पत्थरचट्टा एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है यह एक लोकप्रिय घरेलू पौधा है जो उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में प्राकृतिक रूप से होता है। (Patharkatta is an Ayurvedic herb. It is a popular domestic plant which occurs naturally in tropical regions) पत्थरचटा के फायदे बहुत से घरेलू उपचारों के लिए उपयोग किये जाते है। पौधा गाल ब्लैडर यानी किड़नी में पथरी की समस्या को जड़ से खत्म कर देता है। इस पौधे को आयुर्वेद में भष्मपथरी, पाषाणभेद और पणपुट्टी के नाम से भी जाना जाता है। साथ ही आयुर्वेद में पत्थरचट्टा को प्रोस्टेट ग्रंथि और किडनी स्टोन से जुड़ी हुई समस्याओं के इलाज की औषधि माना गया है।
पाषाणभेद का शाब्दिक अर्थ है कि पत्थरों को तोड़ देना और यही इस औषधि का प्रमुख गुण है। इस जड़ी-बूटी में ऐसे औषधीय गुण हैं जो पथरी को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़कर मूत्र मार्ग से बाहर निकालने में मदद करते हैं। पथरचटा के गुण पथरी हटाने, रक्तचाप, सिरदर्द, अस्थमा, मूत्ररोग आदि को ठीक करने के लिए किया जाता हैै। इस पौधे के तो वैसे बहुत फायदें है, लेकिन खासतौर से यह पौधा गाल ब्लैडर यानी किड़नी में पथरी की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिये जाना जाता है। इसके फूल छोटे-छोटे, सफेद और गुलाबी रंग के होते हैं।
पत्थरचट्टा पथरी को जड़ से बाहर करता है (Patharchatta plant removes stone from root)
2-4 ग्राम पत्थरचट्टा चूर्ण को शिलाजीत तथा मिश्री मिले हुए दूध के साथ पीने से पित्त की पथरी (पित्ताश्मरी) के इलाज में मदद मिलती है। समभाग पत्थरचट्टा, वरुण की छाल, गोखरू, एरण्ड मूल, छोटी कटेरी, बड़ी कटेरी तथा तालमखाना मिलाकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े को पीने से पथरी के इलाज में लाभ मिलता है।
पत्थरचट्टा सिर दर्द के लिए (Patharchatta plant is beneficial for headache): पत्थरचट्टा के फायदे उन लोगों के लिए भी होते हैं जो अक्सर सिरदर्द की समस्याओं से ग्रसित रहते हैं। पथरचटा की पत्तियों से अपने सिरदर्द का उपचार कर सकते हैं। इस पौधे की पत्तियों को तोड़ें और उन्हें माथे पर चिपकाएं। ऐसा करने से आपको सिरदर्द से छुटकारा पाने में मदद मिलती है।
पत्थरचट्टा खूनी दस्त में कारगर (Patharchatta plant effective in bloody stools): पत्थरचट्टा का पौधा का उपयोग कर दस्त के साथ आने वाले खून को रोक सकते हैं। यह पत्थरचट्टा के फायदों में से एक है। आप पत्थरचट्टा का पौधे की पत्तियों के 4-5 ग्राम जूस के साथ जीरा और घी मिलाकर रोगी को रोजाना दो बार पिलाएं। यह दस्त के साथ आने वाले खून को रोकने में मदद करता है।
पत्थरचट्टा के औषधीय उपयोग (Medicinal uses of patharchatta)
पत्थरचट्टा मूत्र संबंधी विकारों के लिए (Patharchatta for urinary disorders): प्यास और मूत्र से संबंधित परेशानियों को दूर करने के लिए पथरचटा के पत्तों का 6 मिली लीटर रस लें। पुरुषों में मूत्र संबंधी विकार के मामले में पत्थरचट्टा के 60 ग्राम काढ़ें के साथ 2 ग्राम शहद मिला कर सेवन करना चाहिए। ऐसी स्थिति में इस मिश्रण को दिन में दो बार लेना चाहिए।
पत्थरचट्टा आंखों के रोगों को दूर करता है (Patharchatta relieves eye diseases): पत्थरचट्टा के पत्तों को पीसकर आंखों के बाहर चारों तरफ लगाएं। इसे लगाने से आंखों में जलन और पानी बहने की समस्या में लाभ मिलता है।
पत्थरचट्टा खांसी दूर करने के लिए (Patharchatta to relieve cough): खांसी केलिए पत्थरचट्टा के जड़ के चूर्ण को 1-2 ग्राम मात्रा में लें और इसे शहद के साथ खाएं। इसके सेवन से खांसी के साथ-साथ फेफड़ों से जुड़े रोगों से आराम मिलता है।
पत्थरचट्टा मुंह के छालों को ठीक करता है (Patharchatta cures mouth ulcer): मुंह में छाले होने पर पत्थरचट्टा की ताजी जड़ों और पत्तियों को चबाएं। इससे मुंह के छाले जल्दी ठीक हो जाते हैं।
पत्थरचट्टा पेट के रोगों के लिए (Patharchatta for stomach diseases): पेट से जुड़ी छोटी-मोटी बीमारियों जैसे कि दस्त, कब्ज आदि कर परेशानी दूर होती है। कब्ज और पेचिश रू 1-2 ग्राम पत्थरचट्टा की जड़ के पेस्ट को पानी में उबाल लें और पानी सूख जाए तो इस मिश्रण का उपयोग करें। यह कब्ज दूर करने में मदद करता है।
पत्थरचट्टा स्वास्थ्य के लिए कितना लाभकारी (How beneficial is patharchatta for health)
पत्थरचट्टा दांत दर्द के लिए लाभकारी (Patharchatta beneficial for toothache): दांतों के दर्द को ठीक करने के लिए पत्थरचट्टा का उपयोग किया जाता है। पत्थरचट्टा में एंटी-वायरस और एंटी-बैक्टीरिया गुण होते हैं जो दांतों के दर्द को दूर करने में मदद करते हैं।
पत्थरचट्टा अस्थमा के लिए लाभकारी (Patharchatta beneficial for asthma ): पत्थरचट्टा में एंटी-अस्थमा गुण होते हैं। पत्थरचट्टा में एंटीमाइक्रोबायल एजेंट होते हैं जो अस्थमा के इलाज में मदद करते हैं। यदि अस्थमा रोग से परेशान हैं तो पत्थरचट्टा का उपयोग कर सकते हैं।
पत्थरचट्टा मधुमेह पीड़ितों के लिए लाभकारी (Pattharchatta is beneficial for diabetes sufferers): पत्थरचट्टे की पत्तियों का उपयोग कर आप मधुमेह को नियंत्रित कर सकते हैं। मधुमेह रोगी को प्रतिदिन दो बार पत्थरचट्टा के पत्तों के काढ़े का सेवन करना चाहिए। यह आपके शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद करता है।
अपनाएं आयुर्वेद लाइफस्टाइल (Adopt ayurveda lifestyle in hindi)