कैसे होता है पूजा में भूल-चूक का शुद्धीकरण?
How is purification of forgiveness in worship? : इन दिनों नवरात्रों का शुभ समय चल रहा है इस मृत्युलोक में उपस्थित व्यक्ति किसी न किसी प्रकार से माँ दुर्गा की भक्ति कर रहे हैं। प्राचीन काल से अब तक नौ दिनों तक प्रतिदिन व्रत प्रथा चल आ रही है। अनजाने में किसी भी प्रकार की भूल-चूक के लिए क्षमा याचना, पूजा के बाद नियमित रूप करना जरूरी होता है।
These days the auspicious time of Navratri is going on. People present in this folk are worshiping Maa Durga anyhow. The fasting tradition is coming since ancient times for nine days till now. Forgive for any kind of mistake inadvertently, regular do apologize mantras after worship is necessary.
अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेहर्निशं मया।
दासोयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वरी।।
आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्।
पूजां चैव न जानामि क्षम्यतां परमेश्वरी।।
मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं सुरेश्वरी।
यत्पूजितं मया देवि परिपूर्णं तदस्तु मे।।
अपराधशतं कृत्वा जगदम्बेति चोच्चरेत।
यां गतिं सम्वाप्नोते न तां ब्रहमादयः सुराः।।
सापराधो स्मि शरणं प्राप्तस्त्वां जगदम्बिके।
इदानीमनुकम्प्योहं यथेच्छसि तथा कुरु।।
अक्षानाद्धिस्मृतेभ्र्रान्त्या यन्नयूनमधिकं कृतम्।
तत्सर्वं क्षमयतां देवि प्रसीद परमेश्वरी।।
कामेश्वरी जगन्मातः सच्चिदानन्दविग्रेहे।
गृहाणार्चामिमां प्रीत्या प्रसीद परमेश्वरी।।
गृहातिगुहागोप्त्री त्वं गृहाणास्मत्कृतमं जपम्।
सिद्धिर्भवतु मे देवि त्वत्प्रसादात्सुरेश्वरि।।
माँ दुर्गा के नौ स्वरूप-Maa Durga Ke Nau Roop