चिचिण्डा
Chichinda (Snake Gourd in hindi)
चिचिण्डा स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है। (Chichinda helps in removing health related problems) चिचिंडा के औषधीय गुण शरीर में मौजूद विषाक्तता को दूर करने में मदद करते हैं। चिचिण्डा स्वास्थ्य के लिए जरूरी पोषक तत्वों से समृद्ध होता है। इसमें फ्लेवोनोइड्स, कैरोटेनॉइड्स, फेनोलिक एसिड, सोल्युबल व इनसोल्युबल डाइटरी फाइबर और एसेंशियल मिनरल होते हैं, जो चिचिण्डा को औषधीय और चिकित्सीय रूप से सक्रिय बनाते हैं। चिचिण्डा में प्रोटीन, फैट, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन (ए, ई) पोटैशियम, फास्फोरस, सोडियम, मैग्नीशियम और जिंक की भी मात्रा पाई जाती है। इसके उपयोग से सिरदर्द, एलोपेशिया, बुखार, पेट के ट्यूमर, फोड़े, दस्त, हेमाट्यूरिया (पेशाब के साथ रक्त आना) और त्वचा की एलर्जी के उपचार में मदद मिल सकती है।
- बस हर रोज खाली पेट खा लें
- आओ एक कप प्याज की चाय
- हल्दी, अदरक और दालचीनी युक्त चाय से फायदे
- अदरक के औषधीय गुणों से कई फायदे
- सर्दियों में अब नहीं कोई दिक्कत
- गेहूं के ज्वार का जूस खाली पेट प्रतिदिन
- नारियल तेल पिए एक चम्मच खाली पेट
- नारियल पानी, काम अमृत जैसा
- जमा चर्बी से जल्द ही छुटकारा
- प्याज करें सर्दी-जुकाम दूर
- दही के साथ भुने जीरे के अनेक फायदे
- एक सेब हर सुबह और फिर देखें फायदे
- नाशपाती खाने से कई फायदे
- अमरूद करे कई बीमारियों का काम तमाम
- आम खाने से लाजवाब फायदे
- केसर का उपयोग और फायदे
- मूली के फायदे और नुकसान
- लहसुन का उपयोग और इसके फायदे और नुकसान
- खजूर से बीमारियाँ भागे दूर
- बेलपत्र का औषधीय महत्व
- पवित्रता की शक्ति तुलसी
- जीवन में पीपल की उपयोगिता
- लाभदायक गुणों से भरपूर निर्गुंडी
- भृंगराज अति-उपयोगी
- पारिजात का पौराणिक महत्व
- पत्थरचट्टा पथरी निकालने में मददगार
- करौंदा- Karonda
- कटहल के सेवन से फायदा कम नुकसान ज्यादा न हो जाए
- इस समस्या से खून में प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाती है
- कीवी के औषधीय गुण
- तेज पत्ता (डालचीनी)
- एक साथ ये चीजें नहीं खानी चाहिए
- स्वस्थ-स्वास्थ्य के लिए कचनार
चिचिण्डा स्वस्थ स्वास्थ्य हृदय के लिए (For Healthy Heart) : चिचिण्डा में कुकुरबिटासिन-बी, कुकुरबिटासिन-ई, कैरोटीनॉयड और एस्कॉर्बिक एसिड होता है, जो एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि की तरह काम कर सकता है। एंटीऑक्सीडेंट, फ्री रेडिकल्स द्वारा किए गए ऑक्सीडेटिव चैन रिएक्शन को रोकने का काम कर सकता है। इससे ऑक्सीडेटिव डैमेज को कम किया जा सकता है।
चिचिण्डा मधुमेह के लिए (For diabetes) : चिचिण्डा में एंटीडायबिटीक गुण होते हैं, इसके नियमित सेवन से ब्लड ग्लूकोज के स्तर में कमी हो सकती है। चिचिण्डा मधुमेह से राहत दिलाने के लिए अच्छा माना जाता है।
चिचिण्डा पाचन के लिए (For digestion) : चिचिंडा में सोल्युबल और इनसोल्युबल डाइटरी फाइबर पाए जाते हैं, जो खाद्य पदार्थ को पचाकर मल के जरिए बाहर करने का काम कर सकते हैं। इससे पाचन तंत्र स्वस्थ और पाचन क्रिया में आसानी हो सकती है। ऐसे में जिन लोगों को अधिक अपच की समस्या होती है वह चिचिण्डा का उपयोग आहार के रूप में कर सकते हैं।
चिचिण्डा पीलिया के लिए (For jaundice) : चिचिंडा के औषधीय गुण के कारण पीलिया के उपचार में सहायता मिल सकती है । इसके लिए चिचिंडा के लगभग 7 से 10 पत्तों को पानी में उबाल लें और फिर ठंडा होने दें। इसके बाद आधे लीटर पानी में 15 धनिया के बीज को डालकर उबाल लें। इसके बाद इन दोनों पानी को मिला लें और सेवन करें। इससे पीलिया की स्थिति में सुधार हो सकता है।
चिचिण्डा कब्ज के लिए (For constipation) : कब्ज की समस्या से निजात दिलाने में भी चिचिण्डा सहायक हो सकता है। कब्ज की स्थिति में पेट ठीक तरह से साफ नहीं हो पता है। वहीं, चिचिण्डा में पर्गटिव गतिविधि पाई जाती है, जो एक तरह का लैक्सेटिव प्रभाव होता है। यह कब्ज की स्थिति में पेट को साफ करने में मदद कर सकता है। इससे कब्ज की समस्या कुछ कम हो सकती है।
चिचिण्डा बुखार के उपचार के लिए (For the treatment of fever) : चिचिण्डा को बुखार के इलाज में औषधीय दवा के रूप में उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा, यह मलेरिया की स्थिति में भी मददगार हो सकता है।
चिचिण्डा वजन कम करने के लिए (Weight lose) वजन कम करने के लिए डायटिंग करते हैं वह अपने आहार में चिचिण्डा को शामिल कर सकते हैं। चिचिण्डा एक कम कैलोरी वाला खाद्य पदार्थ है जिसके सेवन से शरीर में फैट नहीं बढ़ता। कम कैलोरी होने से यह वजन को नियंत्रित रखने में भी मदद कर सकता है।
चिचिण्डा मिनरल (Mineral) : चिचिण्डा स्वास्थ्यवर्धक सब्जियों में से एक है क्योंकि यह मैग्नीशियम, कैल्शियम और फास्फोरस जैसे एसेंशियल मिनरल से समृद्ध है। यह मिनरल्स हड्डियों, मांसपेशियों, हृदय व मस्तिष्क को ठीक तरह से काम करने में सहायता कर सकते हैं।
चिचिण्डा गठिया के लिए (For arthritis) : चिचिंडा के पत्तों में गठिया के लक्षणों को दूर करने वाले गुण होते हैं। गठिया जोड़ों में होने वाली सूजन और दर्द से संबंधित बीमारी है जो कि बहुत ही कष्टदायक होती है। लेकिन इस समस्या का उपचार चिचिंडा और इसकी पत्तियों से किया जा सकता है। गठिया के घरेलू इलाज के लिए आप चिचिंडा की पत्तीयों और धनिया के बीज से बने पेस्ट का सेवन कर सकते हैं। नियमित रूप से दिन में 3 बार इस मिश्रण का सेवन करने से गठिया के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है।
चिचिंडा जूस श्वसन तंत्र के लिए (Chichinda juice for respiratory tract) : नियमित रूप से चिचिंडा के जूस का सेवन करना श्वसन तंत्र के लिए फायदेमंद होता है। चिचिंडा जूस के औषधीय गुण न केवल खांसी को दूर करने बल्कि सांस लेने में होने वाली दिक्कत को भी दूर कर सकते हैं। यह छाती में जमे कफ या संक्रमण से राहत दिलाता है जो लगातार आने वाली खांसी का कारण होता है। इस औषधीय फल में हीलिंग गुण होते हैं श्वसन तंत्र संबंधी समस्याओं को प्रभावी रूप से दूर कर सकते हैं।
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