ठीक नहीं बार-बार मुँह सूखना
(Mouth dryness frequent is not good in hindi)
मुँह सूखने की समस्या मुँह में पर्याप्त लार न बनने वाली स्थिति होती है। (Dryness of the mouth is a condition of not having enough saliva in the mouth) मुँह सूखने की समस्या को जेरोस्टोमिया के नाम से भी जाना जाता है। (The problem of dry mouth is also known as xerostomia) जब मुंह में मौजूद लार ग्रंथियों की कार्य क्षमता कम हो जाती हैं तो वे लार का उत्पादन कम कर देती हैं। जिसके कारण पाचन के लिए लाभदायक लार नहीं बन पाता है। जिससे मुंह में सूखापन या मुंह का चिपकना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। शुष्क मुंह होना कई बीमारियों के प्रारंभिक लक्षणों में से एक है। कई कारणों से स्वास्थ्य कारणों से मुँह में लार का बनना कम हो जाता है।
मुँह सूखना लार ग्रंथियों के शिथिलता या इनके सिकुड़ने का प्रमुख कारण होता है। हालांकि लार ग्रंथियों के शिथिल होने के बहुत से कारण होते हैं। जिसके कारण मुँह में लार उत्पादन प्रभावित होता है। सर या गर्दन के आस-पास गंभीर चोट लगने से तंत्रिका क्षति की संभावना बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में मुंह में लार का उत्पादन कम हो जाता है। क्योंकि लार ग्रंथियों को मस्तिष्क द्वारा नियंत्रित किया जाता है। इसके अलावा मुंह सूखने संबंधी समस्या उन लोगों को भी हो सकती है जिन्हों ने हाल ही में सिर के आस-पास सर्जरी कराई है। कई बार मुँह सूखने का कारण कुछ प्रकार की दवाएं भी होती है। कुछ दवाओं का सेवन आपके मुँह को शुष्क कर सकता है। बहुत सी दवाएं जो तनाव, अवसाद, उच्च रक्तचाप आदि का इलाज करने के लिए की जाती हैं। इन दवाओं के प्रभाव के कारण मुँह में शुष्कता या मुंह सूखना जैसे लक्षण होने की संभावना बढ़ जाती है। इन दवाओं का रासायनिक प्रभाव लार ग्रंथियों को प्रभावित कर सकता है।
महत्वपूर्ण है मुँह की लार (Saliva is important) : लार हमारे मुँह को गीला रखने के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण काम करती है। अगर मुँह में पर्याप्त लार न बने तो दांत गल सकते हैं और मुँह में कई तरह के खतरनाक संक्रमण पैदा हो सकते हैं। इसके अलावा मुँह में लार के न बनने पर सूखे और ठोस खाद्य पदार्थों को नहीं खा सकेंगें। लार में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं इसलिए मुँह में पैदा होने वाले तमाम बैक्टीरिया को मारकर स्वस्थ रखने में मदद करती है।
तनाव के कारण बार-बार मुँह सूखना (Frequent dry mouth due to stress) : तनाव और चिंता दोनों ही आपके मस्तिष्क स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। जिसके कारण मस्तिष्क की उन तंत्रिकाओं को नुकसान हो सकता है जो लार ग्रंथियों को उत्पादन बढ़ाने के लिए उत्तेजित करती हैं। इसलिए यह भी मुँह सूखने का प्रमुख कारण बन जाती है।
मुँह से सांस लेने से जीभ सूखती है (Breathing through the mouth dries the tongue) : कई लोग रात में अपना मुँह खोल कर सोते हैं और नींद में मुँह से सांस लेते हैं। मुँह के माध्यम से सांस लेना जीभ और मुंह सूखने का एक और कारण है। इसलिए सुबह के समय गले की खराश जैसी स्थितियों का भी सामना करना पड़ता है।
- बस हर रोज खाली पेट खा लें
- आओ एक कप प्याज की चाय
- हल्दी, अदरक और दालचीनी युक्त चाय से फायदे
- अदरक के औषधीय गुणों से कई फायदे
- सर्दियों में अब नहीं कोई दिक्कत
- गेहूं के ज्वार का जूस खाली पेट प्रतिदिन
- नारियल तेल पिए एक चम्मच खाली पेट
- नारियल पानी, काम अमृत जैसा
- जमा चर्बी से जल्द ही छुटकारा
- प्याज करें सर्दी-जुकाम दूर
- दही के साथ भुने जीरे के अनेक फायदे
- एक सेब हर सुबह और फिर देखें फायदे
- नाशपाती खाने से कई फायदे
- अमरूद करे कई बीमारियों का काम तमाम
- आम खाने से लाजवाब फायदे
- केसर का उपयोग और फायदे
- मूली के फायदे और नुकसान
- लहसुन का उपयोग और इसके फायदे और नुकसान
- खजूर से बीमारियाँ भागे दूर
- बेलपत्र का औषधीय महत्व
- पवित्रता की शक्ति तुलसी
- जीवन में पीपल की उपयोगिता
- लाभदायक गुणों से भरपूर निर्गुंडी
- भृंगराज अति-उपयोगी
- पारिजात का पौराणिक महत्व
- पत्थरचट्टा पथरी निकालने में मददगार
- करौंदा- Karonda
- कटहल के सेवन से फायदा कम नुकसान ज्यादा न हो जाए
- इस समस्या से खून में प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाती है
- कीवी के औषधीय गुण
- तेज पत्ता (डालचीनी)
- एक साथ ये चीजें नहीं खानी चाहिए
- स्वस्थ-स्वास्थ्य के लिए कचनार
घरेलू उपाय से दूर करना
(Do away with home remedies in hindi)
ठीक नहीं बार-बार मुँह सूखना- अदरक : लंबे समय तक मुँह का शुष्क बना रहना कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। मुँह सूखने के लक्षण सबसे पहले आपके पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकते हैं। लेकिन इस समस्या से बचने के लिए अदरक का उपयोग कर सकते हैं। अदरक में बहुत से औषधीय गुण होते हैं। इसके अलावा अदरक में जिंजरोल नामक एक बायोएक्टिव सक्रिय घटक होता है। जिसके कारण अदरक का सेवन हमारे लार उत्पादन को बढ़ाने में सहायक होता है।
ठीक नहीं बार-बार मुँह सूखना - सिल्परी एल्म : एक औषधीय पेड़ है जिसकी छाल का उपयोग कई स्वास्थ्य संबधी समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। इस पेड़ की छाल में एक प्रकार का बलगम होता है जो पेट के आंतरिक हिस्सों को कोट करता है साथ ही पेट, गले, मुंह और आंतों में नमी बनाए रखता है। इन गुणों के कारण ही यह पाचन और पेट की सूजन संबंधी समस्याओं को आसानी से दूर करता है। छोटा चम्मच सिल्परी एल्म छाल के पाउडर में पानी की कुछ बूंदें मिलाएं और इस पेस्ट को अपने मुँह के अदंर लगाएं। कुछ देर के बाद आप अपने मुंह को कुल्ला कर लें।
ठीक नहीं बार-बार मुँह सूखना- लाल मिर्च : लाल मिर्च में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं जो शुष्क मुँह के लक्षणों को कम करने में सहायक होते हैं। शुष्क मुँह का उपचार करने के लिए आप 1 चुटकी लाल मिर्च पाउडर लें और उंगली की मदद से अपनी जीभ पर रगड़ें। शुष्क मुँह से ग्रसित रोगी को दिन में 2 से 3 बार ऐसा कर सकते हैं।
ठीक नहीं बार-बार मुँह सूखना- दही : दही में बहुत से पोषक तत्व और खनिज पदार्थ उच्च मात्रा में होते हैं। दही में वैसलीन के समान ही मॉइस्चराइजिंग और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं। 1 कटोरी दही में म्यूकोसा के ऊपर एक पतली परत बनाने के लिए रोजाना दही का सेवन करें। ऐसा आप दिन में 2 से 3 बार करें यह आपके मुँह में लार ग्रंथियों को सक्रिय करने में सहायक होता है।
ठीक नहीं बार-बार मुँह सूखना- सौंफ : सौंफ में फ्लावोनाइड्स होते हैं जो लार के उत्पादन में सहायक हैं। सौंफ के कुछ दाने लेकर उसे चबाएं इससे मुँह भी नहीं सूखेगा और मुँह से बदबू भी नहीं आएगी।
ठीक नहीं बार-बार मुँह सूखना- नीबू : एक गिलास पानी में नीबू के रस की कुछ बूँदें और थोडा सा शहद लेकर अच्छे से मिलाएं और इसे पूरे दिन पीते रहें। इससे मुँह में लार बनती रहेगी और मुँह नहीं सूखेगा।
ठीक नहीं बार-बार मुँह सूखना- एलोविरा : प्रतिदिन एक छोटा कप एलोविरा जूस पीने से मुँह में लार बनी रहती है और इस प्रकार मुँह सूखने की समस्या नहीं होती।
ठीक नहीं बार-बार मुँह सूखना- सेब का सिरका : सेब के सिरका में एसिटिक एसिड मुख्य घटक होता है। सेब के सिरका में एंटीऑक्सीडेंट भी भरपूर मात्रा में होते हैं जो मुँह के सूखापन का इलाज करने में सहायक होते हैं। 1 गिलास पानी में 1 छोटा चम्मच सेब का सिरका मिलाएं और इसका सेवन दिन में 2 से 3 कीजिये।
ठीक नहीं बार-बार मुँह सूखना- अजमोद : अजमोद एक खाद्य जड़ी बूटी है जो विटामिन ए और विटामिन सी से भरपूर होती है। इसके साथ ही कैल्शियम और आयरन मात्रा में होते हैं। इस कारण से अजमोद को प्रभावी माउथ फ्रेशनर के रूप में उपयोग किया जा सकता है। 1 मुट्ठी अजमोद के पत्ते लें और इसे चबाएं। नियमित रूप से दिन में 1 से 2 बार और विशेष रूप से भोजन के बाद अजमोद की पत्तियों का सेवन करने से अधिक लाभ मिलता है।
ठीक नहीं बार-बार मुँह सूखना- आजवाइन : अजवाइन विटामिन सी से भरपूर होता है साथ ही इसमें कई फायदेमंद एंजाइम भी होते हैं। अजवाइन में पानी बरकरार रखने और मुँह में नमी बनाए रखने की क्षमता होती है। इसके लिए आप अजवाइन के बीजों के साथ ही अजवाइन पौधे के पत्ते और तनों का भी उपयोग कर सकते हैं।
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