शरीर के सभी अंगों को सुचारू रूप से चलाने के लिए पानी की आवश्यकता पड़ती है। इसलिए व्यक्ति बिना खाना खाएं हुए लंबे समय तक रह ले लेकिन बिना पानी पिये वह ज्यादा दिन नही रह सकता। पानी हमारे शरीर के लिए इतना ज्यादा जरूरी होता है, उतना ही पानी के तौर-तरीकों का पालन करना भी जरूरी होता है। पानी पीने का तरीका, पानी पीने का समय, और पानी पीने की मात्रा, इनका प्रयोग-अनुप्रयोग करने से हमारे शरीर पर अच्छा-बुरा प्रभाव पड़ता है।
कब, कितना, कैसे पानी पीना चाहिए- kab, kitna, kaise pani pina chahiye
पानी पीने का कितना महत्व (How much importance of drinking water)
1) ठंडे पानी की बजाय गर्म पानी के फायदे ज्यादा हैं। कई रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि गर्म पानी पीने से शरीर के अंदर जमा जहरीले तत्व बाहर आ जाते हैं।
2) एक गिलास गर्म पानी में काली मिर्च, नमक और नींबू का रस डालकर पीना चाहिए। इससे भूख बढ़ जाती है।
3) सुबह खाली पेट गर्म पानी पीने से पिंपल्स संबंधित समस्या से छुटकारा मिलता है।
4) खून साफ के साथ-साथ खून की गति को भी बढ़ता है।
5) सुबह खाली पेट गर्म पानी पीने से पाचन तंत्र को मजबूती मिलती है।
6) सुबह खाली पेट गर्म पानी पीने से वजन कम करने में सहायता मिलती है।
7) गुनगुना पानी पीने से नाक और गले से संबंधित हो रही परेशानी में सहायता मिलती है।
8) सुबह खाली पेट 1 ग्लास गर्म पानी में नींबू डालकर पीने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
9) गिलास पानी दिन के खाने के 40 मिनट पहले और 40 मिनट बाद। खाना खाने के तुरंत पहले या खाना खाने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से खाया हुआ भोजन ज्यादा पतला हो जाता है और पाचन में ठीक से नही आता है।
10) सुबह के समय पानी पियें तो हमेशा आप इसे पेशाब करने के पहले ही पी ले। और ठीक इसी तरह दिन में पेशाब करने के बाद पानी कभी ना पिएं। क्योंकि जब हम पेशाब करते हैं तो हमारे शरीर के अंदरूनी अंग तेजी से सिकुड़ते हैं, और ऐसी स्थिति में तुरंत पानी पी लेने से अंदरूनी अंग और नसे कमजोर होती है। जिसकी वजह से धीरे-धीरे पेशाब ना रोक पाने और पानी ठीक से ना पचने की समस्या पैदा हो जाती है। और पानी पीते ही बार बार पेशाब आने लगता है।
11) खाली पेट पानी पीने से हमारी आंतों की अच्छी तरह से सफाई तो होती ही है। इसके साथ-साथ रात भर में जमा मुंह की लार भी पेट में पहुंच पाती है। आयुर्वेद के अनुसार सुबह-सुबह बनने वाली मुंह की लार को अत्याधिक महत्वपूर्ण बताया गया है। क्योंकि सोने समय बनी मुंह के लार में हमारे शरीर के लिए आवश्यक सभी तरह के एंजाइम होते हैं। जो कि खाली पेट पानी पीने से हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं, और हमारी सेहत पर अच्छा प्रभाव डालते हैं।
12) कितनी भी ज्यादा गर्मी पड़ रही हो लेकिन कभी भी फ्रिज का बहुत ज्यादा ठंडा पानी या बर्फ का पानी ना पियें। हमेशा सामान्य तापमान या हल्का ठंडा पानी ही पियें। अधिकतर लोगों को ऐसा लगता है कि फ्रिज का बहुत ज्यादा ठंडा पानी हमारे शरीर में ठंडक पहुंचाता है लेकिन ऐसा नहीं है। बर्फ का पानी जब शरीर में पहुँचता है तब ठंडा होता है लेकिन कुछ ही देर में वह बहुत ही ज्यादा गर्म हो जाता है। जो कि हमारे शरीर को ठंडा करने की जगह गर्म करने लगता है। ठंडा पानी पीने से बहुत ही कम फायदे होते हैं। जो लोग हमेशा ठंडा पानी पीना पसंद करते है उनके शरीर में पानी के साथ साथ खाने का भी सही प्रकार से पाचन नही हो पाता है।
पानी की कमी से ऐसे संकेत मिलते है (Insufficiency of water that gives indicate)
i) पानी की कमी होने से डिहाइड्रेशन की समस्या होने लगती है। इससे सिरदर्द ,चक्कर और उलटी आने सम्भावना बन जाती है।
ii) सर्दियों में त्वचा का रूखा होने और होठों का फटना होती है लेकिन कुछ लोगों को हमेशा स्किन ड्राईनेस की समस्या रहती है। इसका कारण शरीर में पानी हो सकता है।
iii) पानी कम पीने से खाने का पाचन अच्छी तरह नही हो पाता जिसके कारण मुँंह से बंदबू आने लगती है।
iv) प्रयाप्त पानी न होने से शरीर में विभिन्न बिमारियाँ होने लगती है जैसे गैस, कब्ज और पांचन तंत्र से संबंधित।
v) शरीर में पानी की कमी से जोड़ों में सूजन, गर्दन, हड़ियों और मांसपेशियों में दर्द होने की सम्भावना बन जाती है।
vi) दिल की धड़कन बढ़ना, घबराहट जैसा महसूस करना कम पानी पीने के संकेत है। इसलिए शरीर में पानी की कमी न होने दे।
vii) विना काम-काज के थकान जैसा महसूर होना ज्यादा अत्यधिक नींद आना भी पानी की कमी के कारण ही हो सकता है।
viii) मस्तिष्क के लगभग 70 से 80 फीसदी टीश्यूज पानी से बने हैं। डीहाइड्रेशन होने पर शरीर के साथ-साथ मस्तिष्क भी तनाव महसूस करता है। इसलिए समय-समय पर पानी पीते रहना चाहिए।
ix) किडनी में स्टोन जैसी समस्याएं कम पानी पीने से होती है। शरीर में मौजूद जो साल्ट और मिनरल्स स्टोन बनाते हैं।