बहुत से लोग ऐसे है जो वजन बढ़ने के डर से घी का सेवन नहीं करते। (There are many people who do not consume ghee for fear of gaining weight) लेकिन अगर गाय के घी का सेवन नियमित रूप से किया जाये तो वजन तो नियंत्रित रहता है। (But if cow's ghee is consumed regularly then weight is controlled) आयुर्वेद में तो गाय के घी को अमृत समान बताया गया है। (In Ayurveda, cow's ghee has been described as Amrit) गाय का घी खाने वाले व्यक्ति के चेहरे पर एक अलग प्रकार की चमक और तेज बुद्धि होती है।
गाय के घी में स्वर्ण छार पाए जाते हैं जिसमें अदभुत औषधीय गुण होते हैं जो गाय के घी के इलावा अन्य घी में नहीं मिलते। रोजाना 2 चम्मच गाय का घी खाने से वात, पित्त और कफ की समस्या जड़ से खत्म हो जाएगी। गाय के घी में विटामिन ए, डी, के, कैल्शियम, फॉस्फोरस, मिनरल्स, पोटैशियम जैसे कई पोषक तत्वों के साथ-साथ एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है। गाय के घी में वैक्सीन एसिड, ब्यूट्रिक एसिड, बीटा-कैरोटिन जैसे माइक्रोन्यूट्रींस मौजूद होते हैं जिस के सेवन करने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है। गाय के घी से उत्पन्न शरीर के माइक्रोन्यूट्रींस में कैंसर युक्त तत्वों से लडने की क्षमता होती है।
पाचन शक्ति मजबूत करता है (Strengthens digestive power): गाय घी में स्थिर सेचुरेटेड बॉण्ड्स बहुत अधिक होते हैं, जिससे फ्री रेडिकल्स निकलने की आशंका बहुत कम होती है। घी की छोटी फैटी एसिड की चेन को शरीर बहुत जल्दी पचा लेता है (The body digests small chains of ghee very quickly) जिससे पाचन शक्ति अच्छी बनी रहती है।
दिल के लिए (For heart): दल की नलियों में ब्लॉकेज होने पर गाय का घी एक ल्यूब्रिकेंट की तरह काम करता है। जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक की तकलीफ है और चिकनाई खाने की मनाही है, वह गाय का घी खाएं, इससे दिल मजबूत होता है।
त्वचा के लिए (For skin): गाय के घी में बहुत अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो फ्री रेडिकल्स से लड़ता है और चेहरे की चमक बरकरार रखता है।
मेटाबॉलिज्म पर नियंत्रित (Controlled metabolism): गाय घी शरीर में जमा फैट को गला कर विटामिन में बदलने का काम करता है। इसमें चेन फैट एसिड कम मात्रा में होता है जिससे खाना जल्दी डाइजेस्ट होता है और मेटाबॉल्जिम सही रहता है।
वजन को नियंत्रित (Weight control): गाय घी में सीएलए होता है जो मेटाबॉल्जिम को सही रखता है। इससे वजन कंट्रोल में रहता है। सीएलए इंसुलिन की मात्रा को कम रखता है जिससे वजन बढ़ने और शुगर जैसी दिक्कतें होने का खतरा कम रहता है।
कैंसर से बचाव (Cancer prevention): गाय घी में सूक्ष्म जीवाणु, एंटी-कैंसर और एंटी-वायरल जैसे तत्व मौजूद होते हैं जो कई बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। गाय के घी में कैंसर से लड़ने की अचूक क्षमता होती है। इसके सेवन से स्तन तथा आंत के खतरनाक कैंसर से बचा जा सकता है।
बलगम से छुटकारा (Get rid of mucus): अगर बच्चों को अधिक बलगम की समस्या हैं तो गाय घी में नमक डालकर उसे थोड़ा सा गर्म कर लें इसके बाद छाती पर मालिश करने से इससे बलगम को बाहर निकालने में मदद मिलती है। अगर वात, पित्त या कफ संबंधी किसी भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो गाय के घी की कुछ बूंदे अपने नाक में डाल लें। इससे आपको लाभ मिलेगा।
कमजोरी के लिए (For weakness): एक गिलास दूध में आधा चम्मच गाय घी और मिश्री या शहद डालकर इसका सेलव करे।
माइग्रेन दूर (Relieve migraine): माइग्रेन में आमतौर पर सिर के आधे हिस्से में दर्द होता है और सिरदर्द के वक्त मितली या उलटी भी आ सकती है। इस समस्या से बचने के लिए गाय का घी आपकी मदद कर सकता है। दो बूंद गाय का घी नाक में सुबह शाम डालने से माइग्रेन दर्द ठीक होता है। साथ ही गाय के घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म होती है।