Itraconazole-इट्राकोनाजोल

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इट्राकोनाजोल-Itraconazole

इस दवा का उपयोग मुख्य रूप से फंगल इन्फेक्शन के इलाज के लिए किया जाता है। यह एजोल एंटीफंगल के ड्रग ग्रुप के अंतर्गत आता है। यह शरीर में फंगल ग्रोथ को रोककर विभिन्न प्रकार के फंगल इन्फेक्शन का इलाज, कंट्रोल, रोकथाम और सुधार करने में मदद करता है। यह एर्गोस्टेरॉल के संश्लेषण को बाधित करके काम करता है जो फंगस कोशिका झिल्ली का एक महत्वपूर्ण घटक है। फंगल संक्रमण के अलावा, यह छाती और पीठ पर फ्लाकी डिस्कलरेड पड़े हुआ पैच के इलाज के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। फंगल इनफेक्शन आपके पूरे शरीर में कहीं भी उत्पन्न हो सकता है। अगर इसका इलाज समय पर नहीं किया गया तो यह संक्रमण जटिलता का रूप ले लेता है। जिसे ठीक कर पाना बहुत ही मुश्किल होती है।

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शरीर के कुछ हिसो में उजले रंग का धब्बा होना। यह भी एक तरह का फंगल इन्फेक्शन ही है। इस फंगल इन्फेक्शन के कारण चमड़े का रंग बदल जाता है। चमड़े पर उजले रंग के धब्बे पड़ जाते हैं। यह शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है। कुछ लोगों के चेहरे पर भी इसका असर देखा गया है। जिसके कारण कुछ लोग बहुत ज्यादा परेशान हो जाते हैं। पीटीरिऑसिस वेरसिकलोर को भी दूर करने में इट्राकोनाजोल के कैप्सूल बहुत ही बेहतर काम करते हैं।

फंगल इनफेक्शन बहुत तरह के होते हैं। जैसे नाखूनों में फंगल इनफेक्शन, बालों में फंगल इनफेक्शन, गुप्तांगों में फंगल इनफेक्शन, पूरे शरीर में कहीं भी फंगल इनफेक्शन, आंखों में फंगल इनफेक्शन, रिंगवॉर्म, इत्यादि। इसके लिए उस फंगल इनफेक्शन को पहचानना तथा उसके अनुसार फंगल इनफेक्शन की दवाइयां चलाना महत्वपूर्ण होती है। इट्राकोनाजोल सभी तरह के फंगल संक्रमण को ठीक करता है। 

यह उन रोगियों को अत्यधिक सलाह दी जाती है जो किसी भी दिल, किडनी, लिवर या फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित होते हैं, इस दवा को निर्धारित करने से पहले डॉक्टर को इसके बारे में सूचित करें। गर्भवती या स्तनपान करने वाली महिलाओं को इसके उपयोग से बचने की सलाह दी जाती है और यदि आवश्यक हो, तो डॉक्टर से परामर्श करें।

दवा लेने के कम से कम दो घंटे तक एंटासिड या एसिड ब्लॉकर्स के उपयोग से बचा जाना चाहिए क्योंकि इससे दक्षता कम हो सकती है। इसमें चक्कर आना और धुंधली दृष्टि इस दवा के सामान्य दुष्प्रभावों में से एक है, यह सलाह दी जाती है कि ड्राइविंग से बचें या किसी भी ऐसे काम को न करें जिसमें एकाग्रता शामिल हो। 

बिना डॉक्टर के सहमति के ना तो कोई दवा अपने आप शुरू करें और ना ही बंद करें और ना ही उसकी खुराक को बदलें।


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