कमजोर इम्युनिटी (Weak Immunity in hindi): कई लोग समान्यतः से अधिक बीमार रहते है उनकी बॉडी में उतनी क्षमता नहीं होती कि इन्फेक्शन और वायरस से लड़ सके। रोग प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने के कई कारण होते है खानपान की लापरवाही की वजह से होता है, कई बार नशा करने की गलत आदतों के चलते और कई बार यह जन्मजात कमजोरी की वजह से भी होता है। एंटीऑक्सिडेंट होता है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है। यह एंटीऑक्सिडेंट्स, बी विटामिन और जस्ता का एक बड़ा स्रोत है। गेहूं की जर्म में प्रोटीन, फाइबर और कुछ स्वस्थ वसा का एक बड़ा संयोजन भी होता है। हमारे शरीर को प्रतिरक्षा की बहुत आवश्यकता होती है, तभी यह विभिन्न प्रकार के रोगों और इन्फेक्शन से लड़ सकता है, इसलिए जरुरी है कि अपने शरीर का ध्यान रखें, हेल्दी डाइट लें और अपने इम्यून सिस्टम और इम्युनिटी का ख्याल रखें।
मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए ग्रीन टी और ब्लैक टी (Green tea and black tea for strong immunity): दोनों ही इम्यून सिस्टम के लिए फायदेमंद होती है। (Green Tea and Black Tea both are beneficial for the immune system) लेकिन प्रतिदिन 1-2 कप ज्यादा मात्रा में इसके सेवन से नुकसान हो सकता है। (But taking 1-2 cups more daily can cause harm)
दही मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए (Yoghurt for strong immunity): दही इम्यून पावर बढ़ती है और पाचन तंत्र को भी बेहतर रखने में मददगार होती है। Yogurt increases the immunity power and also helps to keep the digestive system better.
ओट्स मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए (Oats for strong immunity): ओट्स में पर्याप्त मात्रा में फाइबर्स पाए जाते है (Oats contain sufficient amount of fiber) ओट्स में एंटी-माइक्राबियल गुण भी होता है। प्रतिदिन ओट्स का सेवन करने से इम्यून सिस्टम मजबूत बनता है।
कई बीमारियां को शरीर खुद ही ठीक कर देता है (The body itself cures many diseases. in hindi)
विटामिन डी मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए (Vitamin D for strong immunity): विटामिन डी बहुत महत्वपूर्ण होता है (Vitamin D is very important, it causes many diseases) विटामिन डी से कई रोगों से लड़ने की ताकत मिलती है। साथ ही हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए और दिल संबंधी बीमारियों को दूर रखने के लिए भी विटामिन डी बहुत जरूरी है।
जल मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए (Water for strong immunity): जल एक प्राकृतिक औषधि है। (Water is a natural medicine) प्रचुर मात्रा में शुद्ध जल के सेवन से शरीर में जमा कई तरह के विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। पानी या तो सामान्य तापमान पर हो या फिर थोड़ा गर्म।
सर्दी के मौसम में गिरीदार फलों का सेवन फायदेमंद होता है (Consuming nuts in winter season is beneficial): (Consumption of kerned fruits is beneficial in winter season) इन्हें रात भर भिगोकर रखने व सुबह चाय या दूध के साथ, खाने से आधे घंटे पहले लेने से बहुत लाभ होता है।
मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए अंकुरित अनाज (Sprouted grains for strong immunity): मूंग, मोठ, चना या भीगी हुई दालों का भरपूर मात्रा में सेवन करें। अनाज को अंकुरित करने से उनमें उपस्थित पोषक तत्वों की क्षमता बढ़ जाती है। यह पचाने में आसान होते हैं।
शरीर को शक्ति कहां से मिलती है (Where does the body get its strength in hindi)
• सलाद जरूर खाना चाहिए यह भोजन पाचन के लिए जरूरी होता है (Salad must be eaten, this food is necessary for digestion) ककड़ी, टमाटर, मूली, गाजर, प्याज, चुकंदर आदि को सलाद में ले सकते है। इनमें नमक न डालें क्योंकि इनमें प्राकृतिक रूप से मौजूद नमक हमारे लिए पर्याप्त होता है।
• मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए अनाज, गेहूं, ज्वार, बाजरा, मक्का (Cereals, wheat, sorghum, millet, maize) जैसे अनाज खाने से कब्ज नहीं रहती और प्रतिरोध क्षमता बनी रहती है।
• मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए तुलसी एंटीबायोटिक (Tulsi Antibiotic), दर्द निवारक और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी फायदेमंद है। प्रतिदिन सुबह कुछ तुलसी के पत्तों का सेवन करें।
• मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए पर्याप्त नींद जरूरी (Adequate sleep is necessary) प्रत्येक व्यक्ति को अपने कार्य के हिसाब से नियमित रूप से निर्धारित घंटो में सोना बहुत आवश्य है। पर्याप्त नींद न लेना कई बीमारियों की संभावना हो सकती है। यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करत देता है।
मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए योगासन-प्राणायाम (Yogasana-pranayama for strong immunity in hindi)
मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए योगासन-प्राणायाम (Yogasana-Pranayama): व्यायाम हमारे शरीर को स्वस्थ्य रखता है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने की दृष्टि से योगासन और प्राणायाम सबसे अच्छे उपाय हैं। नियमित रूप से व्यायाम करने से शरीर के भीतर हार्मोन संतुलन कायम करने में मदद मिलती है।
मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए तनाव मुक्त (Stress free for strong immunity): स्वयं को तनावमुक्त करने के लिए ध्यान साघना, गहरी सांस लेना, तनाव से बचाव के लिए योग, अच्छी किताबो को पढना, लोगो के साथ समय बिताना, अच्छी जगहों पर घुमने जाना और खुलकर हँसाना जैसे गतिविधियां तनावमुक्त करती है।
नेचुरल तरीके से इम्यूनिटी बढ़ाना ही सर्वोत्तम उपायों में एक है जो हर मौसम में संक्रमण से बचा सकता है।(Naturally ways to increase immunity in hindi)
खट्टे फल संक्रमण से बचा सकते है (Citrus fruits can protect against infection): श्वेत रक्त कोशिकाएं यानी व्हाइट ब्लड सेल्स शरीर को सामान्य संक्रमणों और बीमारियों से बचाने के लिए जानी जाती हैं, लेकिन शरीर खुद इनका उत्पादन नहीं कर पाता है। विटामिन सी को सफेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाने के लिए कारगर माना जाता है। विटामिन सी का सेवन बढ़ाने के लिए रोजाना खट्टे फल जैसे संतरे और अंगूर का सेवन करें।
ब्रोकली संक्रमण से बचा सकता है (Broccoli can protect against infection): हरे रंग की सब्जी में विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई और बहुत सारे फाइबर होते हैं। यह एंटीऑक्सिडेंट यौगिकों में भी समृद्ध होती है। यहं इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण होती है।
लहसुन संक्रमण से बचा सकता है (Garlic can protect against infection): लहसुन कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के लिए जानी जाती है। लहसुन ब्लड प्रेशर को प्रबंधित करने और धमनियों को सख्त होने से रोकने में मदद कर सकती है। लहसुन को पहले ही फ्लू और इंफेक्शन से लड़ने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है. आप भी लहसुन का सेवन कर नेचुरल तरीके से इम्यून सिस्टम को बेहकर कर सकते हैं।
अदरक संक्रमण से बचा सकता है (Ginger can protect against infection): अदरक में पाया जाने वाला एक यौगिक खांसी, गले में खराश और सूजन वाली बीमारियों से लड़ने में प्रभावी माना जाता है। अदरक कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और स्थिर करने में भी मदद करता है।
हल्दी संक्रमण से बचा सकता है (Turmeric can protect against infection): हल्दी का उपयोग सदियों से सूजन और संक्रमण से लड़ने के लिए उपचारात्मक प्रयोगों में किया जाता रहा है। हल्दी में कर्क्यूमिन यौगिक की उच्च मात्रा होती है यह एंटीऑक्सिडेंट में समृद्ध होती है। हल्दी हृदय रोगों, कैंसर और अल्जाइमर रोग को रोकने में भी मदद करती है।
आयुष मंत्रालय श्वसन संबंधी स्वास्थ्य Respiratory Health के विशेष संदर्भ के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और निवारक स्वास्थ्य उपायों के लिए निम्नलिखित स्व-देखभाल के दिशानिर्देशों का सुझाव दिया है।
• पूरे दिन गर्म पानी पीजिए। Drink warm water throughout the day.
• आयुष मंत्रालय की सलाह के अनुसार प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट योगासन, प्राणायाम और ध्यान का अभ्यास करें।
• खाना पकाने में हल्दी, जीरा, धनिया और लहसुन जैसे मसालों के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है। Use of spices like turmeric, cumin, coriander and garlic is recommended in cooking.
• रोज सुबह 10 ग्राम च्यवनप्राश लें। Take 10 grams Chyawanprash every morning.
• तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सोंठ और मुनक्का से बना काढ़ा, हर्बल टी दिन में एक या दो बार पीजिए।(Drink decoction once or twice a day) आवश्यक अनुसार अपने स्वाद के अनुसार गुड़ या ताजा नींबू का रस मिलाएं।
• गोल्डन मिल्क 150 मिली गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी पाउडर दिन में एक या दो बार लें। (Take half a teaspoon of turmeric powder once or twice in 150 ml warm milk)
• सुबह और शाम नाक में तिल का तेल, सरसों का तेल, नारियल का तेल या घी लगाएं। (Apply sesame oil, mustard oil, coconut oil or ghee to the nose in the morning and evening).
• एक चम्मच तिल या नारियल का तेल मुंह में लीजिए। (Take one spoon of sesame or coconut oil in the mouth) उसे पिएं नहीं बल्कि 2 से 3 मिनट तक मुंह में घुमाएं और फिर थूक दें। (Do not drink it, but in the mouth for 2 to 3 minutes and then spit) उसके बाद गर्म पानी से कुल्ला करे। ऐसा दिन में एक या दो बार किया जा सकता है। This can be done once or twice a day.
• पुदीने के ताजे पत्तों या अजवाइन के साथ दिन में एक बार भाप लिया जा सकता है।(Steam can be taken once a day with fresh mint leaves or celery).
• खांसी या गले में जलन होने पर लवांग (लौंग) पाउडर को गुड़, शहद के साथ मिलाकर दिन में 2 से 3 बार लिया जा सकता है। Clove powder can be taken 2-3 times a day after mixing with jaggery, honey, if cough or burning sensation in the throat.