों, धूप में अधिक देर तक रहने, या किसी अंदरूनी समस्या के कारण हो सकती है। दानों वाली खुजली ज्यादातर किसी प्रकार के संक्रमण के कारण होती है।
खुजली के कारण हो सकते है (The causes of itching can be): त्वचा पर लाल, खुजलीदार चकत्ते, स्किन एजिंग, साबुन, केमिकल, रूखी त्वचा, पित्ती, सोरायसिस, कीड़े का काटना, रैशज, सनबर्न, चिकनपॉक्स, स्किन एलर्जी, हेपेटाइटिस आयरन की कमी, किडनी से जुड़े विकार, पीलिया और लिवर से जुड़े विकार इत्यादि।
वर्षों से खुजली के घरेलू उपाय (Home remedies for itching over the years)
नहाने के पानी में मिलाएं ये चीज (Mix this thing in bath water): नहाने का पानी साफ-सुथरा होना चाहिए उसमें किसी भी प्रकार की गंदगी नहीं होनी चाहिए। नहाने के गुन-गुने पानी में एक चम्मच बेकिंग सोडा और 2-3 चम्मच नींबू का रस मिलाना है। इसको पानी में अच्छी तरह मिक्स कर लें और उसके बाद इसी पानी से नहाएं, ऐसा एक हफ्ते तक करना चाहिए। इसमें मौजूद एंटीफंगल गुण त्वचा पर संक्रमण फैलाने वाले फंगस को खत्म करके खुजली से राहत दिलाते है।
एलोवेरा खुजली के लिए फायदेमंद (Aloe vera beneficial for itching): सुबह खाली पेट 20-25 मि.ली. एलोवेरा का जूस पीने से सभी प्रकार के त्वचा विकार, एवं खुजली से राहत एलोवेरा के गूदे को निकालकर त्वचा पर लगाएं, और 15 मिनट बाद गरम पानी से धो लें।
तुलसी खुजली के लिए फायदेमंद (Tulsi is beneficial for itching): एक बाल्टी पानी में एक मुट्ठी तुलसी की पत्तियां उबाल लें। अब इस पानी से स्नान करें। चाहें तो तुलसी की पत्तियों का पेस्ट बनाकर प्रभावित जगह पर लगाया जा सकता है। तुलसी एक गुणकारी औषधि है, इसका इस्तेमाल खुजली के लिए किया जा सकता है। तुलसी में मौजूद एंटीमाइक्रोबियल गुण त्वचा पर संक्रमण फैलाने वाले कीटाणुओं को खत्म करके त्वचा को संक्रमण मुक्त रखने में मदद कर सकते हैं। वहीं, इसके एंटीइंफ्लेमेटरी गुण सूजन से आराम दिलाने में सहायक हो सकते हैं।
खुजली से छुटकारा (Get rid of itching)
गिलोय खुजली के लिए फायदेमंद (Giloy beneficial for itching): सुबह-शाम गिलोय के रस का सेवन करें। इससे खुजली एवं अन्य त्वचा विकारों से आराम मिलता है। यह बहुत फायदेमंद होता है।
ओटमील पाउडर खुजली के लिए फायदेमंद (Oatmeal powder beneficial for itching): ओटमील पाउडर को पानी में मिलाकर पेस्ट बनाएं। प्रतिदिन सूखी त्वचा पर लगाएं। यह खुजली से आराम दिलाने में मदद करता है।
खुजली के लिए आम के पेड़ की छाल फायदेमंद (Mango tree bark is beneficial for itching): 20 ग्रा. आम के पेड़ की छाल और 20 ग्रा. बबूल के पेड़ की छाल को एक लीटर पानी में उबाल लें। इस पानी से खुजली वाली जगह पर भाप लें। इसके बाद इस जगह पर घी लगाएं।
नीम खुजली के लिए फायदेमंद (Neem is beneficial for itching): नीम की पत्तियों को उबालकर उस पानी से स्नान करने से शरीर और त्वचा में मौजूद कीटाणु और खुजली समाप्त हो जाती है।
लहसुन खुजली के लिए फायदेमंद (Garlic is beneficial for itching): लहसुन की कुछ कलियां लेकर उसे सरसों के तेल में डालकर गर्म करें। जब वे कलियां पूरी तरह से जल जाए, तो उस तेल को छानकर पूरे शरीर में उसकी मालिश करें। ऐसा करने से खुजली दूर हो जाती है।
तिल खुजली के लिए फायदेमंद (Sesame is beneficial for itching): तिल या सरसों के तेल को गर्म करके ठंडा कर इस तेल से की गई मालिश से विकार खत्म होकर खुजली की समस्या दूर हो जाती है।
नारियल का तेल खुजली के लिए फायदेमंद (Coconut oil beneficial for itching): गुनगुने पानी से स्नान कर लें और शरीर को अच्छी तरह सूखा लें। आवश्यकतानुसार नारियल का तेल लें और प्रभावित जगह पर लगाएं। पूरे बॉडी में खुजली का इलाज करने के लिए पूरे शरीर पर तेल से मालिश कर सकते हैं। नारियल तेल माना जाता है कि यह बच्चों में एक्जिमा और डर्मेटाइटिस के लक्षण को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, यह रूखी त्वचा को नम बनाए रखने में भी मदद करता है।
विटामिन खुजली के लिए फायदेमंद (Vitamins beneficial for itching): विटामिन-ए, सी और ई त्वचा को संक्रमण से होने वाली खुजली से बचाए रखने में मदद कर सकते हैं। विटामिन-ए त्वचा कोशिकाओं को स्वस्थ और पोषित रखने का काम करता है। विटामिन-सी और ई एंटीऑक्सीडेंट गुणों से समृद्ध होते हैं जो त्वचा को फ्री रेडिकल्स से बचाए रख सकते हैं। फ्री रेडिकल्स स्किन एजिंग का कारण बन सकते हैं। खट्टे फल, हरी सब्जियां, अंडे, दूध आदि विटामिन से भरपूर होते है।
खुजली में केला फायदेमंद होता है (Banana is beneficial in itching): यह पोटेशियम से भरपूर होता है। इसके साथ-साथ केला में हिस्टामाइन की मात्रा को कम करने वाले पोषक तत्व, मैग्नेशियम और विटामिन सी भी होता है। यह खुजली में लाभ दिलाता है।
सामान्य तौर पर धूल-मिट्टी, प्रदूषण या ऊनी कपड़े पहनने से जो खुजली होती है, वह कुछ देर बाद, या एक-दो दिन में घरेलू उपचार करने पर अपने आप ही ठीक हो जाती है। अगर खुजली दो-तीन दिन से ज्यादा बनी रहती है, खुजाने पर त्वचा लाल हो जाती है, या फिर खुजली के साथ-साथ त्वचा पर दानें निकल आते हैं तो तुरन्त डॉक्टर से कब सम्पर्क करें।