हरियाली तीज सौभाग्य का प्रतीक- Haritalika Teej is a symbol of prosperity

Share:

 

हरियाली तीज सौभाग्य का प्रतीक
(Haritalika Teej is a symbol of prosperity)

सावन माह की तृतीया तिथि के दिन हरियाली तीज मनाई जाती है। इस दिन सुहागिनें अपने पति की लंबी उम्र, अच्छी सेहत और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। हरियाली तीज को अखंड सौभाग्य का प्रतीक माना गया है और इसे श्रावणी तीज भी जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भोले बाबा और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। इस व्रत को करवा चौथ से भी कठिन व्रत बताया जाता है। इस दिन महिलाएं पूरा दिन बिना भोजन-जल के दिन व्यतीत करती हैं तथा दूसरे दिन सुबह स्नान और पूजा के बाद व्रत पूरा करके भोजन ग्रहण करती हैं। इसी वजह से इस व्रत को करवा चौथ से भी कठिन माना जाता है। इस त्योहार में स्त्रियां मेंहदी लगाती हैं, श्रृंगार करती हैं, झूला झूलती हैं और नाचती हैं। हरियाली तीज के दिन अनेक स्थानों पर मेले लगते हैं और माता पार्वती की सवारी बड़े धूमधाम से निकाली जाती है। 

हरतालिका तीज-Hartalika Teej

हरियाली तीज की कथा (Hartalika Teej Katha) 

भगवान शिव ने माता पार्वती जी को उनके पूर्वजन्म का स्मरण कराने के लिए तीज की कथा सुनाई थी। भगवान शिव कहते हैं- हे पार्वती तुमने हिमालय पर मुझे वर के रूप में पाने के लिए घोर तप किया था। अन्न-जल त्यागा, पत्ते खाए, सर्दी-गर्मी, बरसात में कष्ट सहे। तुम्हारे पिता दुःखी थे। नारदजी तुम्हारे घर पधारे और कहा मैं विष्णुजी के भेजने पर आया हूं। वह आपकी कन्या से प्रसन्न होकर विवाह करना चाहते हैं। अपनी राय बताएं। 

सावन माह की तृतीया तिथि के दिन हरियाली तीज मनाई जाती है। इस दिन सुहागिनें अपने पति की लंबी उम्र, अच्छी सेहत और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। हरियाली तीज को अखंड सौभाग्य का प्रतीक माना गया है और इसे श्रावणी तीज भी जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भोले बाबा और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। इस व्रत को करवा चौथ से भी कठिन व्रत बताया जाता है। इस दिन महिलाएं पूरा दिन बिना भोजन-जल के दिन व्यतीत करती हैं तथा दूसरे दिन सुबह स्नान और पूजा के बाद व्रत पूरा करके भोजन ग्रहण करती हैं। इसी वजह से इस व्रत को करवा चौथ से भी कठिन माना जाता है। इस त्योहार में स्त्रियां मेंहदी लगाती हैं, श्रृंगार करती हैं, झूला झूलती हैं और नाचती हैं। हरियाली तीज के दिन अनेक स्थानों पर मेले लगते हैं और माता पार्वती की सवारी बड़े धूमधाम से निकाली जाती है। सक्षमबनो in hindi, सक्षमबनो image, सक्षमबनो jpeg, सक्षमबनो pdf in hindi, सक्षमबनो ke barein mein in hindi, Hariyali Teej ki katha in indi, hariyali teej vrat vidhi in hindi, Hariyali Teej  ke barein mein in hindi, hariyali teej vrat vidhi ki visheshta in hindi,हरतालिका तीज hindi, Hartalika Teej in hindi, hartalika teej ka mahatva in hindi, hartalika teej ke upay in hindi, hartalika teej se fayde in hindi, hartalika teej vrat katha in hindi, hartalika teej vrat ki upyogita in hindi,  hartalika teej vrat puja vidhi in hidi, hartalika teej vrat me kya khaye in hindi, teej vrat karne ki vidhi in hindi, teej vrat kaise kiya jata hai in hindi, teej ka vrat kaise khola jata hai in hindi, Hartalika Teej fasting material in hindi, Promotion of progeny of fasting Teej in hindi, Financial problem is removed by fasting Teej in hindi, Fasting in every field of life with fasting Teej in hindi, Sweetness in married life with fasting Teej fast in hindi, Luck must change with the fast of Teej in hindi, Haratika Teej Vrat removes marital problems in hindi, Fasting Teej fast makes the stuck work of life partner soon in hindi, Successful love marriage without hindalika Teej fast in hindi, Couple's life is happy with fasting Teej fast in hindi, sakshambano in hindi, sakshambano in eglish, sakshambano meaning in hindi, sakshambano ka matlab in hindi, sakshambano photo, sakshambano photo in hindi, sakshambano image in hindi, sakshambano image, sakshambano jpeg, सक्षमबनो इन हिन्दी में in hindi, सब सक्षमबनो हिन्दी में, पहले खुद सक्षमबनो हिन्दी में, एक कदम सक्षमबनो के ओर हिन्दी में, आज से ही सक्षमबनो हिन्दी हिन्दी में, सक्षमबनो के उपाय हिन्दी में, अपनों को भी सक्षमबनो का रास्ता दिखाओं हिन्दी में, सक्षमबनो का ज्ञान पाप्त करों हिन्दी में, aaj hi sakshambano in hindi, abhi se sakshambano in hindi,

पर्वतराज प्रसन्नता से तुम्हारा विवाह विष्णुजी से करने को तैयार हो गए। नारदजी ने विष्णुजी को यह शुभ समाचार सुना दिया पर जब तुम्हें पता चला तो बड़ा दु.ख हुआ। तुम मुझे मन से अपना पति मान चुकी थीं। तुमने अपने मन की बात सहेली को बताई। सहेली ने तुम्हें एक ऐसे घने वन में छुपा दिया जहां तुम्हारे पिता नहीं पहुंच सकते थे। वहां तुम तप करने लगी। तुम्हारे लुप्त होने से पिता चिंतित होकर सोचने लगे यदि इस बीच विष्णुजी बारात लेकर आ गए तो क्या होगा।

शिवजी ने आगे पार्वतीजी से कहा- तुम्हारे पिता ने तुम्हारी खोज में धरती-पाताल एक कर दिया पर तुम न मिली। तुम गुफा में रेत से शिवलिंग बनाकर मेरी आराधना में लीन थी। प्रसन्न होकर मैंने मनोकामना पूरी करने का वचन दिया। तुम्हारे पिता खोजते हुए गुफा तक पहुंचे। तुमने बताया कि अधिकांश जीवन शिवजी को पतिरूप में पाने के लिए तप में बिताया है। आज तप सफल रहा, शिवजी ने मेरा वरण कर लिया। मैं आपके साथ एक ही शर्त पर घर चलूंगी यदि आप मेरा विवाह शिवजी से करने को राजी हों। पर्वतराज मान गए। बाद में विधि-विधान के साथ हमारा विवाह किया। हे पार्वती! तुमने जो कठोर व्रत किया था उसी के फलस्वरूप हमारा विवाह हो सका। इस व्रत को निष्ठा से करने वाली स्त्री को मैं मनवांछित फल देता हूं। उसे तुम जैसा अचल सुहाग का वरदान प्राप्त हो।

समस्त समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए (To get rid of all problems)


No comments