लहसुन का उपयोग और इसके फायदे और नुकसान
(Use of garlic and its advantages and disadvantages in hindi)
लहसुन का इस्तेमाल आयुर्वेदिक उपचार में किया जाता था। लहसुन एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-वायरल गुणों से भरपूर होता है। इसमें एलीसीन और सल्फर यौगिक मौजूद होते हैं। साथ ही लहसुन में एजोइन और एलीन जैसे यौगिक भी मौजूद होते हैं जो लहसुन को और ज्यादा लाभदायक औषधि बना देते हैं। इन तत्वों और यौगिकों की वजह से ही लहसुन का स्वाद कड़वा होता है, लेकिन यही घटक लहसुन को संक्रमण दूर करने की क्षमता देते हैं। आमतौर पर लहसुन का प्रयोग खाने को स्वादिष्ट बनाने के लिए किया जाता है। लहसुन औषधीय गुणों से भरपूर है जो स्वस्थ रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
लहसुन के औषधीय गुण
(Medicinal Properties of Garlic)
सुबह खाली पेट लहसुन का सेवन शरीर को कई लाभ देता है (Consuming garlic on an empty stomach in the morning gives many benefits to the body) : लहसुन को पानी के साथ लेने पर संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार आता है। लहसुन का रस शरीर की गंदगी को त्वचा के रोम छिद्रों द्वारा बाहर करने में मदद करता है। जिन्हें दिल की बीमारी हो, उनके लिए लहसुन बहुत फायदेमंद होता है। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके हार्ट अटैक और हार्ट ब्लॉकेज को रोकता है।
इंसुलिन के स्तर को बढ़ाता है (Increases insulin levels) : यह खून में इंसुलिन के स्तर को बढ़ाता है जिससे शरीर स्वस्थ रहता है। यह संक्रमण से लड़ने में हमारे शरीर की मदद करता है। दुनियाभर में लहसुन की 300 से भी ज्यादा किस्में हैं। 19 अप्रैल को राष्ट्रीय लहसुन दिवस मनाया जाता है। पहले और दूसरे विश्व युद्ध में लहसुन को एंटीसेप्टिक की तरह घाव के संक्रमण के लिए उपयोग किया गया था। लहसुन को सिरका और नींबू के रस के साथ मिलाकर डिसइनफेक्टेंट की तरह उपयोग किया जा सकता है।
आयरन और जिंक के लिए लहसुन (Garlic for iron and zinc) : शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कई प्रकार के पोषक तत्व जरूरी है और आयरन और जिंक उन्हीं में शामिल हैं। लहसुन का सेवन खाद्य पदार्थों में मौजूद आयरन और जिंक दोनों को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर शरीर में अवशोषण करने में मदद कर सकता है। इससे आयरन या जिंक की कमी को दूर किया जा सकता है।
लहसुन रोग-प्रतिरोधक क्षमता के लिए (Garlic for immunity) : लहसुन की कली का सेवन रोग-प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करने में मददगार साबित होता है। लहसुन में कई तरह के यौगिक मौजूद होते हैं जो रोग-प्रतिरोधक क्षमता के लिए लाभकारी हो सकते हैं। लहसुन खाने से शरीर में कई तरह की प्रतिरक्षा कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि होती है।
लहसुन किडनी संक्रमण की रोकथाम के लिए (Garlic for the prevention of kidney infection) : लहसुन किडनी संक्रमण की रोकथाम में भी मदद कर सकता है। गार्लिक पी. एरुजिनोसा एक प्रकार का बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकता है जो यूटीआई और गुर्दे के संक्रमण के लिए जिम्मेदार होता है। लहसुन में मौजूद एलिसिन यौगिक किडनी की समस्या के जोखिम को कम करने में भी सहायक हो सकता है।
सर्दी-खांसी-जुकाम रोकने में भी मददगार
(Also helpful in preventing cold and cough)
सर्दी-खांसी-जुकाम के लिए (For a cold and cough) : लहसुन में एंटीबायोटिक, एंटीवायरल और एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं। यह हमारे शरीर को फ्लू के कारण होने वाली सर्दी-खांसी-जुकाम से बचाए रखने में मदद करता है। लहसुन हो हल्का भून कर भी खा सकते हैं।
लहसुन वजन कम करने के लिए (Garlic to lose weight) : लहसुन बढ़ते वजन को रोकने में मददगार साबित होता है। इसका एंटी-ओबेसिटी गुण डाइट के कारण मोटापे को कम करने में मदद कर सकता है इसके अलावा लहसुन का सेवन थर्मोजेनेसिस शरीर में गर्मी उत्पादन की प्रक्रिया को बढ़ावा दे सकता इससे फैट बर्न होने में मदद मिल सकती है। लहसुन के तेल में मौजूद एंटी-ओबेसिटी गुण हाई फैट डाइट के कारण बढ़ते वजन की समस्या पर नियंत्रण करता है।
लहसुन हाई ब्लड प्रेशर के लिए (Garlic for high blood pressure) : लहसुन में बायोएक्टिव सल्फर यौगिक, एस-एललिस्सीस्टीन मौजूद होता है जो ब्लड प्रेशर को कम कर सकता है। सल्फर की कमी से भी हाई ब्ल्ड प्रेशर की समस्या हो सकती है इसलिए शरीर को ऑर्गनोसल्फर यौगिकों वाला पूरक आहार देने से ब्लड प्रेशर को स्थिर करने में मदद मिल सकती है।
लहसुन कोलेस्ट्रॉल के लिए (Garlic to cholesterol) : लहसुन कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी लाभकारी होता है। लहसुन के सेवन से शरीर में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल जो कि हानिकारक कोलेस्ट्रॉल होता है के स्तर को कम करने में मदद करता है। लहसुन में मौजूद एंटी-हाइपरलिपिडेमिया गुण टोटल कोलेस्ट्रॉल और हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है।
लहसुन स्वस्थ हृदय के लिए (Garlic for healthy heart) : लहसुन में कुछ खास तरह के कार्डियो प्रोटेक्टिव गुण मौजूद होते हैं। इसके साथ ही यह कोलेस्ट्रॉल को कम कर हृदय को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है।
लहसुन मधुमेह के लिए (Garlic for diabetes) : मधुमेह रोगियों के लिए भी आहार में लहसुन को शामिल करना लाभकारी होता है। लहसुन का सेवन टाइप डायबिटीज के मरीजों में शुगर को नियंत्रित करने में लाभकारी होता है। मधुमेह की समस्या से परेशान व्यक्ति लहसुन का सेवन करना चाहता है तो उसके लिए कच्चा लहसुन लाभकारी हो सकता है। कच्चा लहसुन शुगर की मात्रा को कम करने में सहायक हो सकता है। इसके अलावा लहसुन में मौजूद एंटी-डायबिटिक गुण भी डायबिटीज के जोखिम को कम करने में सहायक होता है।
लहसुन हड्डियों और गठिया के लिए (Garlic for bones and arthritis) : लहसुन हड्डियों के लिए भी काफी लाभकारी होता है। कच्चा लहसुन या लहसुन युक्त दवा के सेवन से शरीर में कैल्शियम अवशोषण में मदद मिल सकती है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों के कमजोर होने की बीमारी की समस्या में राहत मिल सकती है। लहसुन में मौजूद सल्फर यौगिक में एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटी-अर्थराइटिक गुण मौजूद होता है, जिससे गठिया का जोखिम कम होता है।
लहसुन पाचन के लिए उपयोगी
(Garlic useful for digestion)
लहसुन लिवर के लिए (Garlic for liver) : लहसुन में पाए जाने वाले एस-एलील्मर कैप्टोसाइटिस्टीन एक प्रकार का यौगिक नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर के उपचार में सहायक हो सकता है और लिवर को किसी प्रकार के चोट से बचाव करने में भी मदद कर सकता है। लहसुन का तेल एंटीऑक्सीडेटिव गुणों से भरपूर होता है जो लिवर के सूजन के लिए लाभकारी हो सकता है।
लहसुन आंतों के लिए के लिए (Garlic for the intestines) : लहसुन का सेवन पेट और आंतो के लिए भी लाभकारी हो सकता है। लहसुन का उपयोग छोटी आंत की क्षति से बचाव में सहायक हो सकता है। इसका एंटीमाइक्रोबायल गुण आंतों के लाभकारी माइक्रोफ्लोरा और हानिकारक एंटरोबैक्टीरिया के बीच अंतर कर हानिकारक बैक्टीरिया को बनने से रोकने में मदद कर सकता है।
लहसुन कैंसर से बचाता है (Garlic prevents cancer) : लहसुन कैंसर के जोखिम को कम करने में भी मदद कर सकता है। इसमें मौजूद एंटी-कैंसर गुण के कारण कैंसर से बचाव कर सकता है।
लहसुन अल्जाइमर के लिए (Garlic for Alzheimer's) : अल्जाइमर मस्तिष्क से संबंधित एक समस्या जिसमें लोगों को भूलने की बीमारी हो जाती है। यह डिम्नेशिया मस्तिष्क संबंधी समस्याओं के लक्षणों का समूह का एक प्रकार है। ऐसे में एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर लहसुन का सेवन से बचाव कर सकता है, बल्कि अल्जाइमर और डिम्नेशिया से भी बचाव करने में भी मदद कर सकता है।
- बस हर रोज खाली पेट खा लें
- आओ एक कप प्याज की चाय
- हल्दी, अदरक और दालचीनी युक्त चाय से फायदे
- अदरक के औषधीय गुणों से कई फायदे
- सर्दियों में अब नहीं कोई दिक्कत
- गेहूं के ज्वार का जूस खाली पेट प्रतिदिन
- नारियल तेल पिए एक चम्मच खाली पेट
- नारियल पानी, काम अमृत जैसा
- जमा चर्बी से जल्द ही छुटकारा
- प्याज करें सर्दी-जुकाम दूर
- दही के साथ भुने जीरे के अनेक फायदे
- एक सेब हर सुबह और फिर देखें फायदे
- नाशपाती खाने से कई फायदे
- अमरूद करे कई बीमारियों का काम तमाम
- आम खाने से लाजवाब फायदे
- केसर का उपयोग और फायदे
- मूली के फायदे और नुकसान
- लहसुन का उपयोग और इसके फायदे और नुकसान
- खजूर से बीमारियाँ भागे दूर
- बेलपत्र का औषधीय महत्व
- पवित्रता की शक्ति तुलसी
- जीवन में पीपल की उपयोगिता
- लाभदायक गुणों से भरपूर निर्गुंडी
- भृंगराज अति-उपयोगी
- पारिजात का पौराणिक महत्व
- पत्थरचट्टा पथरी निकालने में मददगार
- करौंदा- Karonda
- कटहल के सेवन से फायदा कम नुकसान ज्यादा न हो जाए
- इस समस्या से खून में प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाती है
- कीवी के औषधीय गुण
- तेज पत्ता (डालचीनी)
- एक साथ ये चीजें नहीं खानी चाहिए
- स्वस्थ-स्वास्थ्य के लिए कचनार
लहसुन खाने से बीमारियां भागे दूर
(Diseases ran away from eating garlic)
लहसुन आंखों के लिए (Garlic for eyes) : लहसुन का सेवन आंखों को स्वस्थ रखने में भी सहायक हो सकता है। एकैंथअमीबा एक प्रकार का अमीबा आंखों के संक्रमण, खासकर केरेटाइटिस आंख के सामने का पारदर्शी हिस्सा कॉर्निया, जब इसमें सूजन हो जाती है तो यह कारण बन सकता है। लहसुन में अमीबिसाइडल अमीबा को खत्म करने वाला गुण पाया जाता है जो इस अमीबा से बचाव कर आंखों को इससे होने वाले संक्रमण के जोखिम को कुछ हद तक कम कर सकता है।
लहसुन सोरायसिस की रोकथाम के लिए (Garlic for the prevention of psoriasis) : सोरायसिस एक प्रकार का त्वचा रोग है जिसमें खुजली होने लगती है और त्वचा लाल हो जाती है। यह बीमारी ज्यादातर सिर की त्वचा, कोहनी और घुटनों को प्रभावित करती है। इस बीमारी का प्रभाव लहसुन के सेवन से कम किया जा सकता है।
लहसुन झुर्रियों के लिए (Garlic for wrinkles) : लहसुन में एस-एलिल सिस्टीन एक प्रकार का यौगिक पाया जाता है जो त्वचा को सूर्य की हानिकारक किरणों की वजह से होने वाली झुर्रियों से बचाने में मदद कर सकता है।
लहसुन सर्दी-जुकाम के लिए (Garlic for colds) : एलिसिन युक्त सप्लीमेंट के सेवन से सर्दी जुकाम की समस्या का जोखिम कम हो सकता है। लहसुन के अर्क की एक उच्च खुराक से रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार हो सकता है, जिससे सर्दी-जुकाम या बुखार का जोखिम कम हो सकता है।
लहसुन किसे नहीं खाना चाहिए? (Who should not eat garlic?) : ऐसे व्यक्ति जिनको पेट से जुड़ी कोई परेशानी है, तो वो कच्चे लहसुन का सेवन करने से बचे। अगर कोई खून को पतला करने की दवाई ले रहा है, तो वो लहसुन का सेवन न करें। लिवर के लिए लहसुन लाभकारी है, लेकिन अगर किसी को लिवर की गंभीर समस्या है तो इसके सेवन से पहले डॉक्टरी परामर्श लें।
लहसुन के अत्यधिक सेवन से लिवर को क्षति भी हो सकती है। जिनको माइग्रेन की समस्या है, वो लहसुन का सेवन न करें, क्योंकि हो सकता है कि इसकी गंध से समस्या और बढ़ जाए। जिनको लो ब्लड प्रेशर की शिकायत है, वो लहसुन का सेवन डॉक्टरी सलाह पर ही करें। लहसुन हाई ब्लड प्रेशर के लिए लाभकारी होता है। ऐसे में लो ब्लड प्रेशर में यह नुकसानदायक हो सकता है।
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