(Uric Acid ko kam karne ka gharelu upay)
यूरिक एसिड-कार्बन Carbon, हाइड्रोजन hydrogen, ऑक्सीजन oxygen और नाइट्रोजन nitrogen के मिश्रण से बनता है यह प्रोटीन protein से अमीनो अम्ल amino acids के रूप में बनने लगता है। पाचन digestion के समय जब प्रोटीन टूटने लगता है तभी से यूरिक एसिड uric acid बनने लगता है। किडनी kidney की कार्य क्षमता working capacity जब कम हो जाती है तब यूरिक एसिड में परिवर्तित होने की सम्भावना possibility बढ़ जाती है।
सेब का सिरका यूरिक एसिड को कम करने में मदद करता है (Apple cider vinegar helps reduce uric acid): सेब का सिरका बढ़े हुए यूरिक एसिड पर नियंत्रण पाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सेब के सिरके में एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीइंफ्लेमेंटरी गुण होते हैं। यह शरीर में यूरिक एसिड को कंट्रोल करने का काम करते हैं। इसके साथ ही खून में पीएच स्तर को बढ़ाते हैं जो यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में मददगार माना जाता है। सेब के सिरके को साधारण पानी साथ भी ले सकते हैं। इसके लिए बस आप एक गिलास पानी में करीब 3 चम्मच सेब का सिरका मिलाएं। इसे रोजाना करीब 2 से 3 बार आप पी सकते हैं। सेब में पेक्टिन जैसे फायदेमंद फाइबर्स पाए जाते हैं। सेब खाने से कैंसर, हाइपरटेंशन, मधुमेह और दिल से जुड़ी बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है। स्वस्थ और सफेद दांतों के लिए। बढ़ती उम्र की वजह से मस्तिष्क पर पड़ने वाले प्रभाव को दूर करने के लिए। सेब में भरपूर मात्रा में डाइट्री फाइबर्स पाए जाते हैं जो पाचन क्रिया को सही रखने में मददगार होते हैं। सेब का सेवन करने से कैंसर होने का खतरा कम हो जाता है। सेब के नियमित सेवन से टाइप-2 मधुमेह होने का खतरा कम हो जाता है। सेब का सेवन करना दिल के लिए बहुत अच्छा होता है। सेब के नियमित सेवन से कब्ज की समस्या नहीं होती है। सेब के नियमित इस्तेमाल से शरीर के भीतर मौजूद कई विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। सेब - रोजाना एक सेब खाने से ब्लड में यूरिक एसिड का लेवल कम होता है।
अजवाइन का पानी यूरिक एसिड को कम करने में मदद करता है (Ajwain water helps in reducing uric acid): खाली पेट अजवाइन खाने से पेट के रोगों में फायदा मिलता है। वहीं सुबह खाली पेट इसका पीना पीने से यूरिक एसिड का का खतरा काफी कम हो जाता है। इसके साथ ही दिल की बीमारियों को दूर करने के लिए भी ये काफी लाभदायक चीज है।
अलसी के बीज यूरिक एसिड को कम करने में मदद करता है (Flaxseed helps in reducing uric acid): यूरिक एसिड की समस्या में अलसी के बीज लाभदायक होते हैं। प्रतिदिन सुबह खाली पेट अलसी के बीज को चबा चबाकर खाएं। ऐसा करने से यूरिक एसिड जल्द ही यूरिक एसिड की समस्या दूर हो जाती है।
लहसुन यूरिक एसिड को कम करने में मदद करता है (Garlic helps in reducing uric acid): लहसुन का इस्तेमाल आयुर्वेदिक उपचार में किया जाता था। लहसुन एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-वायरल गुणों से भरपूर होता है। इसमें एलीसीन और सल्फर यौगिक मौजूद होते हैं। साथ ही लहसुन में एजोइन और एलीन जैसे यौगिक भी मौजूद होते हैं जो लहसुन को और ज्यादा लाभदायक औषधि बना देते हैं। इन तत्वों और यौगिकों की वजह से ही लहसुन का स्वाद कड़वा होता है, लेकिन यही घटक लहसुन को संक्रमण दूर करने की क्षमता देते हैं। आमतौर पर लहसुन का प्रयोग खाने को स्वादिष्ट बनाने के लिए किया जाता है। लहसुन औषधीय गुणों से भरपूर है जो स्वस्थ रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बढ़े हुए यूरिक एसिड में लहसुन लाभदायक होता है इसके लिए केवल लहसुन की दो से तीन कलियों को रोजाना खाएं। यह ना केवल यूरिक एसिड से होने वाली बीमारियों से बचाएगा बल्कि यूरिक एसिड पर नियंत्रण कर देता है।
अदरक यूरिक एसिड को कम करने में मदद करता है (Ginger helps in reducing uric acid): अदरक यूरिक एसिड को नियंत्रित करने का काम करती है। अदरक को चाहे तो काढ़ा के रूप में या फिर चाय में डालकर पीएं। इसके साथ ही अदरक के तेल से मालिश करने से पर सूजन और दर्द से राहत मिलती है। अदरक एक जड़ी-बूटी भी है, और पाचन-तंत्र, सूजन, शरीर के दर्द, सर्दी-खांसी जैसी बीमारियों में अदरक के इस्तेमाल से फायदे मिलते हैं। यह हृदय रोग, रक्त विकार, बवासीर आदि रोगों में भी अदरक के औषधीय गुण से लाभ मिलता है। भूख की कमी, बदहजमी, वात-पित्त दोष आदि में अदरक के औषधीय गुण के फायदे होते हैं। घाव, पथरी, बुखार, एनीमिया और मूत्र रोग में भी अदरक से लाभ होत हैं। अदरक को सूखी अवस्था में सोंठ कहते हैं। प्राचीन ग्रन्थों में अदरक का उल्लेख पाया जाता है। अदरक का पौधा कई वर्षों तक जीवित रहता है। ताजे अदरक के रस को 2 मिली मात्रा में पहले दिन दें। इसके बाद रोज 2-2 मिली की मात्रा में बढ़ाते जाएं। इस प्रकार जब 25 मिली की मात्रा हो जाये तो एक माह तक ऐसे ही देते जाएं। इसी तरह 2-2 मिली करके घटाते हुए बंद कर दें। औषधि पचने के बाद रोज दूध या जूस के साथ अन्न का सेवन करना चाहिए। इस प्रकार अदरक का सेवन करने से गांठ, पेट के रोग, बवासीर, सूजन, डायबिटीज, सांसों की तकलीफ, जुकाम, भूख की कमी, अपच, सूखा रोग, पीलिया, मनोविकार, खांसी तथा कफ-वृद्धि आदि रोगों में लाभ होता है।
नींबू यूरिक एसिड को कम करने में मदद करता है (Lemon helps in reducing uric acid): यूरिक एसिड के लिए नींबू पानी का सेवन बहुत-बहुत महत्वपूर्ण होता है। जिनका यूरिक एसिड बढ़ गया हो उनके लिए एक औषधी है। नींबू में विटामिन-सी काफी मात्रा में पाया जाता है। यह एसिडिक प्रभाव पैदा करता है जिसके कारण यूरिक एसिड का स्तर कम हो जाता है। सुबह उठकर गुनगुने पानी के एक गिलास में नींबू निचोड़कर इसका सेवन करें। विटामिन सी से भरपूर फल यूरिक एसिड को कम करने में मददगार : विटामिन सी से भरपूर फलों का सेवन यूरिक एसिड कम करने में बेहद मददगार साबित होगा। इसके साथ ही चेरी, ब्लू बेरी जैसे फलों जूस, शरीर में बढ़े हुए यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मददगार है।
बेकिंग सोडा यूरिक एसिड को कम करने में मदद करता है (Baking soda helps reduce uric acid): बेकिंग सोडा यूरिक एसिड को कम करता है। एक गिलास पानी में आधा चम्मच बेकिंग सोड़ा घोलकर दो सप्ताह तक सेवन करने से यूरिक एसिड का स्तर कम हो जाता है।
ऑलिव ऑयल यूरिक एसिड को कम करने में मदद करता है (Olive oil helps in reducing uric acid): जैतून के तेल या ऑलिव ऑयल में बना आहार, शरीर के लिए लाभदायक होता है। इसमें विटामिन-ई आदि पोषक तत्व होते हैं जो यूरिक एसिड को कम करते हैं। यह यूरिक एसिड को कम करने के लिए लाभकारी है।
प्याज सोडा यूरिक एसिड को कम करने में मदद करता है (Onion soda helps in reducing uric acid): यूरिक एसिड को कंट्रोल में रखने और कम करने के लिए प्याज का सेवन करें। इससे यूरिक एसिड कम होता है।
फाइबर यूरिक एसिड को कम करने में मदद करता है (Fiber helps reduce uric acid): हाई फाइबर फूड का सेवन भी बढ़े हुए यूरिक एसिड को कम करने में सहायक है। यह यूरिक एसिड को सोखने में मददगार है।
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