जरूरी है सावन सोमवार व्रत कथा पढ़ना- It is necessary to read Sawan Somwar Vrat Katha

Share:

 

जरूरी है सावन सोमवार व्रत कथा पढ़ना
(It is necessary to read Sawan Somwar Vrat Katha) 

एक शहर में एक साहूकार रहता था। उसके घर में पैसों की कोई कमी नहीं थी लेकिन उसके कोई संतान नहीं थी, जिससे वह बहुत दुखी रहता था। पुत्र की कामना करते हुए वह हर सोमवार को भगवान शिव का व्रत किया करते थे और शिव और पार्वती जी की पूरी भक्ति के साथ शिवालय में पूजा करते थे। उनकी भक्ति देखकर माता पार्वती प्रसन्न हुई और उन्होंने भगवान शिव से साहूकार की इच्छा पूरी करने का अनुरोध किया। 

जरूरी है सावन सोमवार व्रत कथा पढ़ना It Is Necessary To Read Sawan Somwar Vrat Katha, Sawan mein shiv katha ka mahatva, sawan somvar vrat katha in hindi, sawan vrat katha in hindi, sawan vrat katha ka mahatva in hindi, shiv parvati katha in hindi pdf in hindi, sawan somvar vrat katha ke fayde in hindi, sawan somvar vrat katha se labh in hindi, sawan somvar vrat katha se sukh-shanti in hindi, sawan somvar vrat katha ke mirtu ka bhay door in hindi, mrityu ka bhay kaise dur kare in hindi, shiv ki pooja in hindi, shiv-shakti ki pooja in hindi, pavitra sawan maas ke barein mein in hindi, pavitra sawan maas ki pooja vidhi in hindi, pooja pavitra sawan ke mahine mein in hindi, shiv ki pooja se kaal ka bhay kaise in hindi ? kaalasarp ka prakop kaise in hindi? bhagavaan shiv kee pooja vidhivat in hindi, shiv pooja niyamit in hindi, shiv araadhana in hindi, kisee bhee prakaar ka koee sankat nahee aata in hindi, sankat haran in hindi, sankatamochak in hindi, dukhon ka nivaaran in hindi, dukhon ka uttar in hindi, dukh door karen in hindi, dukh sameep nahee aate in hindi, bhay se mukti in hindi, The prevention of all sufferings in hindi, shiv-pooja, kaal-ka-bhay-kaise, sharavan-maas-pooja, sharavan-mein-shiv-ki-pooja, har-dukh-door,shiv-parvati, shiv-ke-barin-mein, shiv-pooja-ka-mahatva, shiv-kunji, shiv-hi-shiv, om-namah-shivaya, shiv-ki-bhakti-mein-shakti, shiv hindi, shiv-gyan hindi, pavitra sawan ka mahina,   shiv ki pooja in hindi, shiv pooja in hindi, shiv pooja hindi, kaal ka bhay kaise in hindi, kaal ka bhay kaise in hindi, hindi, sharavan maas pooja in hindi, sharavan maas pooja  hindi, sharavan mein shiv ki pooja in hindi, har dukh door in hindi, shiv-parvati in hindi, shiv ke barin mein in hindi, shiv pooja ka mahatva in hindi,  shiv-kunji  in hindi,  shiv hi shiv in hindi,  om-namah-shivaya in hindi,  shiv ki bhakti  in hindi, shiv bhakti mein shakti in hindi, shiv hindi, shiv-gyan in hindi, pavitra sawan ka mahina in hindi, बिना देरी करें समाधान, कष्ट निवारण के लिए भगवान शिव पूजा,  शिव पूजा नियमित, किसी भी प्रकार का कोई संकट नही आता, संकट हरण, संकटमोचक, दुखों का निवारण, दुखों का उत्तर, दुख दूर करें, दुख समीप नही आते,  भय से मुक्ति, सवान के पवित्र मास का अपना बहुत महत्व है, भगवान शिव अपने भक्त को दुखी नही देख सकते, उसकी हर मनोकामना पूर्ण करते, ऐसे ही एक शिव भक्त साहूकारकी कथा, sakshambano, sakshambano ka uddeshya, latest viral post of sakshambano website, sakshambano pdf hindi,

पार्वती जी की इच्छा सुनकर भगवान शिव ने कहा कि हे पार्वती। इस संसार में प्रत्येक प्राणी को उसके कर्मों के अनुसार फल मिलता है और उसके भाग्य में जो कुछ भी होता है उसे भुगतना पड़ता है। लेकिन पार्वती जी ने साहूकार की आस्था को बनाए रखने की इच्छा पूरी करने की इच्छा व्यक्त की। माता पार्वती के अनुरोध पर शिवजी ने साहूकार को वरदान दिया लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि उनकी संतान अल्पायु होगी और केवल सोलह वर्ष तक ही जीवित रहेगी।

साहूकार माता पार्वती और भगवान शिव की यह बातचीत सुन रहा था। वह पहले की तरह शिव की पूजा करता रहा। कुछ समय बाद साहूकार के एक पुत्र का जन्म हुआ। जब वह बालक ग्यारह वर्ष का हुआ तो उसे पढ़ने के लिए काशी भेज दिया गया। साहूकार ने बेटे के मामा को बुलाकर ढेर सारा पैसा दिया और कहा कि तुम इस बच्चे को काशी विद्या प्राप्त करने के लिए ले जाओ और रास्ते में यज्ञ करो। आप जहां भी यज्ञ करें, वहां ब्राह्मणों को भोजन कराकर दक्षिणा देकर जाएं।

मामा-भांजे  दोनों एक ही तरह से यज्ञ करते थे और ब्राह्मणों को दक्षिणा दान करते थे और काशी की ओर चले जाते थे। रास्ते में एक नगर था जहाँ नगर के राजा की पुत्री का विवाह होने वाला था लेकिन जिस राजकुमार से उसका विवाह तय हुआ था वह काना था और इस बात की जानकारी राजा को नहीं थी।  राजकुमार ने इस बात का लाभ उठाकर अपने स्थान पर साहूकार के बेटे को दूल्हा बना दिया। लेकिन साहूकार का बेटा ईमानदार था। उसने अवसर का लाभ उठाया और राजकुमारी के दुपट्टे पर लिखा कि तुम मुझसे शादी कर चुके हो लेकिन जिस राजकुमार के साथ तुम्हें भेजा जाएगा वह एक आंख वाला काना है। मैं काशी पढ़ने जा रहा हूं।

जब राजकुमारी ने चुन्नी पर लिखे शब्दों को पढ़ा तो उसने अपने माता-पिता को यह बात बताई। बारात को छोड़कर राजा ने अपनी बेटी को नहीं छोड़ा। उधर साहूकार का लड़का और उसके मामा काशी पहुंचे और वहां जाकर यज्ञ किया। लड़के की उम्र के दिन जब वह 16 वर्ष का था, एक यज्ञ किया गया था। लड़के ने अपने मामा से कहा कि मेरी तबीयत ठीक नहीं है। मामा ने कहा कि तुम अंदर जाओ और सो जाओ। शिव के वरदान के अनुसार कुछ ही पलों में बच्चे की जान निकल गई। मृत भांजे को देख उसके मामा विलाप करने लगे। संयोग से उसी समय शिव और माता पार्वती वहां से जा रहे थे। पार्वती ने भगवान से कहा- प्राणनाथ, मैं इसकी पुकार को सहन नहीं कर सकती। आपको इस व्यक्ति की पीड़ा को दूर करना होगा। जब शिवजी मरे हुए लड़के के पास पहुंचे तो उन्होंने कहा कि यह उसी साहूकार का बेटा है, जिसे मैंने 12 साल की उम्र में वरदान दिया था। अब इसकी उम्र खत्म हो गई है। लेकिन माता पार्वती ने कहा कि हे महादेव कृपा करके इस बच्चे को और उम्र दे, नहीं तो इसके माता-पिता भी मर जाएंगे। शिव के अनुरोध पर भगवान शिव ने लड़के को जीवित रहने का वरदान दिया। शिव की कृपा से वह बालक जीवित हो गया। शिक्षा समाप्त करके जब वह लड़का अपने मामा के साथ अपने नगर लौट रहा था तो दोनों चलते हुए उसी नगर में पहुंचे, जहां उसका विवाह राजकुमारी के साथ हुआ था। उस नगर में भी उसने यज्ञ का आयोजन किया। उस नगर के राजा ने तुरंत उसे पहचान लिया। यज्ञ समाप्त होने पर राजा व्यापारी के बेटे और उसके मामा को महल में ले आए और उन्हें बहुत-सा धन, वस्त्र देकर राजकुमारी के साथ विदा किया।

लड़के के मामा ने नगर में पहुंचते ही एक दूत को घर भेजकर अपने आने की सूचना भेजी। बेटे के जीवित वापस लौटने की सूचना से व्यापारी बहुत प्रसन्न हुआ। व्यापारी और उसकी पत्नी ने स्वयं को एक कमरे में बंद कर रखा था। भूखे-प्यासे रहकर वो दोनों अपने बेटे की प्रतीक्षा कर रहे थे। उन्होंने प्रतिज्ञा कर रखी थी कि यदि उन्हें अपने बेटे की मृत्यु का समाचार मिला तो दोनों अपने प्राण त्याग देंगे। व्यापारी अपनी पत्नी के साथ नगर के द्वार पर पहुंचा। अपने बेटे के जीवित होने और उसके विवाह का समाचार सुनकर उसकी खुशी का ठिकाना न रहा। उसी रात भगवान शिव ने व्यापारी के सपने में आकर कहा- हे श्रेष्ठी! मैंने तेरे सोमवार व्रत करने और व्रतकथा सुनने से प्रसन्न होकर तेरे पुत्र को लंबी आयु प्रदान की है। ऐसा सुनकर व्यापारी काफी प्रसन्न हुआ।

समस्त समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए (To Get Rid Of All Problems)

भगवान शिव के अवतार (Bhagwan Shiv Ke Avatars)

click here » भगवान शिव का नंदी अवतार 
click here » भगवान शिव का गृहपति अवतार 
click here » भगवान शिव का शरभ अवतार
click here » भगवान शिव का वृषभ अवतार
click here » भगवान शिव का कृष्णदर्शन अवतार
click here » भगवान शिव का भिक्षुवर्य अवतार
click here » भगवान शिव का पिप्पलाद अवतार
click here » भगवान शिव का यतिनाथ अवतार
click here » भगवान शिव का अवधूत अवतार 
click here » भगवान शिव के अंश ऋषि दुर्वासा
click here » भगवान शिव का सुरेश्वर अवतार
click here » शिव का रौद्र अवतार-वीरभद्र
click here » भगवान शिव का किरात अवतार  

No comments