मूली के फायदे और नुकसान- Advantages and disadvantages of Radish

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मूली के फायदे और नुकसान
(Advantages and disadvantages of Radish)

मूली Raddish एक औषधि medicine भी है यह कई रोगों diseases के इलाज में लाभकारी है। मूली उन खाद्य पदार्थों में शामिल है जो न सिर्फ भूख को शांत कर सकती है बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती है। मूली का इस्तेमाल सलाद के साथ-साथ विभिन्न तरीके की रेसिपी बनाने में किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार मूली सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। मूली में भरपूर मात्रा plentiful में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन, मैंगनीज, विटामिन सी, फॉलिक एसिड के साथ कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जो कैंसर, सर्दी-जुकाम, हदय रोग, वजन कम करने में मदद करता है। 

मूली के फायदे जानना बेहद जरूरी है (It is important to know the benefits of radish)

खांसी के लिए मूली (Radish for cough): यदि वात दोष के कारण खांसी की समस्या हैं तो मूली काफी कारगर साबित हो सकती है। छाया में थोड़ी मूली सुखाकर इसका पाउडर बना लें। इसका 1 ग्राम सेवन करने से आपको खांसी की समस्या में लाभ मिलेगा। सर्दी-जुकाम: कच्ची मूली का 25-30 मिली जूस निकालकर मिले लें। इसे सर्दी-जुकाम की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।

मूली हृदय के लिए फायदेमंद (Radish is beneficial for the heart):  मूली एथेरोस्क्लेरोसिस के खतरे को कम कर सकती है। एथेरोस्क्लेरोसिस एक गंभीर समस्या है, जिसमें आर्टरी वॉल यानी धमनियों के अंदर फैट व कोलेस्ट्रॉल जमने लगता है, जिसे प्लाक कहते हैं। बाद में यह हार्ट अटैक का कारण भी बन सकता है। मूली फाइबर जैसे पोषक तत्वों से भी भरपूर होती है जो स्वस्थ हृदय के लिए लाभकारी होता है।

मूली एक औषधि भी है यह कई रोगों के इलाज में लाभकारी है। मूली न सिर्फ भूख को शांत कर सकती है बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती है।मूली खाने के कई बीमारियां दूर in hindi, Many diseases of eating radish go away in hindi, सर्दियों में मूली खाने के कई फायदे  in hindi, Many benefits of eating radish in winter in hindi, mooli ke fayde aur nuksan in hindi,  मूली के फायदे और नुकसान hindi, Advantages and disadvantages of Radish in hindi, mooli khane ke fayde in hindi, muli ke fayde for skin in hindi, mooli ka ras ke fayde in hindi, mooli se ilaj in hindi, mooli ka mahatva in hindi, Muli Khane Ke Fayde in hindi, muli ka patta ke fayde in hindi, 14 Radish Benefits In Hindi, health benefits of radish mooli in hindi, know- benefits of radish or muli for stomach, liver in hindi, radish leaves benefits in hindi, radish leaves benefits for skin in hindi, radish for skin whitening in hindi, Skin whitening tips quickly by radish in hindi, Radish face pack will make your face more glowing in hindi, Benefits Of Radish For Skin & Hair in hindi, radish for skin pigmentation in hindi,radish face pack for fairness in hindi, face pack for dry skin, sakshambano ka matlab in hindi सक्षम hindi, sakshambano in hindi, sakshambano in eglish, sakshambano meaning in hindi, sakshambano in hindi, sakshambano ka matlab in hindi, sakshambano photo, sakshambano photo in hindi, sakshambano image in hindi, sakshambano image, sakshambano jpeg, sakshambano site in hindi, sakshambano wibsite in hindi, sakshambano website, sakshambano india in hindi, sakshambano desh in hindi, sakshambano ka mission hin hindi, sakshambano ka lakshya kya hai,  sakshambano ki pahchan in hindi,  sakshambano brand in hindi,  sakshambano company in hindi,  aaj hi sakshambano in hindi, phir se sakshambano in hindi, abhi se sakshambano in hindi, app bhi sakshambano in hindi,

एनीमिया के लिए मूली (Radish for anemia): मूली के पत्ते सहित मूली के रस को निकाल लें। इसे दिन में तीन बार 20-20 मिली की मात्रा में पीने से एनीमिया रोग में लाभ होता है। मूली के रस में चीनी मिलाकर पीने से एनीमिया रोग में फायदा होता है। 

उच्च रक्तचाप के लिए मूली (Radish for high blood pressure): मूली कैल्शियम और पोटैशियम जैसे खनिजों से भरपूर होती है और ये पोषक तत्व रक्तचाप को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाते है।

कब्ज के लिए मूली (Radish for constipation): मूली कब्ज की समस्या से राहत दिलाने में सहायक हो सकती है। यदि प्रतिदिन थोड़ी मूली का सेवन किया जाए तो कब्ज की परेशानी कम हो सकती है। फाइबर को उन खास पोषक तत्वों में गिना जाता है जो आंतों को स्वस्थ रखने का काम कर सकता है। फाइबर कब्ज जैसी समस्याओं को कम करने में सहायक हो सकता है। फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ के सेवन से मल नर्म हो सकता है और मल निकासी की प्रक्रिया आसान हो सकती है।

मधुमेह के लिए मूली (Radish for diabetes): मूली एंटी डायबिटिक के रूप में काम कर सकती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एनर्जी मेटाबॉलिज्म को बेहतर करने, फ्री रेडिकल्स से बचाव करने, ग्लूकोज को नियंत्रित करने और आंत में ग्लूकोज अवशोषण को कम करने की क्षमता होती है। मधुमेह के लिए सिर्फ मूली ही नहीं बल्कि उसके पत्ते और मूली के बीज के फायदे भी हो सकते हैं।

सर्दियों में मूली खाने के कई फायदे (Many benefits of eating radish in winter)

किडनी स्टोन के लिए मूली (Radish for kidney stone): किडनी में हुई पथरी की समस्या को कम करने के लिए भी मूली सहायक हो सकती है। मूली कैल्शियम ऑक्सालेट को शरीर से बाहर निकालने का काम कर सकती है। कैल्शियम ऑक्सालेट के कारण ही किडनी में पथरी की समस्या होती है। किडनी स्टोन से बचाव या उसे कम करने के लिए मूली का सेवन किया जा सकता है।

लिवर के लिए मूली (Radish for liver): मूली लिवर के लिए भी लाभदायक होती है। पत्तेदार सब्जियां जिसमें मूली भी शामिल है, उसके सेवन से लिवर से विषैले पदार्थ निकालने में और लिवर डीटॉक्सिफाय करने में मदद मिल सकती है। स्पेनिश या काली मूली लिवर के लिए फायदेमंद हो सकती है। इस मूली में ग्लूकोसाइनोलेट्स सल्फर युक्त यौगिक की उच्च मात्रा होती है। मूली लिवर डिटॉक्सिफाई करने में सहायक हो सकती  है। मूली को जॉन्डिस के इलाज के लिए भी घरेलू उपचार के तौर पर उपयोग किया जाता है। 

हिचकी से राहत दिलाने में लाभकारी (Beneficial in relieving hiccups): मूली से बने जूस बनाएं, या सूखी मूली से काढ़ा बनाएं। इसे 50-100 मिली की मात्रा में 1-1 घंटे के बाद पिएं। इससे हिचकी की समस्या में लाभ होता है।

दाद-खाज-खुजली में मूली (Radish in herpes-itch-itch): दाद-खाज-खुजली के इलाज के लिए मूली के बीजों को नींबू के रस में पीस लें फिर इसे लगाएं। 

आंखों के रोग में मूली (Radish in eye disease): आंखों की कई तरह की बीमारियों में मूली के इस्तेमाल से लाभ मिलता है। मूली के रस को काजल की तरह आंखों में लगाएं। इससे आंखों की बीमारी ठीक होती है।

कान के रोग में मूली (Radish in ear disease): मूली और तिल के तेल को कान में 2-2 बूंद डालने से कान का दर्द ठीक होता है।

एसिडिटी  के लिए मूली (Radish for Acidity): मूली को मिश्री में मिलाकर खाएं। इससे एसिडिटी में लाभ मिलता है। मूली के पत्तों के 10-20 मिली रस में मिश्री मिलाकर सेवन करें।

पेट दर्द के लिए मूली (Radish for stomach ache):  मूली के 25 मिली रस में आवश्यकतानुसार नमक मिलाएं। इसके साथ ही तीन-चार काली मिर्च का चूर्ण डालें। इसे 3-4 बार पिलाने से पेट का दर्द ठीक होता है।

मूली खाने के कई बीमारियां दूर (Many diseases of eating radish go away)

मूत्र रोग का इलाज के लिए मूली (Radish to treat urinary diseases): जिन्हें पेशाब रुक-रुक कर आती है उन्हें मूली का सेवन करना चाहिए। रुक-रुक कर पेशाब आने की बीमारी में लाभ होता है। 15-20 मिली मूली के पत्ते के रस में 1-2 ग्राम कलमी शोरा मिलाकर पीने से भी मूत्र संबंधी विकारों में लाभ होता है।

ल्यूकोडर्मा के लिए मूली (Radish for Leucoderma): त्वचा के लिए भी मूली गुणकारी हो सकती है। ल्यूकोडर्मा एक त्वचा संबंधी समस्या है जिसमें स्किन सफेद धब्बों का शिकार हो जाती है और अपना प्राकृतिक रंग खो बैठती है। इस बीमारी को विटिलिगो के नाम से भी जाना जाता है। घरेलू उपचार के तौर पर मूली के बीज के पाउडर को विनेगर के साथ लगाने से ल्यूकोडर्मा की समस्या कम हो सकती है। 

इम्युनिटी के लिए मूली (Radish for immunity): मूली का सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी सुधार कर सकता है। मूली खाने के फायदे में इम्यून सेल्स में सुधार भी शामिल है। विटामिन-सी इम्यून सिस्टम को मजबूत करने का काम कर सकता है और सर्दी-जुकाम जैसी समस्याओं से छुटकारा दे सकता है।

ऑस्टियोआर्थराइटिस के लिए मूली (Radish for Osteoarthritis): ऑस्टियोअर्थराइटिस गठिया का एक प्रकार है जो कूल्हे, घुटने, गर्दन व पीठ के निचले हिस्से या हाथों के जोड़ों को अपना निशाना बनाता है। इससे निजात पाने के लिए मूली का सेवन कर सकते हैं। मूली में विटामिन-के होता है जो कार्टिलेज मुलायम टिशू जो टखनों, कोहनी व घुटनों समेत शरीर के कई हिस्सों में पाया जाता है। यह कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा देता है और इनके प्रसार में मदद कर सकता है।

मूली कब खराब करती हैं (When do radishes spoil)

1) पत्तेदार सब्जियां जैसे मूली में गोइट्रोजेनिक पदार्थ होते हैं जो थायराइड हार्मोन के उत्पादन में बाधा डाल सकते हैं। अधिक मूली के सेवन से थायराइड हार्मोन का स्तर असंतुलित हो सकता है। मूली रक्त में शर्करा के स्तर को कम कर सकती है। इसमें हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव होते है।

2) ऐसे में जो लोग डायबिटीज की दवा ले रहे हैं वो मूली के सेवन से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह कर लें। हो सकता है मूली के अत्यधिक सेवन से रक्त शर्करा का स्तर बहुत कम हो जाए। मूली में लैक्सेटिव गुण मौजूद होते हैं इसलिए अत्यधिक मूली के सेवन से पेट खराब की समस्या हो सकता है। 

3) मछली के साथ न खाएं मूली। अगर आपने मूली खाई हैं तो करीब 2 घंटे बाद दूध पिएं। चने के साथ मूली का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। अगर आपको गले में सूजन, दर्द और शरीर में सूजन की समस्या बढ़ सकती है। इसलिए इसका सेवन न करे। मूली खाने का सही समय मूली का सेवन दोपहर 3 बदे से पहले कर लेना चाहिए। इससे आपका शरीर  गर्म रहेगा। कभी भी खाली पेट मूली का सेवन न करे। 

अपनाएं आयुर्वेद लाइफस्टाइल (Adopt ayurveda lifestyle in hindi)



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