तुलादान-Tula-daan

Share:

 

तुलादान 
(Tula-daan) 

भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं में तुलादान Tula-Daan लीला भी शामिल है। माना जाता है कि इस तुलादान लीला में भगवान कृष्ण ने तुलसी के महत्व के बारे में बताया है। इस तुलादान लीला से प्रेरित होकर भगवान द्वारकाधीश के साथ ही एक और मंदिर का निर्माण किया था जिसे तुलादान मंदिर के नाम से जाना गया। कई प्रकार से दान किए जाते हैं जैसे अन्नदान, वस्त्रदान, विद्यादान, अभयदान, गौ दान, स्वर्णदान, भूमिदान इत्यादि लेकिन तुलादान अपना बहुत महत्व होता है इसे महादान भी कहा जाता है। इस दान को सभी दानों से अधिक महत्व व विशेष बताया गया है। इस दान में जातक अपने भार के बराबर अन्न और धन का दान करता है।

तुला दान कैसे करें (How to do Tuladaan)

तुलादान करने के लिए चाहें आप नवग्रह से जुड़े अनाज को या फिर सतनजा (गेहूं, चावल, दाल, मक्का, ज्वार, बाजरा, सावुत चना) दान कर सकते हैं। इसके अलावा आप चाहें तो आप अपने भार के बराबर हरा चारा तोलकर, रविवार के दिन किसी गोशाला में दान कर सकते हैं। इसकी जगह आप चाहें तो आप पक्षियों को डाले जाने वाले अनाज का तुलादान कर सकते हैं और उसे प्रतिदिन पक्षियों को खाने के लिए डाल सकते हैं।

तुलादान की कथा (Tula daan ki katha in hindi)

एक बार सत्यभामा ने श्रीहरि पर एकाधिकार पाने के लिए नारद मुनि को दान कर दिया। जब नारद जी श्रीकृष्ण को अपने साथ लेकर जाने लगे तब सत्यभामा को अपनी भूल का आभास हुआ इसके बाद सत्यभामा ने नारद मुनि से क्षमा मांगते हुए श्रीहरि के बदले कुछ और मांगने को कहा श्रीहरि के लीला में नारद भी शामिल थे। ऐसे में नारद ने सत्यभामा से हरि के भार के बराबर अन्न, धन मांगा, सत्यभामा इसके लिए राजी हो गई परंतु श्रीहरि की लीला के बारे में सत्यभामा को कुछ अंदाजा न था। तराजू मंगाया गया एक पड़ले पर श्रीकृष्ण व दूसरे पर उनके भार के बराबर स्वर्ण से लेकर हर तरह की संपत्ति रखी गई लेकिन श्रीहरि का पड़ला टस से मस न हुआ राज्यकोष समाप्त हो गया। इसके बाद रूक्मणी ने सत्यभामा से एक तुसली का पत्ता तुला के दूसरे पड़ले पर रखने के लिए कहा जैसे ही तुलसी का पत्ता रखा गया स्वर्ण व संपत्ती का भार श्रीकृष्ण के बराबर हो गया। इसके बाद श्रीहरि ने तुला दान को महादान कहा। उन्होंने कहा कि जो भी इस दान को करेगा वह सर्वसुख व वैभव का भोगी होगा। तब से राजा, सम्राट, संत आदि इस दान को करते आए हैं।

विधि-विधान (Vidhi-vidhan)

जो मनुष्य तुला दान करना चाहता है सबसे पहले भगवान श्रीहरि विष्णु का स्मरण करता है। फिर वह तुला की परिक्रमा करके एक पलड़े पर बैठ जाता है। दूसरे पलड़े पर ब्राह्मण लोग धन-अन्न और आभूषण रखते हैं। तराजू के दोनों पलड़ें बराबर होने पर पृथ्वी का आह्वान किया जाता है। दान देने वाला तराजू के पलड़े से उतर जाता है। फिर चढ़ाए गए धन का आधा भाग गुरु को और दूसरा भाग ब्राह्मण को दिया जाता है और देते समय हाथ में जल गिराया जाता है। यह दान बहुत ही दुर्लभ है। एक बात और इस दान को मकर संक्रांति के दिन करने पर इसका अधिक व विशेष लाभ प्राप्त होता है।

भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं में तुलादान Tula-Daan लीला भी शामिल है। माना जाता है कि इस तुलादान लीला में भगवान कृष्ण ने तुलसी के महत्व के बारे में बताया है। इस तुलादान लीला से प्रेरित होकर भगवान द्वारकाधीश के साथ ही एक और मंदिर का निर्माण किया था जिसे तुलादान मंदिर के नाम से जाना गया। कई प्रकार से दान किए जाते हैं जैसे अन्नदान, वस्त्रदान, विद्यादान, अभयदान, गौ दान, स्वर्णदान, भूमिदान इत्यादि लेकिन तुलादान अपना बहुत महत्व होता है इसे महादान भी कहा जाता है। इस दान को सभी दानों से अधिक महत्व व विशेष बताया गया है। इस दान में जातक अपने भार के बराबर अन्न और धन का दान करता है।Tula Daan, Maha Daan benefits in hindi, Tula daan removes all the problems of life in hindi,navgrah daan samagri in hindi,Tula daan samagri, Tula daan has been given more importance than all donations in hindi,Tula Daan benefits in in hindi, tula daan kaise karen tulaadaan karane ke lie chaahen aap navagrah se jude anaaj ko ya phir satanaja (gehoon, chaaval, daal, makka, jvaar, baajara, saavut chana) daan kar sakate hain. isake alaava aap chaahen to aap apane bhaar ke baraabar hara chaara in hindi,sakshambano in hindi, saksham bano in hindi, in hindi, kiyon saksambano in hindi, kiyon saksambano achcha lagta hai in hindi, kaise saksambano in hindi, kaise saksambano brand se sampark  in hindi, sampark karein saksambano brand se in hindi, saksambano brand in hindi, sakshambano bahut accha hai in hindi, gyan ganga sakshambnao se in hindi,apne aap ko saksambano in hindi, ek kadam saksambano ki or in hindi,saksambano phir se in hindi, ek baar phir saksambano in hindi, ek kadam saksambano ki or in hindi, self saksambano in hindi, give advice to others for saksambano, saksambano ke upaya in hindi, saksambano-saksambano india in hindi, saksambano-saksambano phir se in hindi, सक्षम बनो हिन्दी में, sab se pahle saksambano, sab se pahle saksam bano, aaj hi sab se pahle saksambano, aaj hi sab se pahle saksam bano, tula daan benefits in hindi, tula daan ke fayde in hindi, tula daan benefits ke barein mein in hindi, tula daan benefits article in hindi, tula daan benefits pdf in hindi, tula daan for shani in hindi, tula daan ki din karna chahiye in hindi, tula daan ke labh in hindi, tula daan se rogmukt in hindi, tula daan se rogmukt se healthy in hindi, tula daan se shanti in hindi, tula daan kab karna chahiye in hindi, tula daan vidhi-vidhan in hindi, tula daan ka mahatva in hindi, anaj ka daan in hindi, vastra daan in hindi, tula daan ki katha in hindi, vastra daan ke barein mein in hindi,

दान का महत्व (Daan ka mahatva): दान एक ऐसा कार्य है जिसके कारण अपने जीवन की तमाम समस्याओं से भी निकल सकते हैं। आयु, रक्षा और सेहत के लिए तो दान को अचूक माना जाता है। जीवन की तमाम समस्याओं से निजात पाने के लिए भी दान का विशेष महत्व है। दान करने से ग्रहों की पीड़ा से भी मुक्ति पाना आसान हो जाता है। माना जाता है कि अलग -अलग वस्तुओं के दान से अलग-अलग समस्याएं दूर होती है लेकिन बिना सोचे-समझे गलत दान से नुकसान भी हो सकता है। कई बार गलत दान से अच्छे ग्रह भी बुरे परिणाम दे सकते हैं।

अनाज का दान (Anaj daan): अनाज का दान करने से जीवन में अन्न का अभाव नहीं होता। अनाज का दान बिना पकाए हुए करें तो ज्यादा अच्छा होता है।

धातुओं का दान (Dhatu ka daan): धातुओं का दान विशेष दशाओं में ही करें। यह दान उसी व्यक्ति को करें जो दान की गई चीज का प्रयोग  करें।  धातुओं का दान करने से आई हुई विपत्ति टल जाती है।

वस्त्रों का दान (Vastuon ka daan): वस्त्रों का दान करने से आर्थिक स्थिति हमेशा उत्तम रहती है। उसी स्तर के कपड़ों का दान करें, जिस स्तर के कपड़े आप पहनते हैं। फटे पुराने या खराब वस्त्रों का दान कभी भी न करें। 

तुलादान का ज्योतिष संबंध (Tula daan ka jyotish sambandh): तुलादान का ज्योतिषीय महत्व भी है। ज्योतिष शास्त्र में इस दान को करने के लिए कई ज्योतिषीय उपाय का उल्लेख मिलता है। इसे ज्योतिषी उपाय के तहत किया भी जाता है। मान्यता है कि इस दान में नौ ग्रह सामग्री का दान किया जाता है। जिससे ग्रह शांत होते हैं। ज्योतिषों का कहना है कि इस दान में बड़ी ही सरलता से नौ ग्रह दान किया जाता है। नौ ग्रह दान करने से स्वास्थ्य लाभ से लेकर धन लाभ व संबंधो में सुधार होता है। ज्योतिष में इन ग्रहों को कई चीजों का कारक माना जाता है। इनके प्रभाव के बिना सही परिणाम मिलना संभव नहीं है। इसलिए नौ ग्रह दान तुलादान के अंतर्गत किया जाता है। परंतु यह दान यदि आप कुंडली का आकलन करवाकर करते हैं तो इसका आपको अधिक लाभ मिलेगा। 

समस्त समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए (To get rid of all problems)

No comments