कब, कितना, कैसे पानी पीना चाहिए- When, how much, how you should drink water

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कब, कितना, कैसे पानी पीना चाहिए
(When, how much, how you should drink water in hindi)

शरीर के सभी अंगों को सुचारू रूप से चलाने के लिए पानी की आवश्यकता पड़ती है। इसलिए व्यक्ति बिना खाना खाएं हुए लंबे समय तक रह ले लेकिन बिना पानी पिये वह ज्यादा दिन नही रह सकता। पानी हमारे शरीर के लिए इतना ज्यादा जरूरी होता है, उतना ही पानी के तौर-तरीकों का पालन करना भी जरूरी होता है। पानी पीने का तरीका, पानी पीने का समय, और पानी पीने की मात्रा, इनका प्रयोग-अनुप्रयोग करने से हमारे शरीर पर अच्छा-बुरा प्रभाव पड़ता है।

पानी पीने का तरीका, लापरवाही बिल्कुल नहीं (Right way to drink water, No carelessness): पानी हमेशा धीरे-धीरे पीना चाहिए जैसे चाय या कॉफी पीते जाती है। पानी पीते समय इसे थोड़ी देर अपने मुंह में रखें फिर निगलें। यह पानी पीने का सबसे बेहतर तरीका है और जो लोग इस तरीके की आदत डाल लेते हैं उनके शरीर में कभी भी किसी तरह की बीमारी नहीं आती। क्योंकि थोड़ा-थोड़ा पानी पीने से पानी के साथ मुंह की लार भी पेट के अंदर जाती है। और यह तरीका सबसे ज्यादा सुबह के समय फायदेमंद होता है। जल्दी-जल्दी में पानी कभी नहीं पीना चाहिए और ना ही ज्यादा पानी एक साथ पीना चाहिए। मानव शरीर में ज्यादा पानी की कार्य क्षमता नही होती है। ज्यादा पानी पी लेंने से वह पेशाब के साथ बहुत जल्दी हमारे शरीर से बाहर निकल जाता है। इसलिए हर 35 मिनट से 1 घंटे के बीच में एक गिलास पानी पीना चाहिए। पानी सदैव बैठकर ही पीना चाहिए खड़े-खड़े या चलते हुए पानी कभी नहीं पीना चाहिए। ऐसा करने से पानी शरीर में तेजी से प्रवेश करता है और साथ में हमारे शरीर में बहुत सारा गैस भी ले जाता है। जिससे कि शरीर के अंदरूनी अंग में दबाव और खिंचाव पैदा हो जाता है।

शरीर के सभी अंगों को सुचारू रूप से चलाने के लिए पानी की आवश्यकता पड़ती है। इसलिए व्यक्ति बिना खाना खाएं हुए लंबे समय तक रह ले लेकिन बिना पानी पिये वह ज्यादा दिन नही रह सकता। पानी हमारे शरीर के लिए इतना ज्यादा जरूरी होता है, उतना ही पानी के तौर-तरीकों का पालन करना भी जरूरी होता है। पानी पीने का तरीका, पानी पीने का समय, और पानी पीने की मात्रा, इनका प्रयोग-अनुप्रयोग करने से हमारे शरीर पर अच्छा-बुरा प्रभाव पड़ता है।कब और कितना पीना चाहिए पानी? क्या आप जानते हैं पानी पीने का सही तरीका? in hindi,sardiyon mein kitna pani pina chahie in hindi, सक्षमबनो इन हिन्दी में, sakshambano image, sakshambano ka ddeshya in hindi, sakshambano ke barein mein in hindi, sakshambano ki pahchan in hindi, apne aap sakshambano in hindi, sakshambano blogger in hindi,  sakshambano  png, sakshambano pdf in hindi, sakshambano photo, Ayurveda Lifestyle keep away from diseases in hindi, sakshambano in hindi, sakshambano hum sab in hindi, sakshambano website, adopt ayurveda lifestyle in hindi, to get rid of all problems in hindi, Vitamins are essential for healthy health in hindi in hindi, Pani ka mahatva in hindi, pani ke mahatva ke barein mein in hindi, aaj pani ka mahatva kitna hai in hindi, pani se swasthya swasthya in hindi, pani kab pina chahiye in hindi, pani kitna pina chahiye in hindi, pani kitni baar pina chahiye in hindi, pani pine se labh hindi, pani hi jeevan hai hindi, pani kitna litr pina chahiye in hindi, pani ke kitne pani fayde hai in hindi, pani pane ke kitne fayde hote hai hin hindi, Right way to drink water in hindi, No carelessness in hindi, When, how much, how should you drink water in hindi, How much water should you drink daily? in hindi,  How much importance of drinking water?  in hindi, Insufficiency of water that gives indicate in hidni

 कब, कितना, कैसे पानी पीना चाहिए- kab, kitna, kaise pani pina chahiye 

प्रतिदिन कितना पानी पीना चाहिए (How much water should you drink daily): प्रतिदिन कितना पानी पीना चाहिए? पानी पीने का तरीका कैसे होना चाहिए? समयानुसार कैसा पानी पीना चाहिए? इस तरह की जानकारी जरूरी होती है। पानी से संबंधित लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए जिसके कि हमें नुकसान न हो। दाग-धब्ब, पिंपल्स, रूखी-त्वचा, बाल-झड़ना, माइग्रेन, कब्ज-गैस, कमजोर पचना-शक्ति, सर-दर्द, आलस-नींद, कमजोर-किडनी, यूरिक एसिड, मोटापा बीमारियां केवल पानी पीने से जुड़ी हुई। प्रतिदिन पानी पीने की मात्रा हर व्यक्ति के शरीर के आकार वजन और उसकी शारीरिक गतिविधियों एवं मौसम पर निर्भर करती है। प्रतिदिन शरीर से पेशाब, मल और पसीने के साथ पानी शरीर से लगातार कम होता रहता है। बोलने और सांस लेने की प्रक्रिया में भी शरीर का पानी भाप बनकर बाहर निकलता रहता है। इस तरह हमें रोजाना लगभग 2 से 3 लीटर पानी अपने शरीर से बाहर निकाल देते है। सामान्यता व्यक्ति को प्रतिदिन 2.5 से लेकर 3.5 लीटर पानी पीना चाहिए और महिलाओं को 2 से 3 लीटर पानी पीना चाहिए।

पानी पीने का  कितना महत्व (How much importance of drinking water)

1) ठंडे पानी की बजाय गर्म पानी के फायदे ज्यादा हैं। (Hot water has more advantages than cold water) कई रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि गर्म पानी पीने से शरीर के अंदर जमा जहरीले तत्व बाहर आ जाते हैं। (This has been revealed in many research. By drinking hot water, toxic substances stored inside the body come out) साथ ही कब्ज व पेट संबंधी कई रोग ठीक हो जाते हैं। (Also, many diseases related to constipation and stomach are cured).

2) एक गिलास गर्म पानी में काली मिर्च, नमक और नींबू का रस डालकर पीना चाहिए। इससे भूख बढ़ जाती है।

3) सुबह खाली पेट गर्म पानी पीने से पिंपल्स संबंधित समस्या से छुटकारा मिलता है। (Drinking warm water on an empty stomach in the morning relieves the pimples related problem).

4) खून साफ के साथ-साथ खून की गति को भी बढ़ता है। (Along with the cleanliness of blood, the speed of blood also increases).

5) सुबह खाली पेट गर्म पानी पीने से पाचन तंत्र को मजबूती मिलती है। (Drinking warm water on an empty stomach in the morning strengthens the digestive system).

6) सुबह खाली पेट गर्म पानी पीने से वजन कम करने में सहायता मिलती है। (Drinking warm water on an empty stomach in the morning helps in losing weight.

7) गुनगुना पानी पीने से नाक और गले से संबंधित हो रही परेशानी में सहायता मिलती है। Drinking lukewarm water helps in problems related to nose and throat).

8) सुबह खाली पेट 1 ग्लास गर्म पानी में नींबू डालकर पीने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।(Drinking lemon in a glass of warm water on an empty stomach in the morning increases the body's resistance).

9) गिलास पानी दिन के खाने के 40 मिनट पहले और 40 मिनट बाद। (Glass water 40 minutes before and 40 minutes after dinner) खाना खाने के तुरंत पहले या खाना खाने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से खाया हुआ भोजन ज्यादा पतला हो जाता है और पाचन में ठीक से नही आता है। (Water should not be drunk immediately before a meal or immediately after a meal. Because by doing this the food eaten becomes more diluted and does not come properly in digestion).

10) सुबह के समय पानी पियें तो हमेशा आप इसे पेशाब करने के पहले ही पी ले। (Drink water in the morning, always drink it before you urinate) और ठीक इसी तरह दिन में पेशाब करने के बाद पानी कभी ना पिएं। क्योंकि जब हम पेशाब करते हैं तो हमारे शरीर के अंदरूनी अंग तेजी से सिकुड़ते हैं, और ऐसी स्थिति में तुरंत पानी पी लेने से अंदरूनी अंग और नसे कमजोर होती है। जिसकी वजह से धीरे-धीरे पेशाब ना रोक पाने और पानी ठीक से ना पचने की समस्या पैदा हो जाती है। और पानी पीते ही बार बार पेशाब आने लगता है।

11) खाली पेट पानी पीने से हमारी आंतों की अच्छी तरह से सफाई तो होती ही है। (Drinking water on an empty stomach can clean our intestines properly). इसके साथ-साथ रात भर में जमा मुंह की लार भी पेट में पहुंच पाती है। (along with this, the saliva of the mouth stored overnight also reaches the stomach) आयुर्वेद के अनुसार सुबह-सुबह बनने वाली मुंह की लार को अत्याधिक महत्वपूर्ण बताया गया है। क्योंकि सोने समय बनी मुंह के लार में हमारे शरीर के लिए आवश्यक सभी तरह के एंजाइम होते हैं। जो कि खाली पेट पानी पीने से हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं, और हमारी सेहत पर अच्छा प्रभाव डालते हैं।

12) कितनी भी ज्यादा गर्मी पड़ रही हो लेकिन कभी भी फ्रिज का बहुत ज्यादा ठंडा पानी या बर्फ का पानी ना पियें। (No matter how hot it is, but never drink too much cold water or ice water from the fridge) हमेशा सामान्य तापमान या हल्का ठंडा पानी ही पियें। (Always drink only normal temperature or light cold water) अधिकतर लोगों को ऐसा लगता है कि फ्रिज का बहुत ज्यादा ठंडा पानी हमारे शरीर में ठंडक पहुंचाता है लेकिन ऐसा नहीं है। बर्फ का पानी जब शरीर में पहुँचता है तब ठंडा होता है लेकिन कुछ ही देर में वह बहुत ही ज्यादा गर्म हो जाता है। जो कि हमारे शरीर को ठंडा करने की जगह गर्म करने लगता है। ठंडा पानी पीने से बहुत ही कम फायदे होते हैं। जो लोग हमेशा ठंडा पानी पीना पसंद करते है उनके शरीर में पानी के साथ साथ खाने का भी सही प्रकार से पाचन नही हो पाता है।

पानी की कमी से ऐसे संकेत मिलते है (Insufficiency of water that gives indicate)

i) पानी की कमी होने से डिहाइड्रेशन की समस्या होने लगती है। इससे सिरदर्द ,चक्कर और उलटी आने सम्भावना बन जाती है।

ii) सर्दियों में त्वचा का रूखा होने और होठों का फटना होती है लेकिन कुछ लोगों को हमेशा स्किन ड्राईनेस की समस्या रहती है। इसका कारण शरीर में पानी हो सकता है।

iii) पानी कम पीने से खाने का पाचन अच्छी तरह नही हो पाता जिसके कारण मुँंह से बंदबू आने लगती है।

iv) प्रयाप्त पानी न होने से शरीर में विभिन्न बिमारियाँ होने लगती है जैसे गैस, कब्ज और पांचन तंत्र से संबंधित।

v) शरीर में पानी की कमी से जोड़ों में सूजन, गर्दन, हड़ियों और मांसपेशियों  में दर्द होने की सम्भावना बन जाती है।

vi) दिल की धड़कन बढ़ना, घबराहट जैसा महसूस करना कम पानी पीने के संकेत है। इसलिए शरीर में पानी की कमी न होने दे।

vii) विना काम-काज के थकान जैसा महसूर होना ज्यादा अत्यधिक नींद आना भी पानी की कमी के कारण ही हो सकता है।

viii) मस्तिष्क के लगभग 70 से 80 फीसदी टीश्यूज पानी से बने हैं। डीहाइड्रेशन होने पर शरीर के साथ-साथ मस्तिष्क भी तनाव महसूस करता है। इसलिए समय-समय पर पानी पीते रहना चाहिए।

ix) किडनी में स्टोन जैसी समस्याएं कम पानी पीने से होती है। शरीर में मौजूद जो साल्ट और मिनरल्स स्टोन बनाते हैं।

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