मोक्षदा एकादशी-Mokshada Ekadashi

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मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi) 

एकादशी व्रत बहुत ही पवित्र, शांतिदायक और पापनाशक माना गया है। एकादशी तिथि जगतगुरु विष्णु स्वरूप है जो समस्त पापों से मुक्त करता है। सभी एकादशियों में नारायण समतुल्य पुण्यफल देने का सामर्थ्य है। ये सभी अपने भक्तों की कामनाओं की पूर्ति कर उन्हें विष्णुलोक यानि वैकुंठ पहुँचाती हैं। पदम् पुराण के अनुसार परमेश्वर श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर को एकादशी तिथि का महत्त्व समझाते हुए कहा है कि बड़ी-बड़ी दक्षिणा वाले यज्ञों से भी मुझे उतना संतोष नहीं मिलता, जितना एकादशी व्रत के अनुष्ठान से मुझे प्रसन्नता मिलती है। जैसे नागों में शेषनाग, पक्षियों में गरुड़, देवताओं में श्री विष्णु तथा मनुष्यों में ब्राह्मण श्रेष्ठ हैं उसी प्रकार सम्पूर्ण व्रतों में एकादशी का व्रत  श्रेष्ठ और कल्याणकारी है। इस व्रत का पालन करने से शुभ फलों में वृद्धि होकर अशुभता का नाश होता है। भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को मोक्षदा एकादशी का महत्व समझाते हुए कहा है कि इस एकादशी के माहात्म्य को पढ़ने और सुनने मात्र से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है। इस व्रत को करने से प्राणी के जन्म-जन्मांतर के पाप क्षीण हो जाते हैं तथा जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है।

मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी व्रत रखने का विधान हैं। इस एकादशी को वैकुण्ठ या मौनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों में इस एकादशी का बड़ा ही महत्व बताया गया है। कहते हैं मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को ही कुरुक्षेत्र की भूमि पर भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इसी कारण इसे गीता जयंती से भी जाना जाता है। मोक्षदा एकादशी को भगवान विष्णु के दामोदर रूप की पूजा की जाती है। भगवान विष्णु के शंख, गदा, चक्र और पद्मधारी रूप को दामोदर की संज्ञा दी गयी है। शास्त्रों के अनुसार स्वंय भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर से कहा है कि इस दिन तुलसी की मंजरी, धूप-दीप आदि से भगवान दामोदर का पूजन करना चाहिए। आज मोक्षदा एकादशी के दिन स्नानादि से निवृत्त होकर भगवान दामोदर का स्मरण करते हुए सबसे पहले जल में गंगाजल डालकर पूरे घर में छिड़कना चाहिए और उसके बाद विधि-विधान से भगवान का पूजन करना चाहिए। पूजा के समय ‘भगवद्गीता’ की एक प्रति भी रखनी चाहिए और संभव हो तो आज गीता के कुछ अंश जरूर पढ़ने चाहिए। कहते हैं मोक्षदा एकादशी का व्रत करने से पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। 

एकादशी व्रत बहुत ही पवित्र, शांतिदायक और पापनाशक माना गया है। एकादशी तिथि जगतगुरु विष्णु स्वरूप है जो समस्त पापों से मुक्त करता है। सभी एकादशियों में नारायण समतुल्य पुण्यफल देने का सामर्थ्य है। ये सभी अपने भक्तों की कामनाओं की पूर्ति कर उन्हें विष्णुलोक यानि वैकुंठ पहुँचाती हैं। पदम् पुराण के अनुसार परमेश्वर श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर को एकादशी तिथि का महत्त्व समझाते हुए कहा है कि बड़ी-बड़ी दक्षिणा वाले यज्ञों से भी मुझे उतना संतोष नहीं मिलता, जितना एकादशी व्रत के अनुष्ठान से मुझे प्रसन्नता मिलती है। जैसे नागों में शेषनाग, पक्षियों में गरुड़, देवताओं में श्री विष्णु तथा मनुष्यों में ब्राह्मण श्रेष्ठ हैं उसी प्रकार सम्पूर्ण व्रतों में एकादशी का व्रत  श्रेष्ठ और कल्याणकारी है। इस व्रत का पालन करने से शुभ फलों में वृद्धि होकर अशुभता का नाश होता है। भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को मोक्षदा एकादशी का महत्व समझाते हुए कहा है कि इस एकादशी के माहात्म्य को पढ़ने और सुनने मात्र से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है। इस व्रत को करने से प्राणी के जन्म-जन्मांतर के पाप क्षीण हो जाते हैं तथा जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है।Mokshada Ekadashi in hindi mokshada ekadashi vrat vidhi in hindi, mokshada ekadashi katha in hindi, Mokshada Ekadashi ke barein mein in hindi, mokshada ekadashi ka mahatva in hindi, mokshda ekadashi ke upay in hindi,, Papankusha Ekadashi Vrat Ka Mahatva in hindi, Papankusha Ekadashi Vrat Katha in hindi in hindi, Papankusha Ekadashi Vrat Pooja Vidhi in hindi in hindi, पापांकुशा एकादशी व्रत hindi, Papankusha Ekadashi Vrat in hindi, papankusha ekadashi vrat katha in hindi, papankusha ekadashi vrat ka mahatva in hindi, papankusha ekadashi vrat ki kahani in hindi, papankusha ekadashi vrat article in hindi, papankusha ekadashi pdf in hindi, papankusha ekadashi significance in hindi, papankusha ekadashi ke barein mein in hindi, papankusha ekadashi hindi, papankusha ekadashi pooja in hindi, vishnu jpeg, vishnu photo, sakshambano in hindi, saksham bano in hindi, in hindi, kiyon saksambano in hindi, kiyon saksambano achcha lagta hai in hindi, kaise saksambano in hindi, kaise saksambano brand se sampark  in hindi, sampark karein saksambano brand se in hindi, saksambano brand in hindi, sakshambano bahut accha hai in hindi, gyan ganga sakshambnao se in hindi,apne aap ko saksambano in hindi, ek kadam saksambano ki or in hindi,saksambano phir se in hindi, ek baar phir saksambano in hindi, ek kadam saksambano ki or in hindi, self saksambano in hindi, give advice to others for saksambano, saksambano ke upaya in hindi, saksambano-saksambano india in hindi, saksambano-saksambano phir se in hindi, सक्षम बनो हिन्दी में, sab se pahle saksambano, sab se pahle saksam bano, aaj hi sab se pahle saksambano, aaj hi sab se pahle saksam bano,

भगवान विष्णु की कृपा के लिए मोक्षदा एकादशी पर ये उपाय करें

1. मोक्षदा एकादशी के दिन व्रत रखने और मोक्षदा एकादशी व्रत कथा का श्रवण करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं, जिससे भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं

2. एकादशी के दिन स्नान के बाद संभव हो तो पीले वस्त्र पहनें और भगवान विष्णु को पीले फूल, वस्त्र, पीला फल आदि पूजा में अर्पित करें। ऐसा करने से भी भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।

3. भगवान विष्णु का पंचामृत से अभिषेक करें और उनको तुलसी पत्र अर्पित करें। ऐसा करने से भी वे प्रसन्न होते हैं क्योंकि उनको तुलसी पत्र प्रिय है।

4. एकादशी के दिन पीपल के जड़ में जल अर्पित करने से भी भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। पीपल की जड़ में श्रीहरि का वास माना जाता है।

5. एकादशी पर पीली वस्तुओं का दान भी पुण्य लाभ के लिए उत्तम माना जाता है।

6. एकादशी के दिन भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना भी शुभ होता है। 

7. एकादशी पर भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा करने से आप पर दोनों की ही कृपा होगी।

8. आज के दिन आप विष्णु चालीसा और विष्णु आरती करने से भगवान विष्ण जी की कृपा प्राप्त होती है।

मोक्षदा एकादशी कथा (Mokshada Ekadashi Katha)

युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से मोक्षदा एकादशी की व्रत कथा के बारे में जानना चाहा, तो भगवान श्रीकृष्ण ने उनको मोक्षदा एकादशी व्रत कथा सुनाई। एक समय चंपकनगर में वैखानस नाम का राजा राज्य करता था। उसे अपनी प्रजा बहुत प्रिय थी, वह सबका ध्यान रखता था। एक रात उन्होंने स्वप्न में देखा कि उनके पिता नरक की यातनाएं झेल रहे हैं। उन्हें अपने पिता को दर्दनाक दशा में देख कर बड़ा दुख हुआ। सुबह होते ही उन्होंने राज्य के विद्धान पंडितों को बुलाया और अपने पिता की मुक्ति का मार्ग पूछा। उनमें से एक पंडित ने कहा आपकी समस्या का निवारण भूत और भविष्य के ज्ञाता पर्वत मुनि ही कर सकते हैं। अतः आप उनकी शरण में जाएं। राजा पर्वत मुनि के आश्रम में गए और उनसे अपने पिता की मुक्ति का मार्ग पूछा, महात्मा ने उन्हें बताया की उनके पिता ने अपने पूर्व जन्म में एक पाप किया था। जिस का पाप वह नर्क में भोग रहे हैं। महात्मा बोले- मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष में जो एकादशी आती है। उस एकादशी का आप उपवास करें। एकादशी के पुण्य के प्रभाव से ही आपके पिता को मुक्ति मिलेगी। राजा ने पर्वत मुनि के कहे अनुसार व्रत किया उस पुण्य के प्रभाव से राजा के पिता को मुक्ति मिल गई और वह स्वर्ग में जाते हुए अपने पुत्र से बोले, हे पुत्र! तुम्हारा कल्याण हों, यह कहकर वे स्वर्ग चले गए।

समस्त समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए (To get rid of all problems)

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