भृंगराज में अति-उपयोगी औषधीय गुण- Very useful medicinal properties in bhringraj

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भृंगराज में अति-उपयोगी औषधीय गुण  

भारत में भृंगराज को अनेक नामों जैसे- भांगड़ा, थिसल्स, माका, फॉल्स डेजी, मार्कव, अंगारक, बंगरा, केसुति, बाबरी, अजागारा, बलारी, मॉकहैंड, ट्रेलिंग एक्लीप्टा, एक्लीप्टा, प्रोस्ट्रेटा आदि से पहचाना जाता है। भृंगराज (Bhringraj)  बहुत ही उपयोगी औषधीय पौधा है जिसका उपयोग शरीर के अंदर या बाहर होने वाली अनेक प्रकार की बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। 

भृंगराज शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले हानिकारक पदार्थों को शरीर से बाहर करता है (Bhringraj removes harmful substances that harm the body): आयुर्वेद में भृंगराज को केसराज के नाम से भी जाना जाता है। इसे वर्षों से झड़ते बालों को रोकने, बालों को काला करने एवं त्वचा संबंधी बीमारी के उपचार के रूप प्रयोग किया जा रहा है। इसके अंदर अनेक प्रकार के एंटी-ऑक्सिडेंट्स जैसे- फ्लैवानॉयड और एल्कलॉइड होते हैं जो शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले हानिकारक पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने का काम करते हैं। यह विभिन्न प्रकार के हानिकारक पदार्थों से लीवर की रक्षा करने का काम करता है और लीवर को स्वस्थ बनाए रखता है। 

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भृंगराज लीवर को हेपेटाइटिस सी जैसे वायरल संक्रमण से भी बचाता है (Bhringraj also protects the liver from viral infections like hepatitis C): भृंगराज का एंटी-माइक्रोबियल गुण लीवर को हेपेटाइटिस सी जैसे वायरल संक्रमण से भी बचाता है। शरीर में होने वाले सूजन रोकने में असरदायक होता है। इसके अंदर मौजूद बालों के बढ़ने में सहायक पोषक तत्व, बालों की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ-साथ बालों की वृद्धि करता है। भृंगराज के सेवन का तरीका: भृंगराज का उपयोग तीन तरीके से किया जा सकता है। इसकी पत्तियों का पेस्ट बनाकर और उसमें तेल मिलाकर प्रयोग में ला सकते हैं। इसके पाउडर में तेल मिलाकर भी प्रयोग में ला सकते हैं या फिर बाजार में मिलने वाली भृंगराज के कैप्सूल को खाकर समस्याओं से राहत पा सकते हैं, परन्तु सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। भृंगराज शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति को मजबूत करने वाला एक उपयोगी जड़ी बूटी है जो शरीर को विभिन्न संक्रमणों से सुरक्षित रखता है। आयुर्वेद के अनुसार, अगर भृंगराज का सेवन लगातार 3 से 4 माह तक किया जाए तो शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति मजबूत होती है। भृंगराज पाउडर को शहद के साथ मिलाकर हल्का खाना खाने के बाद दिन में दो बार ले सकते हैं।

भृंगराज के फायदे (Benefits Of Bhringraj)

भृंगराज त्वचा के कटने, छिलने एवं घाव के लिए फायदेमंद (Bhringraj is beneficial for skin cuts, peeling and wounds): औषधीय गुण के कारण भृंगराज त्वचा संबंधी विकारों जैसे- त्वचा के कटने, छिलने, घाव होने या चोट में काफी असरदायक होता है।

भृंगराज इम्युनिटी क्षमता बढ़ाने में मदद करता है (Bhringraj helps in boosting immunity): यह शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति को मजबूत बनाने वाली कोशिकाओं के उत्पादन में सहायता करता है। शरीर को संक्रमण से बचाने वाली सफेद रक्त कोशिकाएं को बढ़ाने का काम करता है।

भृंगराज कफ एवं वात के लिए फायदेमंद (Bhringraj is beneficial for cough vat pit): भृंगराज के अंदर पोषक तत्व होता है जो कफ एवं वात विकार को कम करने का काम करता है।

भृंगराज लीवर एवं किडनी के लिए फायदेमंद (Bhringraj is beneficial for liver and kidney): यह लीवर के साथ-साथ किडनी के लिए भी फायदेमंद होता है। इसके जड़ का प्रयोग शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों को बाहर निकालने और शारीरिक कार्यप्रणाली को गतिशील रखने के लिए किया जाता है।

भृंगराज नज़र तेज करने का काम करता है (Bhringraj works to sharpen eyesight): भृंगराज के पत्तों को छाया में सुखाकर पीस लें, इसमें से १० ग्राम चूर्ण लेकर उसमें शहद ३ ग्राम और गाय का घी ३ ग्राम मिलाकर नित्य सोते समय रात्रि में चालीस दिन सेवन करने से कमजोर दृष्टी आदि सब प्रकार के नेत्र रोगों में लाभ होता है।

भृंगराज पेट दर्द के लिए फायदेमंद (Bhringraj is beneficial for stomach ache): दस ग्राम भृंगराज के पत्तों में ३ ग्राम काला नमक मिलाकर पीसकर छान ले, इसका दिन में ३-४ बार सेवन करने से पुराना पेट दर्द भी ठीक हो जाता है।

बच्चा मिट्टी खाना बंद न करें तो इसके लिए भृंगराज कारगर (Bhringraj is effective if the child does not stop eating soil): यदि बच्चा मिट्टी खाना किसी भी प्रकार से न छोड़ रहा हो तो भांगरा के पत्तों के रस १ चम्मच सुबह शाम पिला देने से मिट्टी खाना तुरंत छोड़ देता है।

भृंगराज फैटी लीवर और पीलिया के लिए फायदेमंद (Bhringraj is beneficial for fatty liver and jaundice): इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लैमटेरी गुण होता है। जो फैटी लीवर, पीलिया आदि जैसी बीमारी में फायदा पहुंचाता है। एक दिन में दो बार भृंगराज की खुराक ले सकते हैं। हल्का खाना खाने के बाद भृंगराज के पाउडर को पानी के साथ ले सकते है। इसका सेवन कम से कम 1-2 महीने तक करें।

भृंगराज अपच-कब्ज के लिए फायदेमंद (Bhringraj is beneficial for indigestion and constipation): अपच, कब्ज एवं पेट संबंधी अन्य परेशानी में लाभदायक। इसके अंदर रहने वाला एंटी-इंफ्लमैटरी तत्व लीवर को स्वस्थ रखकर पेट की कार्यप्रणाली को सही बनाने का काम करता है। जिससे आंत सुचारू रूप से कार्य करता है और अपच, कब्ज और पेट की अन्य परेशानियों से राहत मिलती है। यह शरीर में होने वाली सूजन को रोकने में भी फायदेमंद होता है।

भृंगराज बालों के लिए लाभकारी (Bhringraj Benefits For Hair) 

• भृंगराज के इस्तेमाल से बालों की लंबाई बढ़ने में मदद मिलती है।
• बालों के झड़ने से परेशान हैं तो भृंगराज का इस्तेमाल कर सकते हैं।
• भृंगराज तेल लगाने से  बालों लंबाई बढ़ती है।
• भृंगराज डैंड्रफ से छुटकारा दिलाता है।
• भृंगराज बालों को मजबूत बनाता है।
• भृंगराज सफेद बालों को काला करता है। 
• भृंगराज का इस्तेमाल कैसे करें  

भृंगराज लंबे बालों के लिए फायदेमंद (Bhringraj is beneficial for long hair): आम तेल की ही तरह बालों पर भृंगराज के तेल से मालिश की जा सकती है। सिर धोने से आधे या एक घंटे पहले भृंगराज का तेल लगाया जा सकता है।  यह बालों को बढ़ाने और चमकदार बनाने का काम करता है। 

सफेद बालों के लिए भृंगराज हेयर मास्क (Bhringraj hair mask for gray hair): भृंगराज को पीसें और पानी में मिलाकर पेस्ट बना लें. इस पेस्ट को बालों में २०  से 2५  मिनट लगाए रखने के बाद धो लें। 

भृंगराज डैंड्रफ के लिए फायदेमंद (Bhringraj is beneficial for dandruff): बालों में रूसी हो गई है तो आंवला के पाउडर में भृंगराज पाउडर मिलाकर पानी से पेस्ट बनाएं और सिर पर २०  मिनट लगाए रखने के बाद धो लें। 

भृंगराज से नुकसान (Harm From Bhringraj)

अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट से संबंधित परेशानी हो सकती है। इसी तरह गर्भावस्था और स्तनपान की अवस्था में डॉक्टर के परामर्श के बाद ही भृंगराज का सेवन करें। अगर आप मधुमेह से पीड़ित हैं और आपके शुगर का लेवल बढ़ा हुआ है तो भृंगराजासव के सेवन से बचना चाहिए।  अगर भृंगराज के सेवन के दौरान आपको किसी तरह की समस्या  होती है तो तुरंत बंद करें दें। शोध के अनुसार अब तक भृंगराज से होने वाले दुष्प्रभाव की कोई प्रामाणिक तथ्य नही मिला है। इसलिए इन बीमारियों में भृंगराज का सेवन कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

अपनाएं आयुर्वेद लाइफस्टाइल (Adopt ayurveda lifestyle in hindi)


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