रक्त कोशिकाएं-Blood Cells

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रक्त कोशिकाएं-Blood Cells

शरीर के वजन का 10 प्रतिशत भार सिर्फ खून का होता है। जो शरीर में ऊपर से नीचे तक ऑक्सीजन और पोषण ले जाने का काम करता है। रेड ब्लड सेल्स (लाल रक्त कोशिका) खून का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा होती है, जिसकी कमी से खून एक गंदा पानी बन जाता है और पोषण ले जाने का काम बाधित हो जाता है। मनुष्य के शरीर में लगभग पांच लीटर खून मौजूद रहता है। खून में लाल रक्त कोशिकाएं (RBC) और सफेद रक्त कोशिकाएं (WBC) मौजूद रहती हैं। दोनों का ही हमारे शरीर के लिए अहम है। लाल रक्त कोशिकाएं शरीर के विभिन्न हिस्सों के ऊतकों  (Tissues) तक ऑक्सीजन ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जबकि ठीक इसके विपरीत श्वेत रक्त कोशिकाएं एंटीबॉडी बनाकर शरीर के रक्षातंत्र में मदद करती हैं।

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खून में लाल रक्त कोशिका कितनी होनी चाहिए (How many red blood cells should be in blood?): पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के लिए जरूरी रेड ब्लड सेल्स की संख्या अलग-अलग होती है। पुरुषों के ब्लड में 4.7 से 6.1 मिलियन रेड ब्लड सेल्स प्रति 1 माइक्रोलीटर होनी चाहिए। वहीं, महिलाओं में यह 4.2 से 5.4 मिलियन और बच्चों में 4.0 से 5.5 मिलियन होनी चाहिए।

लाल रक्त कोशिकाएं (RBC): लाल रंग की कोशिकाएं जिन्हें एरिथ्रोसाइट कहते हैं और यह खून का सबसे बड़ा हिस्सा होते हैं। यह सेल्स बहुत ही छोटी और चपटी हुई होती हैं। यह कटोरीनुमा आकार में होती हैं। यह सेल्स कार्बन डाइक्साइड को फेफड़ों तक पहुंचाते हैं, जिससे कार्बन डाइक्साइड शरीर से बाहर निकलते हैं। यदि इनके अहम काम की बात करें तो इनका काम शरीर के हर अंग तक रक्त के माध्यम से ऑक्सीजन की आपूर्ति करना होता है।

कैसे बनती है लाल रक्त रक्त कोशिकाएं (How are red blood cells made?): रेड ब्लड सेल्स हड्डियों के अंदर अस्थि मज्जा (Bone Marrow) में होता हैए जिसमें हीमोग्लोबिन नाम का प्रोटीन होता है। यही प्रोटीन ऑक्सीजन और पोषण को दूसरे अंगों तक ले जाता है। इनका जीवन अधिक लंबा नहीं होता है, यह सिर्फ 120 दिनों तक ही जीवित रहती हैं। इसके बाद यह खुद ही नष्ट हो जाती है। हालांकि, इनका फिर से निर्माण होता है और यह प्रक्रिया चलती रहती है। एनीमिया, ब्लड लॉस, खून का कैंसर, बोन मैरो डिसऑर्डर, दिल और फेफड़ों की बीमारी के कारण शरीर में रेड ब्लड सेल्स बनना बंद हो जाती है।

लाल रक्त कोशिकाओं का प्रभाव (Effects of red blood cells): लाल रक्त कोशिकाओं की कमी से शरीर के अंगों तक सही मात्रा में ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पाती है। इसके अलावा, (RBC) कमी की वजह से जल्दी थकान, शरीर का पीला पड़ना और दिल की धड़कन का कम या ज्यादा होने जैसी परेशानियां होती हैं। जिन बच्चों  में (RBC) की कमी होती है, उनमें बाकी बच्चों की तुलना में स्वास्थ्य का विकास धीमी रफ्तार से होता है।

सफेद रक्त कोशिकाएं (WBC): व्हाइट ब्लड सेल्स शरीर को बीमारियों से लड़ने के काबिल बनाता है। जब मानव शरीर पर बैक्टीरिया या वायरस हमला करते हैं, तब हमारे खून में मौजूद सफेद रक्त कोशिकाएं उनसे डटकर सामना करती हैं, जिन्हें लिम्फोसाइट्स  (Lymphocytes) कहते हैं। जब भी शरीर में कोई भी बैक्टीरिया या वायरस का हमला करता करता है, ये सबसे पहले सक्रिय होती हैं। इनका रंग सफेद या बेहद हल्के नीले रंग का दिखाई देता है।

सफेद रक्त कोशिकाओं का प्रभाव (Effects of white blood cells): सफेद रक्त कोशिका का निर्माण भी अस्थि मज्जा (Bone Marrow) में ही होता है। ये हीमैटोपोएटिक स्टेम सेल्स से बनी हुई होती हैं। इनमें अलग-अलग नेचुरल कीलर-सेल्स, बी-सेल्स और टी-सेल्स होते हैं।

सफेद रक्त कोशिकाओं (WBC) की  कमी (Deficiency of white blood cells (WBC): यदि शरीर में सफेद रक्त कोशिकाएं कम हो जाए, तो शरीर में संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है, जिससे बीमारी बड़ी आसानी से बढ़ने लगती है। शरीर को बीमारियों से बचाने के लिए सफेद रक्त कोशिका बहुत जरूरी होती है।

रक्त में मौजूद लाल रक्त कोशिकाएं की संख्या में वृद्धि (Increase in the number of red blood cells present in the blood): खून में लाल रक्त कोशिकाओं में वृद्धि को पॉलीसिथेमिया (Polycythaemia) के रूप में जाना जाता है, जबकि कमी को एनीमिया (Animia) के रूप में जाना जाता है। रक्त में लाल रक्त कोशिका (RBC) की गिनती का आंकड़ा ज्यादा है तो यह जन्मजात हृदय रोग या डीहायड्रेशन (Dehydration) जैसी स्थिति के कारण हो सकता है। यदि आपकी लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या अधिक है, तो आपको एरिथ्रोसाइटोसिस नामक बीमारी है। इससे आपका रक्त आवश्यकता से अधिक गाढ़ा हो जाता है और इससे रक्त के थक्कों का खतरा बढ़ सकता है। उच्च लाल रक्त कोशिका गिनती वाले लोगों में कोई लक्षण विकसित होते हैं जैसे-थकान, सांस की तकलीफ, सिरदद, धुंधली नजर, नींद संबंधी विकार, जोड़ों का दर्द, खुजली वाली त्वचा, झुनझुनी होना, नकसीर इत्यादि।

लाल रक्त कोशिकाओं में वृद्धि का कारण बन सकती है (Can cause an increase in red blood cells): हृदय की विफलता, जिसके कारण रक्त में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है, जन्मजात हृदय रोग, पॉलीसिथेमिया वेरा रक्त कैंसर जिसमें आपकी अस्थि मज्जा बहुत अधिक लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करती है, गुर्दे के ट्यूमर, फेफड़ों की बीमारी, जैसे वातस्फीति, सीओपीडी, फुफ्फुसीय फाइब्रोसिस हाइपोक्सिया (रक्त में ऑक्सीजन का निम्न स्तर), कार्बन मोनोऑक्साइड एक्सपोजर (आमतौर पर धूम्रपान से संबंधित), स्लीप एपनिया जीवनशैली के कारक जो उच्च लाल रक्त कोशिका गिनती का कारण बन सकते हैं।

रक्त में मौजूद लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या में कमी (Decrease in the number of red blood cells present in the blood): रक्त में लाल रक्त कोशिका की कमी का होना, इस बात के संकेत देता है कि शरीर में आयरन (Iron) या विटामिन बी6, बी12 या फोलेट की कमी है। अगर खून में लाल रक्त कोशिका की संख्या कम हो जाए, तो वह पानी के अलावा कुछ नहीं होगा। क्योंकि, इसका सबसे जरूरी काम ऑक्सीजन और पोषण ले जाना बंद हो जाएगा। इसलिए डाइट में रेड ब्लड सेल्स बढ़ाने वाले फूड्स को जरूर शामिल करना चाहिए।

जब शरीर में रेड ब्लड सेल्स का काउंट कम हो जाता है, तो कुछ लक्षण दिखने लगते हैं। • थकान चक्कर आना • शरीर पीला पड़ना • कमजोरी आना • तेज धड़कन • नजर कमजोर होना

RBC बढ़ाने के लिए लें आयरन (Take iron to increase RBC): आयरन की कमी से हीमोग्लोबिन कम हो जाता है और रेड ब्लड सेल्स कम हो जाती हैं। इसलिए लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या बढ़ाने के लिए आयरन वाले फूड्स खाएं। नट्स, बीन्स, किशमिश, दाल, सीफूड, चिकन आदि खाकर आयरन मिलता है। आयरन का इस्तेमाल करने के लिए शरीर को कॉपर की जरूरत होती है। इसलिए आरबीसी काउंट बढ़ाने के लिए आयरन के साथ कॉपर रिच फूड्स खाना जरूरी है। आप शेलफिश, साबुत अनाज, नट्स, बीज, चॉकलेट, जानवरों का लिवर खाकर पर्याप्त कॉपर पा सकते हैं।

विटामिन बी12 बढ़ता है रेड ब्लड सेल्स (Vitamin B12 increases red blood cells): रेड ब्लड सेल्स बढ़ाने के लिए शरीर में विटामिन बी12 की कमी ना होने दें। इस विटामिन को लेने के लिए डाइट में मीट, चिकन, मछली, दूध, चीज, अंडे और फोर्टिफाइड फूड्स शामिल करें।

विटामिन ए से बढ़ेगी लाल रक्त कोशिका (Vitamin A will increase red blood cells): विटामिन ए की पर्याप्त मात्रा रखने से भी लाल रक्त कोशिकाओं में इजाफा होता है। इसके लिए मछली, अंडा, जानवरों का लिवर, डेयरी उत्पाद, हरी-पत्तेदार सब्जियां, लाल व पीली सब्जियां, टमाटर आदि खाना चाहिए। क्योंकि ये फूड्स भरपूर मात्रा में विटामिन-ए देते हैं।

फोलिक एसिड (विटामिन B9): विटामिन बी9 को फोलिक एसिड भी कहा जाता है। स्टडी में देखा गया है कि जो लोग विटामिन बी9 लेते हैं, उनका आरबीसी काउंट सही रहता है। इस विटामिन को लेने के लिए पालक, जानवरों का लिवर, मूंगफली, सूरजमुखी के बीज खा सकते हैं।

डिस्क्लेमरः यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। 

स्वस्थ स्वास्थ्य के लिए विटामिन जरूरी हैं -Vitamins are essential for healthy health in hindi)

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