माँ सरस्वती ज्ञान की देवी
विध्या में सफलता के लिए माँ सरस्वती के इन 12 नामों का जाप करें
(For success in knowledge chant these 12 names of Maa Saraswati)
माँ सरस्वती के इन बारह नामों का उच्चारण कम से कम 11 बार करने से माँ सरस्वती की कृपा प्राप्त होती है।
भारती (Bhartee)
सरस्वती (Sarasvati)
शारदा (Sharada)
हंसवाहिनी (Hansvahini)
जगती (Jagati)
वागीश्वरी (Vageshwari)
कुमुदी (Kumudi)
ब्रहमचारिणी (Brahmacharini)
बुद्धिदात्री (Budhidatri)
वरदायिनी (Vardayini)
चंद्रकाति (Chandrakati)
भुवनेश्वरी (Bhuvaneshwari)
माँ सरस्वती मंत्र
(Maa Sarasvati Mantra)
ऊँ येम सरस्वताय नमः ।
Om yem sarasvtay namah।
यथा वुदेवि भगवान ब्रहमा लोकपितामहः।
Yatha vudevi bhagvaan brahma lokpitamahah।
त्वां परित्यज्य नो निष्ठंन तथा भव वरप्रदा।
Tvan parityajy no nishthan tatha bhav varprada।
वेद शास्त्राणि सर्वाणि नृत्य गीतादिकं चरे।
Ved shastrani sarvani nirty geetadikn chare।
वादितं यत् त्वया देवि तथा मे सन्तुसिद्धयः।
Vaditan yat tvaya devi tatha me santusidhayah।
लक्ष्मीर्वेदवरा रिष्टिगौरी तुष्टिः प्रभामतिः।
Lakshmiviredawara rishtigauri tushtih prabhamatih।
एताभिः परिहत्तनुरिष्टाभिर्मा सरस्वति।
Etabhih parihatnurishtabhirma sarsvati।
सरस्वती गायत्री मंत्र
(Sarasvati Gayatri Mantra)
ऊँ सरस्वतयै चा विदमहे।
Om sarasvatayai cha vidamahe।
ब्रहमपुत्रिये चा।
Brahamaputriye cha।
धीमहि तन्नो सरस्वती प्रयोदयात्।
Dheemahi tanno sarasvatee prayodayaat।
सरस्वती वंदना (Sarasvati Vandana)
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभवस्त्रावृता, या वीणावरदमडमण्डितकरा या श्वेतपदमासना।
या ब्रहमाच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता, सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा।।
शुक्लां ब्रहमविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं, वीणा-पुस्तक धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पदमासने संस्थिताम्, वन्दे तां परमेश्वरी भगवती बुद्धिप्रदां शारदाम्।।
विद्या की देवी सरस्वती कुन्द के फूल चन्द्रमा, हिमराशि और मोती के हार की तरह धवल वर्ण की है। जो श्वेत वस्त्र धारण करती है, जिसके हाथ में वीणा पुस्तक शोभायमान है, जिसने श्वेत कमलों पर आसन ग्रहण किया है, और ब्रहमा, विष्णु एवं महादेव आदि देवता द्वारा सदा पूजित है, वहीं सम्पूर्ण अज्ञान को दूर करने वाली माँ सरस्वती हमारी रक्षा करें। शुक्लवर्ण वाली सम्पूर्ण जगत् में व्याप्त आदिशक्ति, परब्रहम के विषय में किए गए विचार और चिंतन के सार रूप परम उत्कर्ष को धारण करने वाली, सभी को भय से मुक्त करने वाली, अज्ञान के अंधेरे को दूर करने वाली, हाथों में वीणा, पुस्तक और स्फटिक की माला धारण करने वाली और पदमासन पर विराजमान बुद्धि प्रदान करने वाली, सर्वोच्च ऐश्वर्य से अलंकृत, माँ सरस्वती की मैं तुम्हारी वन्दना करता हूँ।