तीन तरह से होता है डेंगू का बुखार- Dengue fever occurs in three types

Share:

 


तीन तरह से होता है डेंगू का बुखार

डेंगू के ज्यादातर मामलों में मच्छर के काटने से हल्का बुखार होता है लेकिन डेंगू बुखार तीन तरह का होता है। (In most cases of dengue, mosquito bites cause mild fever but there are three types of dengue fever) साधारण डेंगू बुखार करीब 5 से 7 दिन तक रहता है जिसके बाद मरीज ठीक हो जाता है। ज्यादातर मामलों में इसी किस्म का डेंगू बुखार पाया जाता है। ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार होना। सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना। आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना, जो आंखों को दबाने या हिलाने से और बढ़ जाता है। बहुत कमजोरी लगना, भूख न लगना, जी मितलाना और मुंह का स्वाद खराब होना। गले में हल्का दर्द होना। शरीर खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज होना। इसमें बुखार 103 डिग्री से लेकर 105 डिग्री तक आता है, जो कम से कम तीन से चार दिन रहता है।

डेंगू के कारण, लक्षण (Causes, symptoms of dengue)

सिर्फ बुखार (Just fever):  सिर्फ बुखार आए तो डॉक्टर प्लेटलेट्स काउंट की जांच करवाते हैं। जिनका प्लेटलेट्स काउंट 40 हजार से नीचे पहुंच जाता है, उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती होने की जरूरत पड़ती है। इससे ऊपर प्लेटलेट्स काउंट हो और सिर्फ बुखार के लक्षण हों तो घर पर भी अच्छी डाइट और प्रॉपर आराम करके डेंगू से निजात पा सकते हैं। 

डेंगू हॅमरेजिक बुखार (Dengue hemorrhagic fever): अगर क्लासिकल साधारण डेंगू बुखार के लक्षणों के साथ-साथ यह लक्षण भी दिखाई दें तो डीएचएफ हो सकता है। ब्लड टेस्ट से इसका पता लग सकता है। नाक और मसूढ़ों से खून आना। शौच या उल्टी में खून आना। स्किन पर गहरे नीले-काले रंग के छोटे या बड़े निशान पड़ जाना। 

तीन तरह से होता है डेंगू का बुखार dengue fever occurs in three types in hindi, डेंगू के ज्यादातर मामलों में मच्छर के काटने से हल्का बुखार होता है, डेंगू बुखार करीब 5 से 7 दिन तक रहता है, ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार होना, प्लेटलेट्स के लिए जरूरी है ये  चीजें खाना these things are necessary for platelets in hindi, प्लेटलेट्स बढ़ाने का फार्मूला platelets boosting formula in hindi,घरेलू तरीके प्लेटलेट्स बढ़ाने के उपाय home remedies to increase platelets in hindi,  प्लेटलेट्स के बारे में जानकारी  about platelets in hindi, डेंगू के कारण लक्षण causes symptoms of dengue in hindi, teen tarah se hota hai dengue ka bukhar in hindi, teen tarah se hota hai dengue ka bukhar ke barein mein hindi, teen tarah se hota hai dengue ka bukhar article pdf in hindi,dengue ke gharelu upchar in hindi, platelets in hindi, reason for low platelets in hindi, platelets donation in hindi, platelets will increase rapidly in hindi, use of sesame oil in hindi, drink plenty of water in hindi, regular exercise in hindi, sugar beets for dengue in hindi, coconut water  for dengue in hindi, kiwi  for dengue in hindi, giloy for dengue, wheatgrass juice for dengue, pumpkin for dengue,  Turmeric for dengue,  Aloe vera juice  for dengue,  pomegranate for dengue, papaya leaves for dengue, dengue fever in hindi, dengue treatment in hindi, dengue treatment food in hindi, dengue fever prevention food in hindi, article of dangue in hindi, dengue fever mein kya kya khana chahie in hindi, fever me kya nahi khana chahiye in hindi, dengue ke lakshan aur upay in hindi in hindi, dengue ke karan in hindi, dengue fever hone ke karan in hindi, dengue fever causes in hindi, dengue treatment in hindi, symptoms of dengue in hindi, dengue virus in hindi, dengue ke lakshan in hindi, dengue ke lakshan aur upay in hindi, dengue fever treatment in hindi at home in hindi,   In most cases of dengue, mosquito bites cause mild fever but there are three types of dengue fever in hindi, sakshambano, sakshambano ka uddeshya, latest viral post of sakshambano website, sakshambano pdf hindi,

डेंगू शॉक सिंड्रोम (Dengue shock syndrome): मरीज को बेचैनी होना। तेज बुखार के बावजूद उसकी त्वचा का ठंडा होना। मरीज का धीरे-धीरे बेहोश होना। मरीज की नाड़ी कभी तेज और कभी धीरे चलने लगती है। उसका ब्लड प्रेशर एकदम लो हो जाना। इन तीनों में से डेंगू हॅमरेजिक बुखार और डेंगू शॉक सिंड्रोम का डेंगू सबसे ज्यादा खतरनाक होते है। साधारण डेंगू बुखार अपने आप ठीक हो जाता है और इससे जान को खतरा नहीं होता लेकिन अगर डेंगू होने पर तुरंत इलाज शुरु किया जाना चाहिए। कब दिखती है बीमारी काटे जाने के करीब 3-5 दिनों के बाद मरीज में डेंगू बुखार के लक्षण दिखने लगते हैं। शरीर में बीमारी पनपने की मियाद 3 से 10 दिनों की भी हो सकती है। अगर तेज बुखार हो, जॉइंट्स में तेज दर्द हो या शरीर पर रैशेज हों तो पहले दिन ही डेंगू का टेस्ट करा लेना चाहिए। डेंगू की जांच के लिए शुरुआत में एंटीजन ब्लड टेस्ट किया जाता है। जिसमें डेंगू किस प्रकार का है यह पता चल जाता है। इस टेस्ट में डेंगू शुरू में ज्यादा पॉजिटिव आता है, जबकि बाद में धीरे-धीरे पॉजिविटी कम होने लगती है।

प्लेटलेट्स के बारे में जानकारी (About platelets)

प्लेटलेट्स (Platelets ) जब से डेंगू और डेंगू जैसे अन्य वायरल बुखार की बीमारियां कुछ ज्यादा होनी शुरू हुई हैं, तब से आम लोगों के बीच प्लेटलेट का नाम कुछ ज्यादा ही जाना-पहचाना हो गया है। अब लगभग हर शख्स जानता है कि इन जैसी कई बीमारियों में यदि मरीज के खून में प्लेटलेट्स की मात्रा कम हो जाए तो उसके शरीर में कहीं से भी ब्लीडिंग होने की आशंका पैदा हो जाती है। डर लगता है कि अगर खून में प्लेटलेट्स बहुत ही कम हो गईं तो पेट, आंत, नाक या दिमाग के अंदर भी रक्तस्राव अर्थात ब्लीडिंग हो सकती है और यह ब्लीडिंग जानलेवा तक हो सकती है। ऐसे में मरीज के साथ आये लोगों को आमतौर पर अचानक ही अस्पताल द्वारा यह कहा जाता है कि चूंकि आपके मरीज की प्लेटलेट्स बहुत कम हो गई हैं, उसे प्लेटलेट्स देने पड़ेंगे तो आप तुरंत ही ट्रांसफ्यूजन के लिए प्लेटलेट्स की व्यवस्था करें वरना मरीज की जान को जोखिम हो सकता है। 

प्लेटलेट्स  कम होने का कारण (Reason for low platelets) 

खून में प्लेटलेट्स के कम होने का मतलब यह है कि या तो शरीर में ये कम बन रही हैं या फिर ठीक मात्रा में बनने के बावजूद शायद किसी कारण से नष्ट होती जा रही हैं। सामान्यतौर पर तो यह डेंगू या ऐसे ही किसी इन्फेक्शन से नष्ट होती हैं, लेकिन कभी-कभी यह अपने आप में एक बुनियादी बीमारी भी हो सकती है. ऐसे में प्लेटलेट्स बनती तो पर्याप्त मात्रा में हैं, लेकिन बिना किसी अन्य कारण यूं ही हमारा शरीर इन्हें साथ-साथ लगातार नष्ट भी करता जाता है। इस बीमारी (इडियोपैथिक थोम्बोसाइटोपीनिया) में प्लेटलेट्स कम होने के बावजूद प्लेटलेट्स देना कोई इलाज नहीं होता। कैंसर की कीमोथेरेपी देते हुए भी कई बार दवाई के दुष्प्रभाव से प्लेटलेट्स कम होने लगती हैं। यह एक मुश्किल स्थिति होती है जब कीमोथेरेपी देना भी जरूरी होता है। कहीं इस कीमोथेरेपी से उत्पन्न प्लेटलेट्स की कमी के कारण शरीर में कहीं कोई खतरनाक ब्लीडिंग न हो जाए इसके लिए प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन देना भी उतना ही जरूरी हो जाता है।

प्लेटलेट्स दान (Platelets donation) 

कोई भी किसी को कभी-भी प्लेटलेट्स दान दे सकते हैं यदि आप किसी को अपने प्लेटलेट डोनेट करेंगे, तो आपका ब्लड ग्रुप वही होना चाहिए जो मरीज का है इसे देने से किसी तरह की कोई कमजोरी आपको नहीं आयेगी। न ही आपमें किसी तरह की कोई शारीरिक कमी पैदा होगी। यह देना इतना सुरक्षित है कि आप हर सप्ताह दो बार तक प्लेटलेट्स डोनेट कर सकते है, क्योंकि सात दिनों में ही नई प्लेटलेट्स फिर से वापस बन जाती हैं। परंतु प्लेटलेट्स का जीवन भी कुल सात दिनों का ही होता है इसीलिए ब्लड बैंक में प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन के लिए रखी हुई यूनिट्स सात दिनों से ज्यादा नहीं रखी जा सकती। इसके बाद वे फिर खराब हो जाती है इनकी तुलना में ब्लड के दूसरे कंपोनेंट्स लंबे समय तक सुरक्षित रखे जा सकते हैं इसीलिए प्लेटलेट्स डोनेट करने के तुरंत बाद ही प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन देना होता है। 

घरेलू तरीके प्लेटलेट्स बढ़ाने के उपाय (Home remedies to increase platelets)

तेजी से बढ़ेगी प्लेटलेट्स (Platelets will increase rapidly): एक सामान्य व्यक्ति के शरीर में 1.5 से लेकर 4 लाख तक प्लेटलेट्स होती है। लेकिन डेंगू होने पर ये संख्या तेजी से नीचे गिरने लगती हैं। जिससे मरीज की जान भी चली जाती है। जानिए किन घरेलू उपायों के द्वारा इन्हें बढ़ाया जा सकता है। 

तिल के तेल का इस्तेमाल (Use of sesame oil): यह कोल्ड प्रेस्सेड आयल प्लेटलेट्स काउंट की संख्या बढ़ाने में लाभदायक है। तिल के तेल में ऐसे गुण होते हैं जो प्लेटलेट्स लेवल को प्राकृतिक रूप से बढ़ा सकते हैं। इससे बॉडी में फ्री एलेमेंट्स क्षति, सूजन कम हो जाती है और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है। दिन में दो बार तिल के तेल के 1 से 2 बड़े चम्मच का सेवन करें। प्लेटलेट्स काउंट में वृद्धि के लिए लसीका नोड के क्षेत्रों में बाहरी रूप से कुछ तिल का तेल से मालिश कर सकते हैं। इसके अलावा, खाना पकाने के लिए आप कोल्ड प्रेस्सेड तिल का तेल का इस्तेमाल करें। 

भरपूर पानी पीएं (Drink plenty of water): ब्लड सेल्स पानी और प्रोटीन से बनी होती है इसलिए हर दिन ज्यादा पानी पीने की सलाह दी जाती है। जब बात लो प्लेटलेट्स काउंट की आती है तो ठंडा पानी पीने से परहेज करें, क्योंकि यह पाचन तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है और शरीर पोषक तत्वों को उचित तरीकें से अवशोषित नहीं कर पाता है। इसके बजाए, फिल्टर और प्योर पानी पीएं जो कि कमरे के टेम्परेचर पर हो। यह बॉडी में अधिक ब्लड सेल्स के उत्पादन में मदद करता है और अंततः प्लेटलेट्स काउंट में सुधार होता है। नित्य रूप से कम से कम 8 से 10 गिलास पानी के पीएं। 

चुकंदर (Sugar beets): चुकंदर का सेवन लोग सलाद के रूप में करते हैं, यह प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने वाले एक प्रचलित आहार के रूप में की जाती है। चुकंदर, प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट और हेमोस्टैटिक तत्वों से भरपूर होने के वजह से प्लेटलेट्स काउंट को कुछ ही दिनों में बढ़ा सकता है। 

प्लेटलेट्स बढ़ाने का फार्मूला (Platelets boosting formula)

नारियल पानी (Coconut water): बॉडी में ब्लड प्लेटलेट्स के संख्या को बढ़ाने के लिए नारियल का पानी बहुत लाभदायक होता है। नारियल पानी में इलेक्ट्रोलाइट्स प्रचुर मात्रा में होते हैं। इसके अलावा, यह मिनरल का भी अच्छा स्रोत होने के कारण बॉडी में ब्लड प्लेटलेट्स की कमी नहीं होने देता है।

कीवी (Kiwi): डेंगू के रोगी के शरीर में ब्लड प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगते हैं, जिन्हें ठीक करने में कीवी काफी मदद करता है। इसके अलावा यह शरीर को ताकत देने के साथ-साथ डेंगू से जल्दी रिकवर होने में भी मदद करता है।

पालक (Spinach): पालक विटामिन के का एक अच्छा स्रोत है और अक्सर कम प्लेटलेट विकार के इलाज में मदद करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है. विटामिन के सही तरीके से होनी वाली ब्लड क्लॉटिंग के लिए आवश्यक है। इस तरह से यह बहुत अधिक ब्लीडिंग के खतरे को कम करता है। दो कप पानी में 4 से 5 ताजा पालक के पत्तों को डालकर कुछ मिनट के लिए उबाल लें। इसे ठंडा होने के लिए रख दें। इसके बाद इसमें आधा गिलास टमाटर मिलाकर इसे दिन में तीन बार पीएं। 

गिलोय (Giloy): गिलोय के बेल का पानी का सेवन करने से डेंगू में काफी फायेदा मिलता है। इसके लिए एक लीटर पानी में थोड़ा सा अदरक और थोड़ी सी अजवाइन डालकर धीमी आंच में पकने दें। जब यह आधा बच जाए तो खाली पेट इसका सेवन करे। 

पपीता की पत्तियाँ (Papaya Leaves): पपीता की पत्तियों में ऐसे गुण पाए जाते है जोकि डेंगू से लड़ने में काफी फायदेमंद होते है। डेंगू के कारण शरीर में कम हुई प्लेटलेट्स को पूरा करने में मदद करता है। इसके लिए रोजाना 10-20 मिली रोजाना इसका रस पिएं। 

प्लेटलेट्स के लिए जरूरी है ये  चीजें खाना (These things are necessary for platelets)

अनार (Pomegranate): अनार में भरपूर मात्रा में मिनरल्स और न्यूट्रियंस पाएं जाते है। जिसके कारण आपका इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होने के साथ-साथ हीमोग्लोबिन और प्लेटलेट्स भी बढ़ेगी। इसलिए रोजाना अनार का जूस का सेवन करे।  

एलोवेरा जूस (Aloe vera juice): एलोवेरा डेंगू के बुखार को भी आसानी से खत्म कर सकता है। इसके लिए एलोवीरा पल्प को मिक्सी में डालकर पीस लें और रोजाना इस जूस का खाली पेट सेवन करे।

हल्दी (Turmeric): हल्दी में एंटीसेप्टिक के साथ-साथ एंटीऑक्सीडेंट जैसे कई गुण पाए जाते हैं। जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के साथ प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद करते हैं। इसके लिए रोजाना रात को सोने से पहले दूध में हल्दी डालकर इसका सेवन करे। 

कद्दू (Pumpkin): कद्दू के रस का सेवन करके भी तेजी से प्लेटलेट्स बढ़ सकते हैं। क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन के पाया जाता है। इसलिए रोजाना 150 एमएल कद्दू का रस शहद के साथ लें।

व्हीटग्रास जूस (Wheatgrass Juice): व्हीटग्रास जूस सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है। इसके साथ ही यह प्लेटलेट्स बढ़ाने में भी मदद करता है। इसलिए रोजाना 150 एमएल व्हीट ग्रास का जूस पीएं।

नियमित व्यायाम (Regular exercise): नियमित व्यायाम से रक्त परिसंचरण को बढ़ावा मिलेगा, प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार होगा और प्लेटलेट्स में बढ़ोतरी हो सकती है। कुछ विशिष्ट अभ्यास कम प्लेटलेट्स की गिनती के विभिन्न स्तरों को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। 

आयुर्वेद लाइफस्टाइल बीमारियों से रखे दूर- Ayurveda Lifestyle keep away from diseases


No comments