अनावश्यक मिलने की जिद् स्वयं के लिए घातक हो सकती है

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अनावश्यक मिलने की जिद् स्वयं के लिए घातक हो सकती है
(Unnecessary stubbornness to meet can be fatal for oneself)

सोशल डिस्टेंसिंग शब्द को हल्के में ना लें। एक लापरवाही अपने और अपने परिवार के साथ-साथ समाज में यह भयंकर बीमारी अपना घर बना लेती है। हर व्यक्ति से जितनी ज्यादा दूरी बने इसे बनाये रखें चाहे वह वह संक्रमित हो या ना हो। इस वायरस के बारे में लगातार नई-नई जानकारी एक्सपर्ट्स द्वारा दी जा रही हैं। अब तक जहां एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति से 3 मीटर की दूरी को पर्याप्त माना जा रहा था, वहीं ताजा जानकारी के अनुसार 6 मीटर की दूरी आवश्यक है। होम क्वारंटाइन क्यों किसी मरीज के परिवार के लिए घातक हो सकता है इसमें बताया गया कि कोरोना का संक्रमण घर की हवा को खतरनाक स्तर तक संक्रमित कर सकता है। इस दौरान थोड़ी सी भी लापरवाही परिवार में बीमार लोगों की संख्या बढ़ा सकती है। 

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अस्पतालों से उन आईसीयू और जनरल वार्ड के सैंपल लिए गए जहां कोरोना से संक्रमित 40 मरीज भर्ती थे। इनमें से कुछ मरीज आईसीयू में थे जबकि कुछ जर्नल वॉर्ड में। आईसीयू की हवा से जो सैंपल्स लिए गए, उनमें कोरोना वायरस ज्यादा सैंपल्स में मिला। जबकि कुछ मरीजों से 4 मीटर की दूरी पर भी हवा में कोरोना वायरस का संक्रमण मिला। इसलिए सुरक्षा के लिए आवश्यक दूरी को बढ़ाकर 3 से 6 मीटर कर दिया गया।

बचाव के तौर-तरीके

कोरोना के संक्रमण का इलाज खोजने की दिशा में हमारे हेल्थ एक्सपर्ट्स तेजी से काम कर रहे है। आयुष मंत्रालय भी लगातार लोगों को सुरक्षा और सेहत से जुड़े टिप्स दे रहा है। इसकी तरफ से काढ़ा पीना और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हेल्दी डायट लेने का सुझाव दिया गया है। प्रत्येक दिन में दो बार काढ़ा पिएं। आयुष मंत्रालय के अनुसार रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद् मिलती है। नाक में सरसों का तेल लगाएं। शरीर के खुले अंगों पर भी सरसों के शुद्ध तेल का उपयोग करें। आयुर्वेदाचार्यों का मानना है कि यह तेल तासीर में गर्म होने के कारण रोगाणुओं को मारने का काम करता है। नाक के सुरों और होठों पर इसे लगाने। संक्रमण से बचाव की संभावना बढ़ती है।

आयुर्वेद लाइफस्टाइल बीमारियों से रखे दूर-Ayurveda Lifestyle Keep Away From Diseases