माँ लक्ष्मी की पूजा इसके बिना अधूरी है
(Worship of Maa Lakshmi is incomplete without it)
प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को दीपावली का त्योहार मनाया जाता है। दीपावली पर माता लक्ष्मी और श्री गणेश की पूजा आराधना होती है। माता लक्ष्मी की पूजा से धन-संपन्नता का वरदान प्राप्त होता है। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार जिस घर में माता लक्ष्मी अपने चरण रखती हैं वहां कभी भी रुपए पैसों की कमी नहीं होती। समुद्र मंथन के दौरान माता लक्ष्मी का अवतरण हुआ, परंतु माता लक्ष्मी अकेले अवतरित नहीं हुईं। उनके भाई का भी अवतरण उनके साथ हुआ।
धार्मिक मान्यता के अनुसार शंख को माता लक्ष्मी का छोटा भाई माना जाता है। शंख भगवान विष्णु का प्रमुख आयुध है। शंख की ध्वनि आध्यात्मिक शक्ति से संपन्न होती है। शास्त्रों के अनुसार शंख की उत्पत्ति शंखचूर्ण की हड्डियों से हुई है, इसलिए इसे पवित्र वस्तुओं में परम पवित्र व मंगलों के भी मंगल माना गया है। शंख कई प्रकार के होते हैं लेकिन वामावर्ती और दक्षिणावर्ती शंख का ज्यादा महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवती महालक्ष्मी और दक्षिणावर्ती शंख दोनों की ही उत्पत्ति समुद्र मंथन के समय सागर से हुई इसलिए शंख को लक्ष्मी का छोटा भाई कहा गया है।
माता लक्ष्मी के छोटे भाई कौन हैं और उनके बिना हर पूजा अधूरी क्यों मानी जाती है? हिंदू धर्म की मान्याता के अनुसार शंख को माता लक्ष्मी का भाई कहा जाता है। इसी वजह से धन की देवी माता लक्ष्मी के हाथ में एक शंख हमेशा दिखाई देता है। जैसे बिना मां लक्ष्मी की कृपा से धन नहीं मिलता ठीक वैसे ही शंख के बिना सकारात्मक और आध्यात्मिक शक्ति नहीं मिलती है। शंख की आवाज से आरोग्य होने का आशीर्वाद मिलता है। हर दिन शंख बजाने से सांस से जुड़ी बीमारियों का खतरा बहुत हद तक कम हो जाता है। शंख की आवाज घर में सुख-शांति और खुशहाली लाता है। धनतेरस या दीपावली के दिन शंख को अपने घर में ला सकते हैं।
शंख सुखदायी जीवन बना देता है (Conch make a happy life)
• शंख को घर में रखने से सौभाग्य में अति वृद्धि होती हैै।
• शंख को सुख-समृद्धि के साथ-साथ निरोगी का प्रतीक माना गया है।
• शंख ध्वनि से वातावरण पवित्र होता है शंख की आवाज से सकारात्मक विचार पैदा होते है।
• शंख में रखे पानी को घर में छिड़कने से घर का वातावरण शुद्ध होता है।
• शंख में रखे पानी का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती हैै।
• शंख बजाने से कई प्रकार के कीटाणु नष्ट हो जाते है।
• शंख को पूजा स्थान में रखने से अनिष्टों का नाश होता है।
शंख से अलग-अलग फायदे (Different benefits of conch)
1) श्री गणेश शंख- इसकी आकृति श्री गणेश जी के तरह दिखती है यह दरिद्रता का नाशक तथा धन प्राप्ति का प्रतीक है।
2) अन्नपूर्णा शंख- घर में सुख-शांति एवं समृद्धि के अति उपयोगी होता है। गृहस्थ जीवन में प्रतिदिन शंख के दर्शन करना अति फलदायी होता है।
3) कामधेनु शंख- इसका उपयोग करने से तर्क शक्ति को बल मिलता है और शंख ध्वनि से मनोकामना पूरी होती हैै।
4) मोती शंख- इसके उपयोग से हृदय रोग को दूर होता है।
5) ऐरावत शंख- इसके उपयोग से शरीर की बनावट तथा रंग-रूप सुन्दर होता है।
6) विष्णु शंख- इसके उपयोग से प्रगति और मनुष्य रोग मुक्त होता है।
7) पौण्ड्र शंख- इसके उपयोग से मनोबल को बल मिलता है तथा विद्यार्थियों के लिए अति फलदायक होता है।
8) मणि पुष्पक शंख- इसके उपयोग तथा पूजा अर्चना से यश कीर्ति बढ़ती है और उच्च पद की प्राप्ति होती है।
9) दक्षिणावर्ती शंख- इस शंख को देव रूप माना गया है। शंख के बीच में वरुण्, पिछले भाग में ब्रहमा, मुख्य भाग में गंगा का निवास होता है। दक्षिणावर्ती शंख से खुशहाली आती है और लक्ष्मी प्राप्ति के साथ धन-सम्पत्ति में वृद्धि होती है।
समस्त समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए (To get rid of all problems)
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