स्वास्थ्य विभाग की बैठक के बाद उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के सीएमओ को कोरोना संक्रमण से इलाज तथा बचाव के लिए आइवरमेक्टिन टैबलेट के प्रयोग की अनुमति का आदेश जारी कर दिया गया है, स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कोरोना पॉजिटिव रोगी के संपर्क में आये हुए लोगो के बचाव के लिए आइवरमेक्टिन दवा दी जा सकती है। जुएं मारने और दाद-खाज-खुजली के इलाज के लिए दी जाने वाली दवा से कोरोना का इलाज और बचाव दोनों ही संभव हो सकता है।
आइवरमेक्टिन त्वचा के संक्रमण, सूचि-कृमि संक्रमणों, सूजन-संबंधी रोग, बालों के पराश्रयी संक्रमण, सूचि-कृमि संक्रमण, पराश्रयी निमेटोड कीड़े की आंतों में संक्रमण, चेतक कृमि का संक्रमण, पराश्रयी फाइलेरिया से उत्पन्न कृमि संक्रमण, बढ़े हुए अवयव और अन्य स्थितियों के उपचार के लिए निर्देशित किया जाता है।
इस दवा का ईस्तेमाल परजीवी राउंडवॉर्म संक्रमणों के इलाज के लिए किया जाता है, आमतोर पर परजीवी राउंडवॉर्म संक्रमन जीवन के अन्य कामो में बाधा बन सकता है, इसिलिए इसके इलाज करने से जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है। राउंडवॉर्म संक्रमण आगे जाके गंभीर और जानलेवा संक्रमण के रूप में भी विकसित हो सकता है, आइवरमेक्टिन एक ऐसी दवा है जिसे एंटीहेल्मिंटिक्स माना जाता है,यह परजीवियों को लकवा देती है इस वजह से परजीवियों की संक्रमन की शक्ती नष्ट कर देती है।
यह एक मौखिक गोली है जिसे एक गिलास पानी के साथ लेना चाहिये, साथ में यह भी ध्यान में रखें की इसे खाना खाने से एक पहले इसको लेने की सलाह है। आमतोर पर इसे एक खुराक में खाना पडता है लेकिन बिमारी के अनुसार डॉक्टर खुराक निश्चित करते है।
चिकित्सक के निर्देशों के अनुसार दवा का सेवन करें। बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लें।
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