सर्दियों में बड़ी संख्या में लोग हड्डियों व जोड़ों के दर्द की समस्या से परेशान रहते हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि तापमान में कमी के कारण नसें सिकुड़ने लगती हैं और विटामिन डी की कमी के कारण हड्डियों और जोड़ों का दर्द बढ़ जाता है। हड्डियों में लचीलेपन की कमी हो जाती है। इस कारण जोड़ों में अकड़न आ जाती है। मौसम में धमनियों में बहने वाला ब्लड अच्छी तरह से संचरित नहीं हो पाता इसके कारण शरीर के निचले भागों में खून के बहाव में कमी आ जाती है, जिसके चलते पीड़ा महसूस होती है। बैरोमीटर के दबाव से जोड़ों में सूजन आने की संभावना बनी रहती है। यह समस्या उन लोगों में ज्यादा होती है जो अधिक तला-भुना खाते है और व्यायाम नहीं करते और डिहाइड्रेशन से पीड़ित रहते है। खासतौर पर ऑस्टियोआर्थराइटिस और रुमेटाइइड गठिया से पीड़ित लोगों को होता है। यह समस्या कूल्हों, घुटनों, कोहनी और कंधों में होती है।
प्रतिदिन सुबह-शाम धूप लें इससे हड्डियों को मजबूती मिलती है (Take sunlight every morning and evening, it strengthens the bones): जब हमारी त्वचा सूरज की किरणों के संपर्क में आती है तो शरीर विटामिन डी बनाता है, लेकिन सर्दियों में धूप के हल्के होने और ठंड से बचने के कारण लोग ऊनी कपड़े पहनना कहीं ज्यादा पसंद करते हैं। इस कारण शरीर को विटामिन डी ठीक से नहीं मिल पाता है। सूर्य की किरणों से मिलने वाला विटामिन डी कुदरती होता है जो हमारे लिए अत्यन्त लाभकारी होता है।
सर्दियों में गर्म पानी से नहाना फायदेमंद होता है (Bathing with hot water is beneficial in winter): जोड़ों के दर्द में गर्म पानी से नहाने या गुनगुने पानी में पैरों को कुछ देर डालकर रखने से जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है।
सर्दियों में खाने पीने का ध्यान रखना जरूरी होता है (It is important to take care of food and drink in winter): शरीर को पर्याप्त कैल्शियम, मिनरल्स व अन्य पोषक तत्व मिलते रहें, जिससे हड्डियों और जोड़ों में होने वाले दर्द और अन्य समस्याओं से छुटकारा मिल सके। दूध, दही, ब्रोकली, हरी पत्तेदार सब्जियां, तिल के बीज, अंजीर, सोयाबीन और बादाम का दूध जैसे पौष्टिक आहार को खाद्य पदार्थ के रूप में शामिल कर कैल्शियम की जरूरत पूरी कर सकते हैं।
तेल-मालिश से फायदा होता है (Benefits of oil massage): बढ़ती उम्र के साथ हड्डियां ठंड से अधिक प्रभावित होने लगती हैं, इसलिए ऐसे लोगों को समय-समय पर गर्म तेल से मालिश करवाना चाहिए। मालिश से हड्डियों को गर्माहट मिलती है, जिससे नसों की सिकुड़न कम हो जाती है और दर्द से राहत मिलने लगती है।
योगासन और व्यायाम से हड्डियों को आराम (Relaxation of bones by yoga and exercise): योगासन व व्यायाम करने से हड्डियों को गर्माहट मिलती है और हड्डियां लचीली भी रहती हैं, जिससे पैरों में अकड़न की समस्या भी नहीं होती है।
आयुर्वेद लाइफस्टाइल बीमारियों से रखे दूर- Ayurveda Lifestyle Keep Away From Diseases
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