हर प्रकार की सफलता के लिए श्रीफल
(Shreephal For All Kinds Of Success)
जब भगवान विष्णु पृथ्वी पर अवतरित हुये वे अपने साथ तीन चीजें लायेे (लक्ष्मी, नारियल का वृक्ष, कामधेनु) इसलिए श्रीफल शुभ माना जाता है इसलिए शुभ कार्य का शुभारम्भ श्रीफल की पूजा से की जाती है। श्री का अर्थ है लक्ष्मी अर्थात नारियल लक्ष्मी व विष्णु का फल। नारियल के वृक्ष को कल्पवृक्ष के नाम से भी जाना जाता है इसमें तीनों देव ब्रह्मा, विष्णु और महेश, का वास होता है। श्रीफल भगवान शिव का परम प्रिय फल है। मान्यता अनुसार नारियल में बनी तीन आंखों को त्रिनेत्र के रूप में देखा जाता है।
श्रीफल में तीनों देव ब्रह्मा, विष्णु और महेश, का वास होता है
एकाक्षी नारियल (Ekakshi Nariyal)
श्रीफल अर्थात् नारियल में तीन आँखे होती है, परन्तु एकाक्षी नारियल में दो आँखे होती है। एकाक्षी नारियल बहुत दुर्लभ होता है। इसे तोड़ना अशुभ माना गया है। कहते है जिसके पास एकाक्षी नारियल होता है उसे कभी भी धन सम्बन्धी समस्या नही होती उसका जीवन खुशहाल रहता है। आर्थिक सम्पन्नता बनी रहती है। एकाक्षी नारियल के घर में होने से घर में तंत्र-मंत्र, जादू्-टोने और के प्रभाव से सुरक्षित करता है। व्यापार में उन्नति एवं लाभ वृद्धि के लिए एकाक्षी नारियल में छेद करके उसमें घी भर दें। एकाक्षी नारियल प्राप्त होने पर विशेष मुहूर्तों जैसे दीपावली, होली, रवि-पुष्य, गुरु-पुष्य, ग्रहण काल आदि पर पूजा कर उसे लाल रेशमी वस्त्र में बांधकर अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान या तिजोरी में रखने या पूजा स्थान में रखने से सदैव लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। एकाक्षी नारियल में धन आकर्षण की अद्भुत क्षमता होती है।
एकाक्षी नारियल की पूजा (Ekakshi Nariyal Ki Pooja)
एकाक्षी नारियल प्राप्त होने पर किसी शुभ मुहूर्त जैसे दीपावली, होली इत्यादि में इसका विधिवत् पूजन करें। पूजाघर में एक चैकी पर लाल वस्त्र बिछाएं उस पर एकाक्षी नारियल स्थापित करें। घी व सिन्दूर का लेप तैयार करें। उस लेप को एकाक्षी नारियल पर अच्छे से लगाएं ध्यान रहे कि केवल आंख को छोड़कर शेष पूरे नारियल को घी मिश्रित सिन्दूर से लेप करना है। तत्पश्चात एकाक्षी नारियल को कलावा या मौली से लपेटकर अच्छी तरह से पूरा ढंककर लाल रेशमी वस्त्र में बांधकर उसकी पूजा करें। एकाक्षी नारियल प्राप्त होने पर उसे दीपावली जैसे शुभ मुहूर्तो में पूजा करके तिजोरी या व्यापारिक प्रतिष्ठानों में स्थापित के दें। एकाक्षी नारियल धन को सदैव आकर्षित करता है। यह धन की कभी कमी नहीं होने देता। नारियल फोडने का मतलब है कि आप अपने अहंकार और स्वयं को भगवान के सामने समर्पित कर रहे हैं। माना जाता है कि ऐसा करने पर अज्ञानता और अहंकार का कठोर कवच टूट जाता है और ये आत्मा की शुद्धता और ज्ञान का द्वार खोलता है। नारियल कई तरह से मनुष्य के मस्तिष्क से मेल खाता है। नारियल की जटा की तुलना मनुष्य के बालों से कठोर कवच की तुलना मनुष्य की खोपड़ी से और नारियल पानी की तुलना खून से की जा सकती है। साथ ही नारियल के गूदे की तुलना मनुष्य के दिमाग से की जा सकती है। बुरी नजर को उतारने के लिए अगर किसी को बुरी लग जाती है तो उसे नारियल की मदद से उतारा जाता है। इसके लिए एक नारियल लिया जाता है और व्यक्ति के लंबाई के बराबर के लाल धागे को नारियल पर लपेटा जाता है। फिर इसे सिर के चारों ओर तेजी से 7 बार घुमाया जाता है और नारियल को नदी में बहा दिया जाता है।
शनि की छाया के कारण जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है
शनि की छाया को दूर करने के लिए एक नरियल, जौ और काली उरड़ दाल को एक साथ लें। अब इसे अपने सिर के चारों ओर 7 बार घुमाकर नदी में बहा दें। वित्तीय समस्या दूर करने के लिए मंगलवार के दिन जासमीन तेल और सिंदूर के पेस्ट से नारियल पर स्वास्तिक बनाएं। अब इसे भगवान गणेश की प्रतिमा पर अर्पित कर दे। नारियल बीज रूप है इसलिए इसे उत्पादन से जोड़ा जाता है। स्त्रियाँ बीज रूप से ही शिशु को जन्म देती है और इसलिए नारी के लिए बीज रूपी नारियल को फोड़ना अशुभ माना गया है। देवी-देवताओं को श्रीफल चढ़ाने के बाद पुरुष ही इसे फोड़ते हैं। श्रीफल के बिना कोई भी पूजा अधूरी मानी जाती है। किसी भी पूजा में श्रीफल का अपना विशेष महत्व होता है। श्रीफल शुभ, समृद्धि, सम्मान, उन्नति और सौभाग्य का सूचक माना जाता है।
समस्त समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए (To get rid of all problems)