धर्म शास्त्रों में शंख का अपना विशिष्ट स्थान है इसकी उत्पत्ति समुद्र मंथन से निकले चौदह रत्नोंम में से छठा रत्न शंख था। विष्णु पुराण में माता लक्ष्मी समुद्र राज की पुत्री है इसलिए शंख को भाई के रूप में माना जाता है। जहां शंख मौजूद होता है वहीं माता लक्ष्मी की होती है और शंख की पूजा समस्त भक्तों को सुख प्रदान करती है।भागवत पुराण में संदीपन ऋषि के आश्रम में श्रीकृष्ण जी ने अपनी शिक्षा पूर्ण करने के बाद उनसे गुरु दक्षिणा का अनुरोध किया तब ऋषि ने उनसे कहा कि समुद्र में डूबे मेरे पुत्र को लेकर आओ। भगवान श्रीकृष्ण जी ने समुद्र तट पर शंखासुर को मारा उसी से शंख की उत्पत्ति हुई जो पांचजन्य शंख कहलाया। शंखासुर को मारने के लिए भगवान श्री हरि ने मत्स्या अवतार धारण किया था। शंखासुर के मस्तक तथा कनपटी की हड्डी का प्रतीक शंख माना जाता है शंख से निकली ध्वनि सभी प्रकार से सुख-समृद्धि का प्रतीक होती है।
Shankh Se Shubh-Labh
मनुष्य जीवन में सुखदायी (Conch is pleasurable in human life)• शंख में रखे पानी को घर में छिड़कने से घर का वातावरण शुद्ध होता है। (The environment of the house is purified by spraying the water kept in the conch in the house).
• शंख में रखे पानी का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती हैै। (Bones are strengthened by consuming water kept in the conch shell).
• शंख को सुख-समृद्धि के साथ-साथ निरोगी का प्रतीक माना गया है। (The conch is considered a symbol of happiness, prosperity as well as health).
• शंख को पूजा स्थान में रखने से अनिष्टों का नाश होता है। (Putting the conch in a place of worship destroys the evil).
• शंख को घर में रखने से सौभाग्य में अति वृद्धि होती हैै। (Keeping the conch in the house increases the good luck).
विभिन्न प्रकार के फलदायी शंख (Various benefits of conch in hindi)
1) श्री गणेश शंख- इसकी आकृति श्री गणेश जी के तरह दिखती है यह दरिद्रता का नाशक तथा धन प्राप्ति का प्रतीक है।
2) अन्नपूर्णा शंख- घर में सुख-शांति एवं समृद्धि के अति उपयोगी होता है। गृहस्थ जीवन में प्रतिदिन शंख के दर्शन करना अति फलदायी होता है।
3) कामधेनु शंख- इसका उपयोग करने से तर्क शक्ति को बल मिलता है और शंख ध्वनि से मनोकामना पूरी होती हैै।
4) मोती शंख- इसके उपयोग से हृदय रोग को दूर होता है।
5) ऐरावत शंख- इसके उपयोग से शरीर की बनावट तथा रंग-रूप सुन्दर होता है।
6) विष्णु शंख- इसके उपयोग से प्रगति और मनुष्य रोग मुक्त होता है।
8) मणि पुष्पक शंख- इसके उपयोग तथा पूजा अर्चना से यश कीर्ति बढ़ती है और उच्च पद की प्राप्ति होती है।
9) दक्षिणावर्ती शंख- इस शंख को देव रूप माना गया है। शंख के बीच में वरुण्, पिछले भाग में ब्रहमा, मुख्य भाग में गंगा का निवास होता है। दक्षिणावर्ती शंख से खुशहाली आती है और लक्ष्मी प्राप्ति के साथ धन-सम्पत्ति में वृद्धि होती है।
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