एक चम्मच देसी घी सुबह खाली पेट
(A spoonful of desi ghee on an empty stomach in the morning)
आयुर्वेद में देसी घी का बहुत महत्व है घी शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार से लाभकारी होता है। घी को औषधिय गुणों का भंडार माना जाता है इसकी तीव्र महक से मिरगी, बेहोशी, सिर, कान, मलेरिया से जुड़े रोगों से निजात पाया जा सकता है। देसी गाय के घी को रसायन कहा गया है जो जवानी को कायम रखते हुए बुढ़ापे को दूर रखता है। गाय का घी खाने से बूढ़ा व्यक्ति भी जवान जैसा हो जाता है। गाय के घी में स्वर्ण छार पाए जाते हैं जिसमें अदभुत औषधीय गुण होते हैं जो गाय के घी के इलावा अन्य घी में नहीं मिलते। गाय के घी में वैक्सीन एसिड, ब्यूट्रिक एसिड, बीटा-कैरोटिन जैसे माइक्रोन्यूट्रींस मौजूद होते हैं जिस के सेवन करने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है।
गाय के घी से उत्पन्न शरीर के माइक्रोन्यूट्रींस में कैंसर युक्त तत्वों से लडने की क्षमता होती है। यदि आप गाय के 12 ग्राम घी से हवन-यज्ञ करते हैं तो इसके परिणाम स्वरूप वातावरण में लगभग 1.5 टन ताजा आक्सीजन का उत्पादन कर सकते हैं। यही कारण है कि मंदिरों में गाय के घी का दीपक जलाने की तथा धार्मिक समारोह में यज्ञ करने की प्रथा प्रचलित है। इससे वातावरण में फैले परमाणु विकिरणों को हटाने की अदभुत क्षमता होती है।
गाय का घी वात-पित्त-कफ को उखाड़ फेंकेएक चम्मच गाय के घी का सेवन रोजाना सुबह खाली पेट (One spoon of cow's ghee every morning on an empty stomach): गाय के घी को रोजाना सुबह खाली पेट एक चम्मच सेवन करने से शरीर को ताकतवर बनाने के साथ-साथ इम्युनिटी बूस्ट करने में मदद करता है। इसके साथ ही स्किन और बालों को हेल्दी रखता है। देसी घी में सैच्युरेटेड फैटी एसिड के अलावा विटामिन ए, ई और के2 भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें कंजुगेटेड लिनोलिक एसिड और ब्यूटिरिक भी पाई जाती है और इन दोनों के कई शक्तिशाली स्वास्थ्य लाभ हैं। घी में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो मेटाबॉलिज्म को तेजी से बढ़ाने में मदद करता है। घी में ओमेगा 3 फैटी एसिड के साथ नैचुरल लुब्रिकेंट पाया जाता है। जो अर्थराइटिस के कारण होने वाले दर्द में फायदेमंद होता है। रोजाना एक चम्मच गाय के घी का सेवन करने से पाचन तंत्र ठीक ढंग से काम करेगा। जिसके कारण आपको पेट दर्द, एसिडिटी, कब्ज जैसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। रोजाना घी का सेवन करने से आपका शरीर मानसिक और शारिरिक रूप से ताकतवर बनता है। इसके साथ ही आपकी हड्डियां को भी ग्रीस मिल जाती हैं। जिसके कारण वह जल्दी घिसती नहीं है।
गाय के घी का विशेष महत्व (Importance of Cow's Ghee)1) गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती है।
2) गाय का घी नाक में डालने से कान का पर्दा बिना आपरेशन के ही ठीक हो जाता है।
3) गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग में भी उपचार होता है।
4) गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूर होता है।
5) 15-20 ग्राम घी व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांजे का नशा कम हो जाता है।
6) गाय का घी नाक में डालने से कोमा से बाहर निकल कर चेतना वापस लौट आती है।
7) नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तरोताजा हो जाता है।
8) गाय के घी को नाक में डालने से मानसिक शांति मिलती है और याददाश्त तेज होती है।
9) हाथ पाव में जलन होने पर गाय के घी की तलवों में मालिश करें जलन ठीक होती है।
10) गाय का घी नाक में डालने से बाल झडना समाप्त होकर नए बाल भी आने लगते हैं।
गाय का घी खाने से कई रोग दूर होते हैं (Many diseases are cured by eating cow's ghee)
1) हिचकी के न रुकने पर खाली गाय का आधा चम्मच घी खाएं। हिचकी स्वयं रुक जाएगी।
2) गाय के घी से बल और वीर्य बढ़ता है और शारीरिक व मानसिक ताकत में भी इजाफा होता है।13) गाय के पुराने घी से बच्चों को छाती और पीठ पर मालिश करने से कफ की शिकायत दूर हो जाती है।
4) गाय के घी का नियमित सेवन करने से एसिडिटी व कब्ज की शिकायत कम हो जाती है।
5) अगर अधिक कमजोरी लगे तो एक गिलास दूध में एक चम्मच गाय का घी और मिश्री डालकर पी लें।
6) गाय का घी न सिर्फ कैंसर को पैदा होने से रोकता है और इस बीमारी के फैलने को भी रोकता है।
7) जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक की तकलीफ है और चिकनाई खाने की मनाही है तो गाय का घी खाएं। हृदय मजबूत होता है।
8) फफोलों पर गाय का देसी घी लगाने से आराम मिलता है।
9) दो बूंद देसी गाय का घी नाक में सुबह शाम डालने से माइग्रेन दर्द ठीक होता है। सिर दर्द होने पर शरीर में गर्मी लगती हो तो गाय के घी की पैरों के तलवे पर मालिश करें। सर दर्द ठीक हो जायेगा।
अपनाएं आयुर्वेद लाइफस्टाइल (Adopt ayurveda lifestyle in hindi)
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