तिल और मस्सा एक तरह से स्किन डिजीज होता है। लेकिन जब छोटा सा तिल बड़ा होने लगता है या मस्सा बढ़ने लगें तो सतर्क हो जाना चाहिए। तिल या मस्से के बढ़ने से एचपीवी इंफेक्शन होता है। एचपीवी ह्यूमन पैपिलोमावायरस 150 से ज्यादा वायरसों का एक समूह होता है, जो एक प्रकार से एचपीवी वायरस के कारण त्वचा पर मस्से और तिल उभर आते हैं। एचपीवी वायरस कई प्रकार के कैंसर के खतरों को भी बढ़ाता है। एचपीवी इंफेक्शन कई बार खतरनाक हो सकता है क्योंकि इसके कारण कई तरह के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। एचपीवी संक्रमण शरीर में किसी घाव, कटी हुई त्वचा के जरिए पहुंचता है। एचपीवी संक्रमण के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
मस्सा एक तरह से स्किन डिजीज होता है (A Wart is a skin disease)
आमतौर पर इस वायरस से बचाव के लिए एचपीवी टीके लगाए जाते हैं। ये टीके 11-12 साल की उम्र में लड़के-लड़कियों को लगाए जाते हैं। मस्सा शरीर में कहीं पर भी उत्पन्न हो सकते हैं लेकिन आमतौर से हाथों, पैरों और चेहरे पर पाये जाते हैं। संक्रमण के परिणामस्वरूप, त्वचा की बाहरी परत तेजी से वृद्धि का अनुभव करती हैं, जिसके परिणाम स्वरूप मस्सा होता है। मस्सा पिगमेंट कोशिकाओं के समूह होते हैं जो काले-भूरे रंग के होते हैं। आमतौर पर यह नुकसानदायक नहीं होते लेकिन समय पर इनका इलाज न कराया जाए तो यह कैंसर का रूप ले सकते हैं। कुछ मस्से आनुवांशिक होते हैं तो कुछ अधिक धूप में रहने के कारण हो जाते है। कुछ ऐसे होते हैं जो उत्पन्न होकर अपने आप समाप्त हो जाते हैं। मस्से फैलाने वाला वायरस जूतों और तौलियों से त्वचा के स्पर्श के जरिये फैल सकता हैं। ज्यादातर मामलों में मस्से कुछ समय के बाद खत्म हो जाते हैं।
मस्सों के लिए घरेलू उपाय (Home remedies for warts)
मस्से की आयुर्वेदिक दवा केला (Wart ayurvedic medicine banana): मस्से गर्दन, चेहरे, पीठ, हाथ, पैर कई भी हो सकते है। इन्हें घरेलू उपायों के द्वारा ठीक किया जा सकता है।केला स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है परन्तु इसका उपयोग मस्से को मिटाने के लिए किया जा सकता है। रात को सोने से पहले मस्सा के ऊपर केले का छिलका रखकर किसी कपड़े से बांध दें और ऐसा कुछ दिनों तक करें। निश्चित रूप यह लाभदायक होगा।
मस्से के लिए लहसुन उपयोगी (Garlic Useful for warts): लहसुन में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं। 2-3 कली लहसुन की लेकर इसका पेस्ट बना लें। इसके बाद इसे मस्से में लगाकर करीब 1 घंटा के लिए छोड़ दें। इसके बाद साफ पानी से धो लें। ऐसा दिन में 2 बार कर सकते हैं।
आलू से मस्से को दूर हो सकते है (Potato can remove warts): आलू का रस रात भर मस्सों पर लगाकर भी रख सकते हैं। ऐसा करने से अनचाहे मस्सों से निजात मिलती है।
अनानास से मस्से दूर हो सकते है (Warts can be removed from pineapple): अनानास का रस, फूलगोभी का रस, शहद या फिर प्याज के रस का प्रयोग भी मस्सों को समाप्त करने के लिए किया जाता है।
बरगद से मस्से दूर हो सकते है (Banyan can remove warts): बरगद के पत्तों का रस भी मस्सों से निजात दिलाने में कागर साबित होता है। ऐसा नियमित रूप से मस्सों में लगाए।
मस्से दूर करने के लिए सलिसिलिक अम्ल (Salicylic acid for warts removal): मस्से के कई उपचार हैं। इनमें से सलिसिलिक अम्ल का मस्से पर प्रयोग सबसे कारगर पाया गया है।
मस्से दूर करने के लिए अरंडी का तेल (Castor oil to remove warts): अरंडी का तेल नियमित रूप से मस्सों पर लगायें। इससे मस्से नरम पड़ जायेंगे और धीरे धीरे गायब हो जायेंगे। अरंडी के तेल के बदले कपूर के तेल का भी प्रयोग कर सकते हैं।
मस्से दूर करने के लिए मौसमी (Sweet Lemon to remove warts): ताजे मौसमी का रस मस्से पर लगा दें और इसे भी पट्टी से बांध लें। ऐसा दिन में लगभग 2 या 3 बार करें। ऐसा करने से मस्से गायब हो जायेंगे।
मस्से दूर करने के लिए कासीसादि तेल (Cassiadi oil to remove warts): कासीसादि तेल मस्सों पर रखकर पट्टी से बांध लें।
मस्से दूर करने के लिए एलोवेरा (Aloe vera to remove warts): मस्सों पर अलोवेरा को दिन में तीन बार लगायें। ऐसा एक सप्ताह तक करते रहें, मस्से गायब हो जायेंगे।
मस्से दूर करने के लिए अलसी (Flaxseed to remove warts): अलसी के बीजों को पीस लें. उसके बाद इसमें अलसी का तेल और शहद मिलाएं। इस मिश्रण को मस्से पर लगाएं 3-4 दिनों में अवश्य सफलता मिलेगी।
मस्से दूर करने के लिए गर्म पानी (Hot water to remove warts): मस्से के लिए गर्म पानी का सेंक मस्सों को निकालने में फायदेमंद पैरों के मस्से गर्मी के प्रति संवेदनशील होते हैं। यदि अपने पैरों को गर्म पानी में प्रतिदिन 15 मिनट तक रखें तो ये कुछ सप्ताह में गायब हो सकते हैं।
मस्सा की संभावना कैसे (How is wart possibility)
1) एस.पी.वी. (हयूमन पैपिलोमावायरस) के कारण मस्सा उत्पन्न होता है जो बहुत संक्रामक और प्रत्यक्ष संपर्क द्वारा फैलता है।
2) यदि वार्ट्स को छूते हैं और उसके बाद अपने शरीर के दूसरे हिस्से को छूने भर से ही खुद को नये सिरे से संक्रमित कर सकते हैं।
4) प्रत्येक व्यक्ति एच.पी.वी के खिलाफ अपने इम्युन सिस्टम की मजबूती के अनुसार प्रतिक्रिया करता है। कुछ लोगों में मस्सा की सम्भावना अधिक होती है जबकि अन्य इस वायरस से प्रतिरक्षित रहते हैं।
मस्सा से कैसे बचे (How to escape wart)
आहार मस्सों से बचा सकता है (Diet can prevent warts): मस्सा होने से बचा जा सकता है या होने पर उसको बढ़ने से कुछ हद तक रोका जा सकता है। यह आहार पर निर्भर करता है की हमें क्या-क्या खाना चाहिए । सब्जियां जैसे, पालक, केला, ब्रोकली आदि विटामिनों से भरपूर होती है जो वायरस से मुकाबले के लिए आपके प्रतिरक्षक तंत्र को शक्ति देते हैं। प्रतिरक्षक तंत्र को शक्ति देने के लिए और मस्सों को घटाने के लिए फल भी प्रभावी होते हैं। जैसे- जामुन, टमाटर, चेरी, कद्दू इत्यादि। प्रोटीन से समृद्ध आहार जैसे- मांस, मछली, मेवे, साबुत अनाज आदि मस्सों में लाभकारी होते हैं।
आयुर्वेद लाइफस्टाइल बीमारियों से रखे दूर-Ayurveda Lifestyle keep away from diseases