चिचिण्डा स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है। (Chichinda helps in removing health related problems) What is snake gourd, chichinda? चिचिंडा के औषधीय गुण शरीर में मौजूद विषाक्तता को दूर करने में मदद करते हैं। चिचिण्डा स्वास्थ्य के लिए जरूरी पोषक तत्वों से समृद्ध होता है। इसमें फ्लेवोनोइड्स, कैरोटेनॉइड्स, फेनोलिक एसिड, सोल्युबल व इनसोल्युबल डाइटरी फाइबर और एसेंशियल मिनरल होते हैं, जो चिचिण्डा को औषधीय और चिकित्सीय रूप से सक्रिय बनाते हैं। चिचिण्डा में प्रोटीन, फैट, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन (ए, ई) पोटैशियम, फास्फोरस, सोडियम, मैग्नीशियम और जिंक की भी मात्रा पाई जाती है। इसके उपयोग से सिरदर्द, एलोपेशिया, बुखार, पेट के ट्यूमर, फोड़े, दस्त, हेमाट्यूरिया (पेशाब के साथ रक्त आना) और त्वचा की एलर्जी के उपचार में मदद मिल सकती है। What are the benefits of snake gourd?.
स्वास्थ्य के लिए चिचिण्डा के फायदे (Benefits of Cichinda for health)
चिचिण्डा मधुमेह के लिए (Cichinda for diabetes): चिचिण्डा में एंटीडायबिटीक गुण होते हैं, इसके नियमित सेवन से ब्लड ग्लूकोज के स्तर में कमी हो सकती है। चिचिण्डा मधुमेह से राहत दिलाने के लिए अच्छा माना जाता है।
चिचिण्डा पाचन के लिए (Cichinda for digestion): चिचिंडा में सोल्युबल और इनसोल्युबल डाइटरी फाइबर पाए जाते हैं, जो खाद्य पदार्थ को पचाकर मल के जरिए बाहर करने का काम कर सकते हैं। इससे पाचन तंत्र स्वस्थ और पाचन क्रिया में आसानी हो सकती है। ऐसे में जिन लोगों को अधिक अपच की समस्या होती है वह चिचिण्डा का उपयोग आहार के रूप में कर सकते हैं।
चिचिण्डा पीलिया के लिए (Cichinda for jaundice): चिचिंडा के औषधीय गुण के कारण पीलिया के उपचार में सहायता मिल सकती है । इसके लिए चिचिंडा के लगभग 7 से 10 पत्तों को पानी में उबाल लें और फिर ठंडा होने दें। इसके बाद आधे लीटर पानी में 15 धनिया के बीज को डालकर उबाल लें। इसके बाद इन दोनों पानी को मिला लें और सेवन करें। इससे पीलिया की स्थिति में सुधार हो सकता है।
चिचिण्डा कब्ज के लिए (Cichinda for constipation): कब्ज की समस्या से निजात दिलाने में भी चिचिण्डा सहायक हो सकता है। कब्ज की स्थिति में पेट ठीक तरह से साफ नहीं हो पता है। वहीं, चिचिण्डा में पर्गटिव गतिविधि पाई जाती है, जो एक तरह का लैक्सेटिव प्रभाव होता है। यह कब्ज की स्थिति में पेट को साफ करने में मदद कर सकता है। इससे कब्ज की समस्या कुछ कम हो सकती है।
चिचिण्डा बुखार के उपचार के लिए (Cichinda for the treatment of fever): चिचिण्डा को बुखार के इलाज में औषधीय दवा के रूप में उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा, यह मलेरिया की स्थिति में भी मददगार हो सकता है।
चिचिण्डा वजन कम करने के लिए (Cichinda for weight lose): वजन कम करने के लिए डायटिंग करते हैं वह अपने आहार में चिचिण्डा को शामिल कर सकते हैं। चिचिण्डा एक कम कैलोरी वाला खाद्य पदार्थ है जिसके सेवन से शरीर में फैट नहीं बढ़ता। कम कैलोरी होने से यह वजन को नियंत्रित रखने में भी मदद कर सकता है।
चिचिण्डा हड्डियों के लिए फायदेमंद (Cichinda is beneficial for bones): चिचिण्डा स्वास्थ्यवर्धक सब्जियों में से एक है क्योंकि यह मैग्नीशियम, कैल्शियम और फास्फोरस जैसे एसेंशियल मिनरल से समृद्ध है। यह मिनरल्स हड्डियों, मांसपेशियों, हृदय व मस्तिष्क को ठीक तरह से काम करने में सहायता कर सकते हैं।
चिचिण्डा गठिया के लिए (Cichinda for arthritis): चिचिंडा के पत्तों में गठिया के लक्षणों को दूर करने वाले गुण होते हैं। गठिया जोड़ों में होने वाली सूजन और दर्द से संबंधित बीमारी है जो कि बहुत ही कष्टदायक होती है। लेकिन इस समस्या का उपचार चिचिंडा और इसकी पत्तियों से किया जा सकता है। गठिया के घरेलू इलाज के लिए आप चिचिंडा की पत्तीयों और धनिया के बीज से बने पेस्ट का सेवन कर सकते हैं। नियमित रूप से दिन में 3 बार इस मिश्रण का सेवन करने से गठिया के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है।
चिचिंडा जूस श्वसन तंत्र के लिए (Chichinda juice for respiratory tract): नियमित रूप से चिचिंडा के जूस का सेवन करना श्वसन तंत्र के लिए फायदेमंद होता है। चिचिंडा जूस के औषधीय गुण न केवल खांसी को दूर करने बल्कि सांस लेने में होने वाली दिक्कत को भी दूर कर सकते हैं। यह छाती में जमे कफ या संक्रमण से राहत दिलाता है जो लगातार आने वाली खांसी का कारण होता है। इस औषधीय फल में हीलिंग गुण होते हैं श्वसन तंत्र संबंधी समस्याओं को प्रभावी रूप से दूर कर सकते हैं।
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