(Ayurvedic drink and belly fat disappear)
मोटापा वात, पित्त और कफ के असन्तुलित होने के कारण होता है। मोटापा मुख्यत कफ दोष के असंतुलन के कारण बढ़ता है। जो हमारे शरीर में उपस्थित मेद धातु को असंतुलित कर देती है। शरीर में कुछ फैट सेल अनुवांशिक तौर पर विकसित होते हैं यदि किसी के परिजन इस परेशानी से ग्रस्त हैं तो आने वाली पीढ़ी को भी यह समस्या होने की आशंका रहती है।
वजन घटाने के लिए जौ का पानी काफी लाभकारी (Barley water is very beneficial for weight loss): रात को 50 ग्राम जौ डेढ़ लीटर पानी में भिगो दें। दूसरे दिन इसे उबाल लें। इसके साथ ही इसमें थोड़ी सी दालचीनी और अदरक भी डाल लें। इसे दिन में 2-3 बार पिएं। जब भी इसका सेवन करे तो इसमें आप स्वादानुसार नींबू और शहद भी डाल सकते हैं। जौ में भरपूर मात्रा में विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैगनीज, सेलेनियम, जिंक, कॉपर, प्रोटीन, अमीनो एसिड, डायट्री फाइबर्स के साथ एंटी-ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। जो वजन कम करने के साथ-साथ कई बीमारियों से छुटकारा दिलाते हैं। इसे आप रोजाना आटा के रूप में सेवन कर सकते है या फिर औषधि के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
दालचीनी: दालचीनी में भरपूर मात्रा में थाइमीन, फॉस्फोरस, प्रोटीन, सोडियम, विटामिन, कैल्शियम, मैंग्नीज, पोटेशियम, निआसीन, कार्बोहाइडे्ट आदि पाए जाते हैं। जो मेटाबॉविज्म को बढ़ाने में मदद करते है। जिससे वजन कम करने में सहायता मिलती है।
शहद: शहद में मुख्य रूप में फ्रक्टोज पाया जाता है। इसके अलावा इसमें कार्बोहाइड्रेट, विटामिन बी-6, सी और एमिनो एसिड के अलावा राइबोफ्लेविन, नायसिन पाया जाता हैं। शहद में फैट, फाइबर और प्रोटीन बिल्कुल भी नहीं होता है। इसके अलावा शहद में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-सेप्टिक गुण पाए जाते हैं जो घाव को भरने या चोट से जल्दी आराम दिलाने में भी यह बहुत कारगर है। इसका सेवन करके इम्यूनिटी बूस्ट होने के साथ-साथ वजन कम करने में मदद मिलती है।
नींबू: नींबू में भरपूर मात्रा में विटामिन सी थियामिन, नयासिन, रिबोफ्लोविन, विटामिन बी- 6, विटामिन ई और फोलेट जैसे विटामिन्स होते हैं। वहीं गुड़ में पानी, सुक्रोज, कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस, प्रोटीन, विटामिन बी के अलावा कई गुण पाए जाते है। दोनों में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाएं जाते हैं जो इम्यूनिटी बूस्ट करने के साथ वजन कम करने में मदद करता है।
पाचन तंत्र : जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे पाचन तंत्र भी कमजोर होने लगता है यह भी पेट या कमर की चर्बी बढ़ने का कारण होता है। पाचन तंत्र खराब होने से थायरायड व शुगर जैसी समस्याएं भी शरीर को घेर लेती हैं।
सावधानियाँ
1) सप्ताह में कम से कम एक बार कार्बोहाइड्रेट्स से परहेज करें।2) हरी कडवी सब्जियाँ खाएं, जैसे- करेला, मेथी, पालक, भिंडी।
3) सैचुरेटेड फैट वाले उत्पाद न खाएं।
4) मिठाई, एल्कोहल का सेवन सीमित मात्रा में करें।
5) मैदा, चावल और चीनी का उपयोग खाने में कम करें।
6) दिन भर में तीन बार पेट भरकर खाने से पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं कर पाता इसलिए हर दो से तीन घण्टे में थोड़ा-थोड़ा खाते रहे।
7) दिन भर में आठ से दस गिलास पानी सेहत के लिए बेहद जरूरी है। पानी तभी तक नहीं पीनी चाहिए जब आपको प्यास लगी हो। हर तय समय पर थोड़ा-थोड़ा पानी पीना चाहिए।
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