विटामिन सी शरीर की रासायनिक क्रियाओं में यौगिकों का निर्माण और उन्हें सहयोग करता है। शरीर में विटामिन सी कई तरह की रासायनिक क्रियाओं में सहायक होता है। विटामिन सी को एस्कॉर्बिक एसिड के नाम से भी जाना जाता है यह शरीर की कार्य-प्रणाली को सही तरह से चलाने के लिए अति आवश्यक पोषक तत्वों में से एक है। तंत्रिकाओं तक संदेश पहुंचाना या कोशिकाओं तक ऊर्जा प्रवाहित करना, विटामिन सी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, विटामिन सी कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित करता है। लौह तत्वों को भी विटामिन सी के माध्यम से ही आधार मिलता है, यह एंटीऑक्सीडेंट के रूप में भी कार्य करता है।
यह शरीर की कोशिकाओं को बांध के रखता है, इससे शरीर के विभिन्न अंग को आकार बनाने में मदद मिलती है। यह शरीर की रक्त वाहिकाओं को मजबूत बनाने में सहायक होता है। इसके सेवन से सर्दी, खांसी व अन्य तरह के इन्फेक्शन होने का खतरा कम हो जाता है। यह कई तरह के कैंसर से भी बचाव करता है और हर तरह से स्वस्थ बनाए रखता है। एंटी-ऑक्सीडेंट्स का मुख्य कार्य इम्यून सिस्टम बूस्ट करना यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना होता है। एंटी-ऑक्सीडेंट्स मुक्त मूलकों से शरीर की रक्षा करने के लिए भी उपयोगी होते हैं। हड्डियों को मजबूत बनाने, कोलेजन का निर्माण करने, कैंसर से रक्षा करने और आयरन के संश्लेषण के लिए विटामिन सी उपयोगी होता है।
विटामिन सी विभिन्न खाद्य पदार्थों से प्राप्त करना होता है, (Vitamin C has to be obtained from various foods) शरीर इसका स्वयं निर्माण नही करता यह फलों और सब्जियों से प्राप्त होता है। लाल मिर्च, संतरा, अनानास, टमाटर, स्ट्रॉबेरी और आलू आदि। यह घुलनशील तत्व होते है इसलिए कच्चे फल और सब्जियाँ इसके सबसे बड़े स्रोत है। महिलाओं को 75 मिग्रा और पुरुषों को 90 मिग्रा विटामिन सी की आवश्यकता रोजाना होती है। अत्यधिक विटामिन सी भी हानिकारक हो सकता है। किसी भी स्थिति में एक दिन में विटामिन सी १००० मिलिग्राम से अधिक नहीं ग्रहण करना चाहिए। इससे अधिक वह शरीर को हानि भी पहुंचा सकता है। विटामिन सी की कमी के कारण दांतों में खून आना, स्कर्वी जैसे रोग हो जाते है। इसके अलावा इससे शरीर के विभिन्न अंगों में, जैसे कि गुर्दे, हृदय और अन्य जगह में एक प्रकार की पथरी हो सकती है।
विटामिन सी की मात्रा (Vitamin C Amount)
विटामिन सी के स्रोत और पूर्ति (Sources & Supplies of Vitamin-C)
1) हरी मिर्च में विटामिन सी पर्याप्त मात्रा में होता है। प्रति 100 ग्राम हरी मिर्च में 242.5 मिग्रा विटामिन सी होता है इसलिए विटामिन की कमी पूरी करने के लिए हरी मिर्च का सेवन करना लाभकारी होता है।
3) केला में एंटी-ऑक्सीडेंट्स और मिनरल्स के साथ-साथविटामिन सी भी भरपूर मात्रा में होता है। केला के प्रति 100 ग्राम में 120 मिग्रा विटामिन सी होता है।
4) कीवी में मिनरल्स और एंटी-ऑक्सीडेंट्स पूर्ण मात्रा होता है। कीवी में कैल्शियम, मैग्नीशियम, फाइबर, पोटेशियम और विटामिन सी पर्याप्त मात्रा में होते हैं। कीवी के 100 ग्राम में 92.7 मिग्रा विटामिन सी होता है।
5) लीची विटामिन सी का अच्छा स्रोत हैै। लीची के प्रति 100 ग्राम में 71.5 मिग्रा विटामिन सी होता है इसी के साथ ही इसमें पोटेशियम और हेल्दी फैट्स भी होते हैं।
6) कच्चा पपीता है विटामिन सी का अच्छा स्रोत पपीते में फोलेट, फाइबर, कैल्शियम, पोटेशियम, ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में होते हैं। पपीते के 100 ग्राम में 61.8 मिग्रा विटामिन सी होता है।
7) संतरे में पूर्ण मात्रा में विटामिन सी होता है। इसके प्रति 100 ग्राम में 53.2 मिग्रा विटामिन सी होता है एक बड़े संतरे में 97.9 मिग्रा विटामिन सी होता है। संतरा खाने से वजन कम करने में मदद मिलती है।
8) नीबू में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होने के साथ-साथ विटामिन सी पर्याप्त मात्रा में होता है। 100 ग्राम नींबू में 53 मिग्रा विटामिन सी होता है। नींबू में कैलोरी भी कम होती है इसलिए नींबू का सेवन करने से विटामिन सी प्राप्त होता है और स्कर्वी जैसे रोग होने की संभावना नही रहती।
9) आंवला को इंडियन गूसबेरी भी कहा जाता है। यह विटामिन सी का अच्छा स्रोत होता है प्रति 100 ग्राम आंवला में 27.7 मिग्रा विटामिन सी होता है। इसलिए बालों और त्वचा को खूबसूरत बनाने के लिए आंवला का सेवन किया जाता है।
10) आम में विटामिन सी भरपूर होता है। आम के प्रति 100 ग्राम में 27.7 मिग्रा विटामिन सी होता है।
11) चेरी में विटामिन सी की प्र्याप्त मात्रा होती है। चेरी के प्रति 100 ग्राम में 7 मिग्रा विटामिन सी होता है। इसलिए चेरी का सेवन करने से विटामिन सी की कमी पूरी होती है।
12) मटर फाइबर और आयरन के साथ विटामिन सी से भी भरपूर होती है। प्रति 100 ग्राम मटर में 14.2 मिग्रा विटामिन सी होता है। इसलिए सब्जी के रुप में मटर विटामिन सी की कमी को दूर करती है।
विटामिन सी की कमी से होने वाले रोग (Vitamin-C deficiency diseases)
श्वेत प्रदर Blennenteria.
गर्भपात Abortion.
रक्त विकार Blood disorder.
भूख न लगना Loss of appetite.
खून का बहना Bleeding.
मुंह से बदबू आना Bad smell.
हड्डिया कमजोर होना Bone weakening.
आंखों में मोतिया बिन्द Cataract in the eye.
आंख, कान व नाक के रोग Eye, ear and nose diseases.
चेहरे पर दाग पड जाना Face blemish.
फेफडे कमजोर पड़ जाना Lung weakening.
चिड़चिड़ा स्वभाव Irritable nature.
सांस में कठिनाई Difficulty in breathing.
खाया हुआ खाना शरीर में पोषण नहीं कर पाना The food eaten could not nourish the body.
पाचन क्रिया में दोष उत्पन्न होना। Not able digestion process.
मसूडों से खून व मवाद बहना। Bleeding and pus from the gums.
विटामिन सी के फायदे और नुकसान (Advantages and disadvantages of Vitamin-C)
ii) विटामिन सी में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर में होने वाले घाव, जख्म या चोट को जल्द ठीक करने में सक्षम होते है।
iii) विटामिन सी शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति को मजबूत बनाती है, जिसके कारण शरीर संक्रमण मुक्त रहता है।
iv) विटामिन सी हड्डियों को स्वस्थ रखने का काम करता है। इसकी पर्याप्त मात्रा हड्डी से जुड़े विकारों को सही कर उसे मजबूती देता है।
v) शरीर में ग्लाइकोस अमिनो ग्लाइकन्स की कमी होने लगती है, इससे त्वचा रूखी होने लगती है। विटामिन सी इस परेशानी में राहत पहुंचाता है। यह शरीर में नमी की मात्रा को बनाए रखता है और झुर्रियां कम करता है जिससे बढ़ती उम्र के लक्षण कम नजर आते है।
vi) शरीर में विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा से मसूड़े स्वस्थ रहते हैं, मसूड़ों में रक्तस्राव जैसी समस्याएं नहीं होती है।
vii) विटामिन सी कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित करता है।
viii) विटामिन सी उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।
विटामिन सी के नुकसान (Loss of Vitamin-C)
विटामिन C की कमी के कारण बाल गिरना और नाखून टूटना (Hair fall and nail break due to vitamin C deficiency): शरीर में विटानमिन-सी की कमी से बालों का गिरना, नाखून टूटना जैसे होता है। क्योंकि विटामिन-सी आपके बालों को मजबूती देने वाले कोलेजन और प्रोटीन को नियंत्रित करने का काम करता है। विटामिन सी की कमी से बड़ी मात्रा में कोलेजन की कमी हो जाती है, तब बाल अनियंत्रित रूप से झड़ने लगते है।
विटामिन C की कमी के कारण शरीर में दर्द होना (Body aches due to deficiency of Vitamin C): शरीर में लगातार दर्द रहना भी विटामिन सी की कमी से हो सकता है। विटामिन सी युक्त चीजों को शामिल करें।
विटामिन C की कमी के कारण थकान होना (Fatigue due to Vitamin C deficiency): विटामिन सी की कमी से थकान महसूस होती रहती है। इसलिए विटामिन सी शारीरिक और मानसिक क्रिया के लिए बहुत जरूरी होता है।
विटामिन C की कमी के कारण मुंहासे होना (Acne due to Vitamin C deficiency): मुंहासे होना विटामिन सी की कमी का ही एक लक्षण है। विटामिन सी त्वचा को बेहतर बनाता है और एजिंग को कम करता है।
विटामिन C की कमी के कारण नाक से ब्लड आना (Bleeding from the nose due to vitamin C deficiency): विटामिन सी की कमी का लक्षण है। इसलिए पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी लेना चाहिए।
विटामिन C की कमी के कारण दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा (Vitamin C deficiency increases the risk of heart diseases): विटामिन सी की वजह से यह नसों और कोशिकाओं को सपोर्ट करता है। ब्लड को साफ करता है और शरीर से टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालता है।
विटामिन C की कमी के कारण पेट में जलन (Stomach burning due to deficiency of Vitamin C): विटामिन सी की बहुत अधिक मात्रा होने से हो सकती है। जिसे शरीर उसे अब्जॉर्ब नहीं कर रहा है।
विटामिन C के कारण शरीर में कोलेजन की कमी (Lack of collagen in the body due to vitamin C): विटामिन सी की कमी से हो जाती है। कोशिकाएं एक दूसरे से जुडी नहीं रह पाती हैं। इस स्थिति में शरीर से लगातार अनियंत्रित मात्रा में खून का बहाव शुरू हो जाता है।
विटामिन C कमी के कारण मसूड़ों में सूजन की संभावना (Swollen gums likely due to vitamin deficiency): विटामिन सी की कमी से आ जाता है एवं इनसे खून भी बहने लगता है। मसूड़ों के अलावा दांतों में कमजोरी महसूस होती है जिनसे इनकी जड़ों में दर्द होने लगता है। विटामिन सी की कमी से शरीर के अन्य भाग जैसे बाल, त्वचा, जोड़ आदि में लगातार सूजन और त्वचा रूखी हो जाती
स्वस्थ स्वास्थ्य के लिए विटामिन जरूरी हैं -Vitamins are essential for healthy health in hindi)