विटामिन सी की आवश्यकता और कमी
(Vitamin C need & deficiency)
यह शरीर की कोशिकाओं को बांध के रखता है, इससे शरीर के विभिन्न अंग को आकार बनाने में मदद मिलती है। यह शरीर की रक्त वाहिकाओं को मजबूत बनाने में सहायक होता है। इसके सेवन से सर्दी, खांसी व अन्य तरह के इन्फेक्शन होने का खतरा कम हो जाता है। यह कई तरह के कैंसर से भी बचाव करता है और हर तरह से स्वस्थ बनाए रखता है। एंटी-ऑक्सीडेंट्स का मुख्य कार्य इम्यून सिस्टम बूस्ट करना यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना होता है। एंटी-ऑक्सीडेंट्स मुक्त मूलकों से शरीर की रक्षा करने के लिए भी उपयोगी होते हैं। हड्डियों को मजबूत बनाने, कोलेजन का निर्माण करने, कैंसर से रक्षा करने और आयरन के संश्लेषण के लिए विटामिन सी उपयोगी होता है।
विटामिन सी विभिन्न खाद्य पदार्थों से प्राप्त करना होता है, (Vitamin C has to be obtained from various foods) शरीर इसका स्वयं निर्माण नही करता यह फलों और सब्जियों से प्राप्त होता है। लाल मिर्च, संतरा, अनानास, टमाटर, स्ट्रॉबेरी और आलू आदि। यह घुलनशील तत्व होते है इसलिए कच्चे फल और सब्जियाँ इसके सबसे बड़े स्रोत है। महिलाओं को 75 मिग्रा और पुरुषों को 90 मिग्रा विटामिन सी की आवश्यकता रोजाना होती है। अत्यधिक विटामिन सी भी हानिकारक हो सकता है। किसी भी स्थिति में एक दिन में विटामिन सी १००० मिलिग्राम से अधिक नहीं ग्रहण करना चाहिए। इससे अधिक वह शरीर को हानि भी पहुंचा सकता है। विटामिन सी की कमी के कारण दांतों में खून आना, स्कर्वी जैसे रोग हो जाते है। इसके अलावा इससे शरीर के विभिन्न अंगों में, जैसे कि गुर्दे, हृदय और अन्य जगह में एक प्रकार की पथरी हो सकती है।
विटामिन सी की मात्रा
(Vitamin C Amount)
0-6 महीने तक में 40 मिग्रा.
7 महीने से 1 वर्ष तक 45 मिग्रा.
1 वर्ष से 3 वर्ष तक 15 मिग्रा.
4 वर्ष से 8 वर्ष तक 25 मिग्रा.
9 वर्ष से 13 वर्ष तक 45 मिग्रा.
14 वर्ष से 18 वर्ष तक 75 मिग्रा. (पुरुष)
14 वर्ष से 18 वर्ष तक 65 मिग्रा. (महिला)
19 वर्ष से 50 वर्ष तक 90 मिग्रा. (पुरुष)
19 वर्ष से 50 वर्ष तक 75 मिग्रा. (महिला)
गर्भावस्था (Pregnancy) 85 मिग्रा.
स्तनपान (Breast feeding) 120 मिग्रा.
विटामिन सी के स्रोत और पूर्ति
(Sources & Supplies of Vitamin-C)
1) हरी मिर्च में विटामिन सी पर्याप्त मात्रा में होता है। प्रति 100 ग्राम हरी मिर्च में 242.5 मिग्रा विटामिन सी होता है इसलिए विटामिन की कमी पूरी करने के लिए हरी मिर्च का सेवन करना लाभकारी होता है।
2) अमरुद में विटामिन सी भरपूर होता है। इसमें पर्याप्त मात्रा में मिनरल्स और एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं। इसके प्रति 100 ग्राम में 228.3 मिग्रा विटामिन सी होता है इसलिए अमरुद का सेवन विटामिन सी की कमी दूर करने लिए लाभकारी होता है।
3) केला में एंटी-ऑक्सीडेंट्स और मिनरल्स के साथ-साथविटामिन सी भी भरपूर मात्रा में होता है। केला के प्रति 100 ग्राम में 120 मिग्रा विटामिन सी होता है।
4) कीवी में मिनरल्स और एंटी-ऑक्सीडेंट्स पूर्ण मात्रा होता है। कीवी में कैल्शियम, मैग्नीशियम, फाइबर, पोटेशियम और विटामिन सी पर्याप्त मात्रा में होते हैं। कीवी के 100 ग्राम में 92.7 मिग्रा विटामिन सी होता है।
5) लीची विटामिन सी का अच्छा स्रोत हैै। लीची के प्रति 100 ग्राम में 71.5 मिग्रा विटामिन सी होता है इसी के साथ ही इसमें पोटेशियम और हेल्दी फैट्स भी होते हैं।
6) कच्चा पपीता है विटामिन सी का अच्छा स्रोत पपीते में फोलेट, फाइबर, कैल्शियम, पोटेशियम, ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में होते हैं। पपीते के 100 ग्राम में 61.8 मिग्रा विटामिन सी होता है।
7) संतरे में पूर्ण मात्रा में विटामिन सी होता है। इसके प्रति 100 ग्राम में 53.2 मिग्रा विटामिन सी होता है एक बड़े संतरे में 97.9 मिग्रा विटामिन सी होता है। संतरा खाने से वजन कम करने में मदद मिलती है।
8) नीबू में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होने के साथ-साथ विटामिन सी पर्याप्त मात्रा में होता है। 100 ग्राम नींबू में 53 मिग्रा विटामिन सी होता है। नींबू में कैलोरी भी कम होती है इसलिए नींबू का सेवन करने से विटामिन सी प्राप्त होता है और स्कर्वी जैसे रोग होने की संभावना नही रहती।
9) आंवला को इंडियन गूसबेरी भी कहा जाता है। यह विटामिन सी का अच्छा स्रोत होता है प्रति 100 ग्राम आंवला में 27.7 मिग्रा विटामिन सी होता है। इसलिए बालों और त्वचा को खूबसूरत बनाने के लिए आंवला का सेवन किया जाता है।
10) आम में विटामिन सी भरपूर होता है। आम के प्रति 100 ग्राम में 27.7 मिग्रा विटामिन सी होता है।
11) चेरी में विटामिन सी की प्र्याप्त मात्रा होती है। चेरी के प्रति 100 ग्राम में 7 मिग्रा विटामिन सी होता है। इसलिए चेरी का सेवन करने से विटामिन सी की कमी पूरी होती है।
12) मटर फाइबर और आयरन के साथ विटामिन सी से भी भरपूर होती है। प्रति 100 ग्राम मटर में 14.2 मिग्रा विटामिन सी होता है। इसलिए सब्जी के रुप में मटर विटामिन सी की कमी को दूर करती है।
13) टमाटर आयरन और विटामिन सी का अच्छा स्रोत माना जाता है। टमाटर के प्रति 100 ग्राम में 12.7 मिग्रा विटामिन
विटामिन सी की कमी से होने वाले रोग
(Vitamin-C deficiency diseases)
चर्म रोग Skin disease.
एलर्जी Allergies.
जुकाम होना Cold
अल्सर का फोडा Ulcer cysts.
श्वेत प्रदर Blennenteria.
गर्भपात Abortion.
रक्त विकार Blood disorder.
भूख न लगना Loss of appetite.
खून का बहना Bleeding.
मुंह से बदबू आना Bad smell.
हड्डिया कमजोर होना Bone weakening.
आंखों में मोतिया बिन्द Cataract in the eye.
आंख, कान व नाक के रोग Eye, ear and nose diseases.
चेहरे पर दाग पड जाना Face blemish.
फेफडे कमजोर पड़ जाना Lung weakening.
चिड़चिड़ा स्वभाव Irritable nature.
सांस में कठिनाई Difficulty in breathing.
खाया हुआ खाना शरीर में पोषण नहीं कर पाना The food eaten could not nourish the body.
पाचन क्रिया में दोष उत्पन्न होना। Not able digestion process.
मसूडों से खून व मवाद बहना। Bleeding and pus from the gums.
श्वेत प्रदर Blennenteria.
गर्भपात Abortion.
रक्त विकार Blood disorder.
भूख न लगना Loss of appetite.
खून का बहना Bleeding.
मुंह से बदबू आना Bad smell.
हड्डिया कमजोर होना Bone weakening.
आंखों में मोतिया बिन्द Cataract in the eye.
आंख, कान व नाक के रोग Eye, ear and nose diseases.
चेहरे पर दाग पड जाना Face blemish.
फेफडे कमजोर पड़ जाना Lung weakening.
चिड़चिड़ा स्वभाव Irritable nature.
सांस में कठिनाई Difficulty in breathing.
खाया हुआ खाना शरीर में पोषण नहीं कर पाना The food eaten could not nourish the body.
पाचन क्रिया में दोष उत्पन्न होना। Not able digestion process.
मसूडों से खून व मवाद बहना। Bleeding and pus from the gums.
विटामिन सी के फायदे और नुकसान
(Advantages and disadvantages of Vitamin-C)
i) विटामिन सी के कारण रक्त वाहिकाओं की संरचना होती है। रक्त वाहिकाओं द्वारा त्वचा तक प्रोटीन का पहुंचना आसान हो जाता है। यह त्वचा के सूखे या रूखेपन को ठीक करता है तथा त्वचा में नमी बनाए रखता है, जिससे त्वचा स्वस्थ बनी रहती है और चेहरे पर झुर्रियां नहीं आती।
ii) विटामिन सी में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर में होने वाले घाव, जख्म या चोट को जल्द ठीक करने में सक्षम होते है।
iii) विटामिन सी शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति को मजबूत बनाती है, जिसके कारण शरीर संक्रमण मुक्त रहता है।
iv) विटामिन सी हड्डियों को स्वस्थ रखने का काम करता है। इसकी पर्याप्त मात्रा हड्डी से जुड़े विकारों को सही कर उसे मजबूती देता है।
v) शरीर में ग्लाइकोस अमिनो ग्लाइकन्स की कमी होने लगती है, इससे त्वचा रूखी होने लगती है। विटामिन सी इस परेशानी में राहत पहुंचाता है। यह शरीर में नमी की मात्रा को बनाए रखता है और झुर्रियां कम करता है जिससे बढ़ती उम्र के लक्षण कम नजर आते है।
vi) शरीर में विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा से मसूड़े स्वस्थ रहते हैं, मसूड़ों में रक्तस्राव जैसी समस्याएं नहीं होती है।
vii) विटामिन सी कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित करता है।
viii) विटामिन सी उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।
विटामिन सी के नुकसान
(Loss of Vitamin-C)
बाल गिर रहे हैं, नाखून टूट रहे हैं (Hair falling, Nails breaking) - शरीर में विटानमिन-सी की कमी से बालों का गिरना, नाखून टूटना जैसे होता है। क्योंकि विटामिन-सी आपके बालों को मजबूती देने वाले कोलेजन और प्रोटीन को नियंत्रित करने का काम करता है। विटामिन सी की कमी से बड़ी मात्रा में कोलेजन की कमी हो जाती है, तब बाल अनियंत्रित रूप से झड़ने लगते है।
शरीर में दर्द (Body pain) - शरीर में लगातार दर्द रहना भी विटामिन सी की कमी से हो सकता है। विटामिन सी युक्त चीजों को शामिल करें।
थकान (Fatigue) - विटामिन सी की कमी से थकान महसूस होती रहती है। इसलिए विटामिन सी शारीरिक और मानसिक क्रिया के लिए बहुत जरूरी होता है।
मुंहासे (Acne) - मुंहासे होना विटामिन सी की कमी का ही एक लक्षण है। विटामिन सी त्वचा को बेहतर बनाता है और एजिंग को कम करता है।
नाक से ब्लड आना (Nosebleed) - विटामिन सी की कमी का लक्षण है। इसलिए पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी लेना चाहिए।
दिल से जुड़ी बीमारियां (Heart diseases) - विटामिन सी की वजह से यह नसों और कोशिकाओं को सपोर्ट करता है। ब्लड को साफ करता है और शरीर से टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालता है।
पेट में जलन (Stomach irritation) - विटामिन सी की बहुत अधिक मात्रा होने से हो सकती है। जिसे शरीर उसे अब्जॉर्ब नहीं कर रहा है।
शरीर में कोलेजन की कमी (Collagen deficiency) - विटामिन सी की कमी से हो जाती है। कोशिकाएं एक दूसरे से जुडी नहीं रह पाती हैं। इस स्थिति में शरीर से लगातार अनियंत्रित मात्रा में खून का बहाव शुरू हो जाता है।
मसूड़ों में सूजन (Swelling in gums) - विटामिन सी की कमी से आ जाता है एवं इनसे खून भी बहने लगता है। मसूड़ों के अलावा दांतों में कमजोरी महसूस होती है जिनसे इनकी जड़ों में दर्द होने लगता है। विटामिन सी की कमी से शरीर के अन्य भाग जैसे बाल, त्वचा, जोड़ आदि में लगातार सूजन और त्वचा रूखी हो जाती
स्वस्थ स्वास्थ्य के लिए विटामिन जरूरी हैं