मसूड़ों और दांतों की मजबूती का आयुर्वेदिक तरीका
(Ayurvedic way to strengthen gums and teeth)
मसूड़ों से खून निकलना सामान्य समस्या नहीं है (Bleeding gums are not a common problem) : मसूड़े कमजोर होना एक सामान्य समस्या है। लेकिन यदि समय पर इसका उपचार नहीं किया गया तो यह गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है। समान्य रूप से मसूड़ों के कमजोर होने के बहुत से कारण होते हैं। इन कारणों में oral hygiene और nutrients की कमी प्रमुख हैं। इसके अलावा अन्य कारण इस प्रकार हैं। नियमित रूप से मुंह की उचित सफाई न करना। ऐसी स्थिति में मुंह में bacteria और अन्य harmful bacteria के लिए अनुकूल हो जाता है। जिससे मसूड़ों पर पट्टिका का निर्माण हो सकता है। जिसके कारण मसूड़ों की सूजन और रक्तस्राव आदि होते हैं।
शरीर में Vitamin C की कमी भी मसूड़ों के खराब स्वास्थ्य का प्रमुख कारण है। Vitamin C की कमी के कारण ही मसूड़ों से रक्तस्राव होता है। इसके अलावा मसूड़ों में संक्रमण होने की स्थिति में भी gums से blood आता है। यदि नरम ऊतक और हड्डी जो आपके दांतों को कसते या पकड़ते हैं संक्रमित हो सकते हैं। जिसके परिणामस्वरूप मसूड़ों की बीमारी या पेरियोडोंटाइटिस periodontitis की समस्या हो सकती है। लेकिन यदि संक्रमण बहुत अधिक फैल गया है तो इस स्थिति में आपके दांत मसूड़ों से दूर या निकल भी सकते हैं। मुंह में गंदगी का बना रहना मसूड़ों और दांतों को नुकसान पहुंचा सकता है।
पायरिया से बचाव और उपाय
(Prevention and Remedy for Pyria)
पायरिया pyuria का मुख्य कारणbacteria होता है। ये bacteria प्लाक बनाते हैं, जिन्हें साफ न करने पर ये टार्टर बन सकते हैं और pyuria का रूप ले सकते हैं। जिन लोगों के मुंह से दुर्गंध आती है, उनमें में से पायरिया है, जो एक गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्या है। इस दुर्गंध के पीछे कई कारण हो सकते हैं। यह मुंह से जुड़ा रोग है, जिसका प्रभाव मसूड़ों और दांतों पर नकारात्मक रूप से पड़ सकता है। मसूड़े की swelling यह pyuria का सबसे सामान्य रूप है। इस स्थिति में मसूड़ों में सूजन हो सकती है और लाल रंग के नजर आ सकते हैं। प्रतिदिन दांतों की सफाई के दौरान इनमें से खून भी निकल सकता है। हल्के पायरिया के कारण मसूड़ों में सूजन हो सकती है। इस स्थिति में मसूड़े, दांतों के आसपास अपनी जगह छोड़ने लगते हैं। इससे दांतों के आसपास की हड्डी को जल्दी नुकसान हो सकता है। जब दांतों को सहारा देने वाली हड्डियों को नुकसान पहुंचने लगता है। साथ ही दांत ढीले होने लगते हैं। यह मसूड़ों की बीमारी की सबसे गंभीर स्थिति है।
मसूड़ों और दांतों के लिए मल्टी विटामिंस
(Multi Vitamins For Gums And Teeth)
नारियल का तेल (Coconut Oil) : नारियल के तेल में anti-inflammatory गुण होते हैं जो कि मसूड़ों में सूजन और खून बहने की समस्या से छुटकारा दिला सकता है। इस तेल में मौजूद anti-microbial गुण दांतों को साफ रखते हैं। इसे इस्तेमाल करने के लिए नारियल के तेल को 10 मिनट तक मुंह में घुमाते रहें।
लौंग का तेल (Clove Oil) : लौंग का तेल anti-bacterial गुणों के भरपूर होता है। साथ ही anti-bacterial गुण मसूड़ों से खून बहने की समस्या के खिलाफ फायदेमंद होता है। मसूड़ों पर सीधे लौंग का तेल लगा सकते हैं। लौंग के तेल की कुछ बूंदें लें और इसे थोड़ा गर्म करें फिर इस गर्म लौंग के तेल को मसूड़ों पर दिन में 2 बार लगाएं। इसे मसूड़ों पर लगभग 10 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर गुनगुने पानी से धो लें।
नमक का पानी (Salt Water) : नमक के पानी का नियमित इस्तेमाल मसूड़ों से खून बहने के प्रभावी घरेलू उपचार में से एक है। नमक में anti-inflammatory और antiseptic गुण होते हैं जो मसूड़ों में सूजन और संक्रमण को कम करने में उपयोगी होता है। नमक की कुछ मात्रा के साथ थोड़ा गर्म पानी मिलाएं और इससे कुल्ला करें। ऐसा दिन में लगभग 2-3 बार ऐसा कर सकते हैं।
विटामिनस (Vitamins) : चूंकि मसूड़ों से खून आने का एक कारण शरीर में विटामिन की कमी है, इसलिए विटामिन की सही खुराक का सेवन करके इसे रोका जा सकता है। इसके लिए ऐसे खाद्य पदार्थों को diet में ज्यादा शामिल करना चाहिए जो विटामिन सी और विटामिन-के से भरपूर होते हैं। नीबू, आंवला, संतरे, गाजर का सेवन लाभकारी होता है।
शहद (Honey) : शहद anti-bacterial है, जिसमें मसूड़ों में सूजन और खून आने जैसे bacterial संक्रमण से लड़ने के गुण पाए जाते हैं। मसूड़ों की सूजन कम करने वाले anti-inflammatory गुण भी होते हैं। इसे इस्तेमाल करने के लिए उंगुली में थोड़ा सा शहद लें और हल्के-हल्के मसूड़ों पर मसाज करें।
नमक के साथ सरसों का तेल (Mustard Oil With Salt) : एक छोटा चम्मच नमक लें। अब इसमें दो-तीन बूंदें सरसों का तेल मिलाकर पेस्ट बना लें। फिर soft brush की सहायता से अपने दांतों और मसूड़ों को इस पेस्ट से साफ करें।
अदरक (Ginger) : अदरक का सेवन भी पायरिया के उपचार में मदद कर सकता है। अदरक में gingerol नामक कार्बनिक यौगिक पाया जाता है। gingerol में anti-bacterial गुण होता है, जो पायरिया के bacteria के खिलाफ सक्रिय रूप से काम कर सकता है। इससे पायरिया के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
तुलसी (Tulsi) : तुलसी भी पायरिया को ठीक करने में सहायता करती है। तुलसी में antiplaque प्रभाव पाया जाता है। यह गुणकारी प्रभाव प्लाक के कारण होने वाले पायरिया के उपचार में मदद कर सकता है। यह गुण gums में होने वाली swelling को ठीक करके पायरिया के उपचार में मदद कर सकता है। इसे mouth wash की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। तुलसी की ताजी पत्तियों को तोड़ लें और इसे पानी से अच्छी तरह धो लें। अब तुलसी की पत्तियों को ओखली में कूटकर इसका अर्क निकाल लें। फिर इस अर्क को mouth wash के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।
लेमन ग्रास ऑयल (Lemon Grass Oil) : पायरिया से बचाव के तरीके में lemon grass oil लाभकारी होता है। lemon grass oil में citronella d-limoneneऔर Geraniol जैसे chemical compound पाए जाते हैं। ये compound पायरिया की गंभीर स्थिति को पैदा करने वाले bacteria को रोकने में मदद कर सकते हैं। साथ ही प्लाक के कारण बढ़े हुए पायरिया के जोखिम को कम करने में भी मदद कर सकते हैं।
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