थायराइड अनियमित खान-पान और तनावपूर्ण जीवन जीने के कारण होता है। आयुर्वेद के अनुसार, वात, पित्त व कफ के कारण थायरॉइड संबंधित रोग होता है। जब शरीर में वात एवं कफ दोष हो जाता है तब व्यक्ति को थायरॉइड होता है। थायराइड (Thyroid) गले में स्थित एक ग्रंथि का नाम है। यह गले के आगे के हिस्से में मौजूद होती है और इसका आकार एक तितली के समान होता है। यह बॉडी के कई तरह के को नियंत्रण करने के साथ-साथ थायरोक्सिन हार्मोन बनता है। जब हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है तो यह एक बीमारी बनने लगती है।
थायरोक्सिन हार्मोन (Thyroxine Hormone)
हार्मोन्स जब कम होने लगते हैं तब शरीर का मेटाबॉलिज्म रेट बढ़ जाता है जिससे भूख ज्यादा लगती है और शरीर की ऊर्जा कम हो जाती है। जब यह हार्मोंस अधिक बनने लगता है तो मेटाबॉलिज्म रेट धीमी हो जाती है जिससे शरीर में ऊर्जा कमी होने लगती है। थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता के कारण (T3) और (T4) हार्मोन्स का आवश्यकता से अधिक उत्पादन होने लगता है। जब इन हार्मोन्स का उत्पादन अधिक मात्रा में होने लगता है तो शरीर ऊर्जा का उपयोग अधिक मात्रा में करने लगता है। इसे ही हाइपरथायरायडिज्म (Hyperthyroidism) कहते हैं।
थायराइड ग्रंथि के कार्य (Thyroid gland functions)
इन हार्मोंस का सीधा असर हमारी सांस, हृदय गति, पाचन तंत्र और शरीर के तापमान के साथ-साथ हड्डियों, मांसपेशियों और कोलेस्ट्रोल को भी नियंत्रित करता हैं। जब यह हार्मोंस असंतुलित हो जाता है तब वजन कम या ज्यादा होने लगता है। इसके अलावा, मस्तिष्क में पिट्यूरी ग्रंथि से एक अन्य हार्मोन निकलता है जिसे थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन TH) कहते हैं। यह हार्मोन शरीर में अन्य दो थायराइड हार्मोंस T3 और T4 के प्रवाह को नियंत्रित करता है। यह आपके वजन, शरीर के तापमान, मांसपेशियों की ताकत और दिमाग को भी नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
थायरॉइड हार्मोन के कारण शरीर में चयापचय यानी मेटाबोलिज्म बढ़ जाता है और प्रत्येक काम तेजी से होने लगता है।
2) भूख बढ़ने के बावजूद वजन का कम होना।
3) सोने में दिक्कत होना।
4) दोहरी दृष्टि की समस्या होना।
5) आँखों का बाहर निकलना।
6) बालों की समस्या जैसे की टूटना, पतला होना और झड़ना।
7) हाथों का कांपना।
8) पसीना आना।
9) अनिद्रा (नींद ना आने की परेशानी)।
10) मांसपेशियों में कमजोरी एवं दर्द रहना।
11) दिल की धड़कन बढ़ना।
12) बहुत भूख लगने के बाद भी वजन घटता है।
13) महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता देखी जाती है।
थायराइड हार्मोन की अल्पसक्रियता (Thyroid hormone hypothyrodism)
थायराइड की कम सक्रियता के कारण हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) इसकी पहचान इन परेशानियों से होती है।
2) अवसाद।
3) नाखूनों का पतला होना एवं टूटना।
4) खून में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाना।
5) सर्दी के प्रति अधिक संवेदनशील होना।
6) हमेशा थकान बना रहना।
7) चेहरे और आँखों में सूजन।
8) बार-बार भूलना।
9) कन्फ्यूज रहना, सोचने-समझने में असमर्थ होना।
10) आँखों में सूजन।
11) मेटाबोलिज्म धीमा पड़ने के कारण वजन बढ़ना।
12) पसीने में कमी।
13) त्वचा में सूखापन आना और खुजली होना।
14) बालों का अधिक झड़ना।
15) जोड़ों में दर्द और मांसपेशियों में अकड़न होना।
थायराइड रोग के कारण (Causes of thyroid disease)
अलसी थायराइड के लिए लाभकारी (Flaxseed beneficial for thyroid): अलसी के 1 चम्मच चूर्ण का इस्तेमाल करने से थायराइड जैसी बीमारी को दूर करने में सहायता करता है।
नारियल का तेल थायराइड के लिए उपयोगी (Coconut oil useful for thyroid): सुबह खाली पेट 1 से 2 चम्मच नारियल का तेल गुनगुने दूध के साथ लेने से थायराइड को दूर में सहायता मिलती है।
थायराइड के लिए देसी दवा (Home remedy for thyroid): शाम को तांबे के बर्तन में पानी के साथ उसमें 1 या 2 चम्मच धनिये को भिगो दें। सुबह इसे छान कर पिएं ऐसा करने से थायराइड मुक्ति मिलेगी।
मुलेठी थायराइड के लिए लाभकारी (liquorice beneficial for thyroid): मुलेठी में थायराइड को नार्मल करने के गुण हैं। मुलेठी के पाउडर या इसके पानी को पीने से थायराइड में होने वाली कमजोरी और थकान को दूर किया जा सकता है। मुलेठी में ट्रीटरपेनोइड ग्लाइसेरीथेनिक एसिड होता है जो न केवल थायराइड कैंसर की कोशिकाओं को खत्म करता है बल्कि इन्हें बनने से भी रोकता है।
अश्वगंधा थायराइड के लिए उपयोगी (Ashwagandha useful for thyroid): अश्वगंधा थायराइड ग्रंथियों से निकलने वाले हार्मोन्स को संतुलित करने का गुण है। एंटीऑक्सीडेंट से भरा अश्वगंधा ग्रंथी को सही मात्रा में हार्मोन उत्पादन करने में मदद करता है। हार्मोन संतुलन के साथ ही अश्वगंधा इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है। रात को एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण गुनगुने दूध के साथ लें। इसकी पत्तियों या जड़ को भी पानी में उबालकर पी सकते हैं। अश्वगंधा हार्मोन्स के असंतुलन को दूर करता है।
घरेलू उपाय थायराइड से छुटकारा दिलायेगा (Home remedy will relieve thyroid)
थायराइड के लिए मिश्रण (Mixure for thyroid): 2 चम्मच तुलसी के रस में आधा चम्मच ऐलोवेरा जूस मिला कर सेवन करें। इससे थायरॉइड रोग ठीक होता है।
दूध में हल्दी डालकर पीने से थायराइड कम में मदद मिलती है (Drinking turmeric mixed with milk helps in reducing thyroid): दूध में हल्दी पका कर प्रतिदिन पीने से भी थायराइड नियत्रिंत होता है।
खाली पेट लौकी का जूस पीने से थायराइड नियंत्रित होता है (Thyroid is controlled by drinking bottle gourd juice on an empty stomach in hindi): लौकी का जूस खाली पेट पीने से थायराइड रोग नियत्रिंत होता है।
काली मिर्च के सेवन से थायराइड में फायदा मिलता है (Thyroid benefits by consuming black pepper): काली मिर्च के सेवन नियमित रूप करने से थायराइड नियत्रिंत होता है।
थायराइड को जड़ से उखाड़ फेंकना है (Root out thyroid)
1) ब्लैडररैक हर्ब भी हाइपोथायराडिज्म और इससे जुड़ी बीमारियों में बेहद फायदेमंद होता है। यह एक समुद्री शैवाल है जो आयोडिन से भरा होता है। इसी कारण यह थायराइड ग्रंथि को संतुलित कर हार्मोन उत्सर्जन को बढ़ाता है।
3) विटामिन डी प्राप्त करें इससे निपटने का एक आसान तरीका सुबह धुप लेना है। सुबह में व्यायाम करना प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने और कैल्शियम मेटाबोलिक को नियंत्रित और थायराइड ग्रंथि को उत्तेजित करने में मदद करता है।
4) पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करें। मिनरल्स और विटामिन से युक्त भोजन लेने से थायरॉइड कन्ट्रोल करने में मदद मिलती है।
5) नट्स जैसे बादाम, काजू और सूरजमुखी के बीजों का अधिक सेवन करें। इनमें कॉपर की पर्याप्त मात्रा होती है, जो थायरॉइड में फायदेमंद होता है।
6) इचिन्सिया जड़ी-बूटी है और इसका प्रयोग अधिकतर इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए प्रयोग किया जाता रहा है। लेकिन कई अध्ययन में पाया गया कि ये थायराइड को नार्मल करने में भी बेहद कारगर साबित हुआ है। विशेष कर हाइपोथायरायडिज्म में यह बेहद कारगर है।
नो टेंशन अब नहीं बचेगा थायराइड (No tension will no longer be thyroid)
» गेहूँ और ज्वार का सेवन करें।
» दूध और दही का अधिक सेवन करना चाहिए।
» विटामिन-ए का अधिक सेवन करें। इसके लिए आप गाजर खा सकते हैं।
» साबुत अनाज का सेवन करें। इसमें फाइबर, प्रोटीन और विटामिन्स भरपूर मात्रा में होते हैं।
» बाकोपा भी एक जड़ी बूटी है जो थायराइड के लिए अति उपयोगी होती है।
» अदरक जिंक, मैग्नीशियम और पौटेशियम का एक अच्छा स्रोत है। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण थायराइड की कार्य-क्षमता में सुधार लाने में मदद करते हैं। हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित व्यक्तियों को अपने आहार में इसको शामिल करना चाहिए।
नियमित रूप से प्राणायाम एवं ध्यान करें (Do pranayama and meditation regularly)