अदरक एक जड़ी-बूटी भी है, और पाचन-तंत्र, सूजन, शरीर के दर्द, सर्दी-खांसी जैसी बीमारियों में अदरक के इस्तेमाल से फायदे मिलते हैं। यह हृदय रोग, रक्त विकार, बवासीर आदि रोगों में भी अदरक के औषधीय गुण से लाभ मिलता है। भूख की कमी, बदहजमी, वात-पित्त दोष आदि में अदरक के औषधीय गुण के फायदे होते हैं। घाव, पथरी, बुखार, एनीमिया और मूत्र रोग में भी अदरक से लाभ होत हैं। अदरक को सूखी अवस्था में सोंठ कहते हैं। प्राचीन ग्रन्थों में अदरक का उल्लेख पाया जाता है।
आयुर्वेद में अदरक का वरदान के समान (Like a boon of ginger in Ayurveda): एक चौथाई अदरक के पेस्ट, चार गुना अदरक का रस और गाय का दूध लें। इसमें 700 ग्राम घी को मिला लें। इसे पकाकर रोज सेवन करें। इससे जुकाम, पेट के रोग तथा अपच में लाभ होता है। गुड़ के साथ बराबर-बराबर मात्रा में सोंठ या अदरक को 1 गाम की मात्रा से प्रारम्भ कर, रोज 1-1 ग्राम बढ़ाते हुए, 30 ग्राम होने पर 1 माह तक सेवन कर फिर उसी क्रम से कम करते हुए बंद करने से सूजन, जुकाम आदि कफ एवं वात के रोगों का निवारण होता है। त्रिकटु, बनाएं और अदरक के रस को समान मात्रा में मिलाकर कुछ दिनों तक सुबह-शाम सेवन करने से लाभ होता है।
अदरक सेहत के लिए उत्तम है (Ginger is good for health)
अदरक से कैंसर का बचाव (Cancer prevention): अदरक में एंटी इन्फ्लामेट्री (सूजन कम करने वाला) और एंटी-कैंसर के प्रभाव को कम करने वाला गुण मौजूद होता है। इस गुण के कारण अदरक स्तन कैंसर, गर्भाशय के कैंसर और लिवर कैंसर से बचाव में सकारात्मक प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है। अदरक खाने से कुछ हद तक कैंसर से बचाव में मददगार साबित हो सकते है लेकिन यह कैंसर का इलाज नहीं है।
अदरक अल्जाइमर के लिए उपयोगी (Useful for Alzheimer's): अल्जाइमर दिमाग से संबंधित एक तंत्रिका विकार है, जिसमें बढ़ती उम्र के साथ लोगों में भूलने की समस्या देखी जाती है। अदरक का उपयोग कर इस समस्या के बढ़ते प्रभाव को काफी कुछ नियंत्रित करने में मदद मिल सकता है। अदरक में जिंजरोल, शोगोल और जिंजरोन जैसे कई फाइटोकेमिकल्स मौजूद होते हैं जो दिमाग को संदेश पहुंचाने वाले न्यूरोन की प्राकृतिक क्षति को रोकने में मदद कर सकते हैं। अदरक का उपयोग कर अल्जाइमर के प्रभाव को कुछ हद तक नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
अदरक उल्टी समस्या के लिए (For cough and cold): 10 मिली अदरक के रस में, 10 मिली प्याज का के रस मिलाकर पिलाने से उल्टी की समस्या दूर होती है।
अदरक ठंड के लिए (Cold): शरीर को जब अधिक ठंड लग रही हो तो सोंठ के रस में थोड़ा लहसुन का रस मिला लें। इससे मालिश करने से शरीर में गर्माहट आ जाती है।
सेहत के लिए अदरक के चमत्कारी फायदे (Miraculous benefits of ginger for health)
अदरक बुखार के लिए (Fever): सोंठ, पित्तपापड़ा, नागरमोथा, खस, लाल चन्दन, सुगन्धबाला को बराबर-बराबर मात्रा में मिलाकर काढ़ा बना लें। इसकी 10-30 मिली मात्रा में पीने से बुखार तथा अधिक प्यास लगने की समस्या में लाभ होता है।
अदरक माइग्रेन के लिए (For Migraine): अदरक का रस माइग्रेन के तीव्र दर्द को नियंत्रित कर आराम पहुंचाने का काम कर सकता है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि माइग्रेन पीड़ित के लिए अदरक का सेवन लाभदायक साबित हो सकता है।
अदरक स्वस्थ हृदय के लिए (For a Healthy Heart): अदरक में कई औषधीय गुण होते हैं। इनमें सूजन, मुक्त कणों का प्रभाव, खून जमने की प्रक्रिया, बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर और लिपिड को नियंत्रित करने की क्षमता शामिल है। यह सभी प्रभाव संयुक्त रूप से हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित कर उसे स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।
अदरक से कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण (Control of cholesterol and blood pressure): अदरक में ब्लड प्रेशर कम करने वाला प्रभाव पाया जाता है। अदरक का रस लिपिड को नियंत्रित करने के साथ ही बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मदद कर सकता है। अदरक कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर दोनों को नियंत्रित करता है।
अदरक आर्थराइटिस में उपयोगी (Useful in arthritis): अदरक में एंटीइन्फ्लामेट्री (सूजन कम करने वाला) और एनाल्जेसिक (दर्दनिवारक) दोनों गुण मौजूद होते हैं। इन दोनों गुणों के कारण अदरक आर्थराइटिस यानी जोड़ों में दर्द से राहत दिलाने में भी मदद कर सकता है। अदरक अन्य शारीरिक समस्याओं के साथ ही आर्थराइटिस की समस्या से भी राहत दिलाने का काम कर सकता है।
अदरक डायबिटीज में सहायक (Helpful in diabetes): अदरक ब्लड शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने के साथ ही इन्सुलिन की सक्रियता को बढ़ाने का भी काम कर सकता है। इस प्रकार अदरक डायबिटीज की समस्या को दूर करने के लिए उपयोगी होता है।
अदरक निमोनिया के लिए (Pneumonia): 4 मिली अदरक के रस में 1 या दो वर्ष पुराना घी व कपूर मिलाकर गर्म कर छाती पर मालिश करें।
अदरक वजन कम करने के लिए (Weight lose): अदरक एक फैट बर्नर की तरह काम कर सकता है और पेट, कमर और कूल्हों पर जमी चर्बी को कम करने में सहायक साबित हो सकता है। अगर संतुलित खान-पान के साथ अदरक का सेवन किया जाए तो निश्चित तौर पर वजन कम करने में मदद मिल सकती है।
अदरक प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए (Increase immunity): अदरक का सेवन कर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने में भी मदद मिल सकती है। अदरक में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइन्फ्लामेट्री गुण तो पाया ही जाता है। साथ ही इसमें इम्यूनोन्यूट्रीशन गुण भी मौजूद होता है। यह प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देने में भी मददगार साबित हो सकता है।
अपच में अदरक (Ginger in indigestion): भोजन के पहले गुड़ में बराबर-बराबर मात्रा में शुण्ठी चूर्ण मिलाकर सेवन करें। इससे बवासीर और कब्ज में लाभ होता है। अगर बदहजमी का आभास हो तो भोजन के पहले हरीतकी और सोंठ के बराबर-बराबर मात्रा में चूर्ण को 2-3 ग्राम की मात्रा में सेवन करें। इससे बदहजमी में लाभ होता है। सोंठ, अतीस तथा नागरमोथा का काढ़ा आम का पाचन करता है। सोंठ, अतीस, नागरमोथा का पेस्ट, केवल हरीतकी का चूर्ण या सोंठ का चूर्ण मिलाकर गर्म पानी के साथ सेवन करें।
1-2 ग्राम सोंठ के चूर्ण में 5 मिली नींबू का रस डाल लें। इसे चार गुना शक्कर की चाशनी में मिला लें। इसमें 1 ग्राम त्रिकटु चूर्ण डालकर सेवन करे। इससे पाचनशक्ति ठीक होती है और भूख की वृद्धि होती है। 2-5 ग्राम बेल के पेस्ट में 1 ग्राम सोंठ चूर्ण मिला लें। इसे गुड़ के साथ सेवन करें और छाछ का सेवन करें। इससे अपच रोग में लाभ होता है।
अदरक इन्फेक्शन से रखें दूर (Keep away from infection): अदरक में एंटीमाइक्रोबियल (बैक्टीरिया को नष्ट करने वाला) गुण मौजूद होता है। इस कारण यह विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण से बचाव करने में मदद कर सकता है अदरक के गुण सामान्य सर्दी, जुकाम, गले की खराश और बुखार के संक्रमण से भी बचाव में लाभदायक साबित होता है।
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