यूरिन इंफेक्शन की वजह और इसका आयुर्वेदिक उपचार-Causes of urine infection and its ayurvedic treatment

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यूरिन इंफेक्शन की वजह और इसका आयुर्वेदिक उपचार
(Causes of urine infection and its ayurvedic treatment) 

यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (Urinary tract infection) या यू.टी.आई एक आम समस्या है। ये समस्या पुरुषों और महिलाओं दोनों में ही देखी जाती है लेकिन महिलाओं में इसका असर ज्यादा देखा जाता है। यूटीआई होने पर सबसे आम समस्या पेशाब करने में होती है। यूटीआई या यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन तब होता है जब बैक्टीरिया मूत्रमार्ग से मूत्राशय के अंदर फैलाना शुरू करता है तब  ऐसा होता है। बैक्टीरिया हमारे शरीर को पकड़ लेते हैं और फिर मूत्र पथ के अंदर पूर्ण विकसित संक्रमण में बदल जाते हैं। अधिकांशत यूटीआई संक्रमण ई-कोलाई बैक्टीरिया के कारण होता है।

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यूटीआई का इलाज (UTI Treatment)

यह इन्फेक्शन बिना इलाज के खत्म नहीं होता है इसलिए लक्षण महसूस होते ही डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। इसका सही इलाज । Antibiotics ही है। ज्यादा से ज्यादा पानी पीने से भी इन्फेक्शन खत्म हो सकता है। वैसे तो यूटीआई की समस्या होने से सबसे पहले मूत्र संबंधी समस्याएं होती है, लेकिन इसके अलावा और भी लक्षण होते हैं। (Although the problem of UTI is first of all urinary problems, but apart from this there are other symptoms.)

1)  मूत्राशय में संक्रमण होने पर मूत्रमार्ग और मूत्राशय की परत में सूजन आ जाना।
2)  पेशाब त्याग करते समय दर्द या जलन महसूस होना।
3)  बार-बार वॉशरूम जाने की जरूरत महसूस करना।
4)  टॉयलेट करने के दौरान बहुत जलन होना।
5)  पेशाब से बदबू आना।
6)  पेशाब से खून आना।
7)  पेट के निचले हिस्से में दर्द होना।
8)  हल्का बुखार आना।
9)  ठण्ड लगना या कभी-कभी ठण्ड के साथ कंपकंपी लगना।

क्यों होती है यूटीआई की समस्या? (Why is there a problem of UTI?): शुगर के रोगियों को यू.टी.आई होने का खतरा अधिक होता है। » अस्वच्छ रहने की आदत। » मूत्राशय को पूरी तरह से खाली न करना। » दस्त आना। » मूत्र करने में बाधा उत्पन्न होने पर। » पथरी होने के कारण। » गर्भनिरोधक का अत्यधिक उपयोग करने से। » रजोनिवृत्ति काल में। » कमजोर प्रतिरोधक प्रणाली होने से। » एंटीबायोटिक दवाओं का अधिक उपयोग करने से।

यूरिन इन्फेक्शन रोकने के घरेलू उपाय (Home remedies to prevent urine infection)

i) आंवला और धनिया यूरिन इन्फेक्शन के सबसे कारगर इलाज है। 55 ग्राम आंवले के रस में 35 ग्राम शहद मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करें। ऐसा 7 दिन तक करने से पेशाब खुलकर आती है और जलन शांत होती है। इसी तरह 20 ग्राम धनिया को रात में पानी में भिगोएं। सुबह इसे ठंडाई की तरह पीसकर छान लें। फिर उसमें मिश्री मिलाकर पिएं। इससे पेशाब की जलन शांत होगी और यूरिन भी ठीक से पास होगा। 

ii) इन दोनों चीजों को मिलाकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। जैसे. धनिया और आंवले का चूर्ण समान मात्रा में मिलाकर रात को भिगोकर रख दें। सुबह इसे छान लें। इस पानी को पीने से यूरिन इन्फेक्शन में राहत मिलती है। इसी तर्ज पर गेहूं का उपयोग किया जा सकता है। गेहूं के 10.15 दाने रात को एक ग्लास पानी में भिगो दें। सुबह उसे छान लें और उसी पानी में करीब 25 ग्राम चीनी मिलाकर पिएं। इससे यूरिन करते समय जलन नहीं होगी।

iii) इलायची की तासीर भी ठंडी है और यह यूरिन इन्फेक्शन में तत्काल राहत दिलाती है। 2 ग्राम इलायची का पाउडर समान मात्रा में दूध और पानी के साथ उबालें। अच्छी तरह उबाल आने के बाद दूध को ठंडा कर लें। इसमें चीनी मिलाएं और आधे-आधे घंटे के अंतराल पर पिएं। इलायची का उपयोग सोंठ के साथ भी किया जाता है। समान मात्रा में इलायची और सोंठ का पाउडर लें। इसको अनार के रस या दही में मिलाएं। स्वाद बढ़ाने के लिए नमक मिलाएं और सेवन करें। यूरिन इन्फेक्शन दूर हो जाएगा। 

iv) नारियल पानी में गुड़ और धनिया पावडर मिलाकर पीने से युरिन इन्फेक्शन में आराम मिलता है। इसी तरह प्याज को बारीक काटकर पानी में उबालें। इस पानी को ठंडा करने के बाद सेवन करें। इनके अलावा सेब का सिरकाए बेकिंग सोडाए अनानास और ब्लूबेरी का सेवन फायदेमंद है।

v) सेब का सिरका पोटैशियम और अन्य फायदेमंद खनिजों से समृद्ध होता है। यह यूरिन ट्रैक्ट इन्फेक्शन की जड़ बनने वाले बैक्टीरिया से बचाव करता है। इसमें आप नींबू का रस और शहद भी मिला सकते हैं।

vi) आंवला विटामिन-सी से समृद्ध होता है और यह बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता है। दिन में 4-5 बार आंवले का जूस पिएं।

vii) टी ट्री ऑयल में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं. टी ट्री ऑयल की दस बूंदों को पानी में मिला कर मूत्र स्थान पर लगाएं।

viii) प्रतिदिन आधा ग्लास क्रैनबेरी जूस पीने से यूरिन इन्फेक्शन से राहत मिलने और बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने में मदद मिलती है।

ix) रोजाना गर्म पानी की सिकाई से मूत्राशय का प्रेशर कम होता है और संक्रमण से होने वाले दर्द से भी राहत मिलती है।

x) ब्लूबेरी में बैक्टीरिया को कम करने के गुण मौजूद होते हैं, जो यू.टी.आई. के इलाज के लिए बेहद फायदेमंद है।

xi) बेकिंग सोडा यूरिन के एसिड को संतुलित करता है और दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है।

xii) प्रतिदिन एक कप अनानास खाने से यूटीआई से बचा जा सकता है। इसके अलावा आप इसका ताजा जूस भी पी सकते है।

xiii) यदि आप यूरिन इन्फेक्शन से पीड़ित हैं तो रोजाना ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं. इससे राहत मिलने में आसानी होती है। 

आयुर्वेद लाइफस्टाइल बीमारियों से रखे दूर-Ayurveda Lifestyle keep away from diseases


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