महिलाओं को नारियल फोड़ने का अधिकार नहीं है क्या?
(Don't women have the right to break coconuts?)
नारियल को कल्पवृक्ष का फल माना गया है। नारियल के जल को अमृत के जैसा माना गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह कई बीमारियों के लिए औषधि का काम करता है। इसके अलावा नारियल कि पत्तियां और जटाओं को भी अनेक प्रकार से उपयोग किया जाता है। साथ ही धार्मिक दृष्टिकोण से भी नारियल बहुत पवित्र है। हिंदू धर्म में नारियल को पवित्र फल माना गया है। इसी कारण पूजा, हवन और यज्ञ आदि कार्यों में इसका इस्तेमाल किया जाता है। नारियल का उपयोग कई शुभ कार्यों में किया जाता है एवं शास्त्रों में इसे श्रीफल कहा गया है।
जब भगवान विष्णु पृथ्वी पर अवतरित हुये वे अपने साथ तीन चीजें लायेे (लक्ष्मी, नारियल का वृक्ष, कामधेनु) इसलिए श्रीफल शुभ माना जाता है इसलिए शुभ कार्य का शुभारम्भ श्रीफल की पूजा से की जाती है। श्री का अर्थ है लक्ष्मी अर्थात नारियल लक्ष्मी व विष्णु का फल। नारियल के वृक्ष को कल्पवृक्ष के नाम से भी जाना जाता है इसमें तीनों देव ब्रह्मा, विष्णु और महेश, का वास होता है। श्रीफल भगवान शिव का परम प्रिय फल है। मान्यता अनुसार नारियल में बनी तीन आंखों को त्रिनेत्र के रूप में देखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पहले देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए हवन के बाद बलि देने की प्रथा थी। बली किसी भी प्रिय चीज की दी जाती थी। कालांतर में पूजन के बाद हवन के दौरान नारियल की बलि दी जाने लगी। ऐसा इसलिए क्योंकि नारियल को पवित्र माना जाता है। साथ ही नारियल मनोकामना पूर्ति में सहायक होता है। एक बार विश्वामित्र ने भगवान इंद्र से गुस्सा होकर एक अलग स्वर्ग का निर्माण कर लिया। जब महर्षि इससे भी संतुष्ट नहीं हुए तो उन्होंने एक अलग ही पृथ्वी बनाने का निर्णय लिया। कहते हैं कि उन्होंने मनुष्य के रूप में सबसे पहले नारियल की रचना की। यही कारण है कि नारियल को मनुष्य का रूप माना जाता है।
किसी भी शुभ कार्य के दौरान अक्सर पुरुष ही नारियल फोड़ते दिखाई देते हैं, जबकि महिलाएं नारियल नहीं फोड़ती क्योंकि महिलाओं को नारियल फोड़ने से हमेशा मना किया जाता है। महिलाओं के नारियल नहीं फोड़ने के पीछे शास्त्रों में एक कहानी बताई जाती है। शास्त्रों के मुताबिक नारियल एक फल नहीं है बल्कि नारियल बीज रुप है इसलिए इसे उत्पादन यानी प्रजनन क्षमता से जोड़कर देखा जाता है। महिलाएं बीज रुप से ही शिशु को जन्म देती हैं ऐसे में वो बीज को नुकसान कैसे पहुंचा सकती हैं। इसलिए महिलाओं के लिए बीज रुपी नारियल को फोड़ना अशुभ माना जाता है। देवी-देवताओं को श्रीफल चढ़ाने के बाद पुरुष ही इसे फोड़ते हैं।
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