किशमिश पाचन शक्ति को ठीक करने के साथ-साथ शरीर में ऊर्जा बढ़ाने तक का काम करता है। किशमिश खाने का सबसे अच्छा तरीका है कि इसे रात में पानी में भिगोकर रख दें और सुबह फूल जाने पर खाएं और किशमिश के पानी को भी पी लें। भीगी हुई किशमिश में आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नेशियम और फाइबर भरपूर होता है। इसमें मौजूद शुगर प्राकृतिक होती है इसलिए सामान्यतः इसका कोई नुकसान नहीं होता है मगर डायबीटीज के मरीजों को किशमिश नहीं खानी चाहिए।
किशमिश वास्तव में सूखे हुए अंगूर होते हैं। यह कई रंगों में मौजूद होत हैं मसलन गोल्डन, हरा और काला। इसके अलावा आप कई सब्जियों के स्वाद को बेहतर बनाने के लिए भी किशमिश का इस्तेमाल कर सकते हैं। रात में भीगी हुई किशमिश खाने और इसका पानी पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सिडेंट्स के कारण इम्यूनिटी बेहतर होती है जिससे बाहरी वायरस और बैक्टीरिया से शरीर लड़ने में सक्षम होता है और ये बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश नहीं कर पाते हैं। काले किशमिश (Black Raisins): काली किशमिश आहार में शामिल करने के लिए यह खाद्य पदार्थों में से एक है। इनमें उच्च मात्रा में फल शर्करा जैसे ग्लूकोज और फ्रुक्टोज होते हैं जो भूख के स्तर को कम कर सकते हैं और भोजन को कम कर सकते हैं। यह अपनी प्रतिरक्षा को मजबूत करने वाले गुणों के लिए भी जाना जाता है। काली किशमिश को आमतौर पर सल्फर डाइऑक्साइड के साथ निर्जलीकरण में सुखाने के बाद इलाज किया जाता है। यही कारण है कि उन्हें उपभोग करने से पहले कुछ घंटों के लिए पानी में भिगोने की सिफारिश की जाती है। यह वास्तविक पोषण के पूर्ण अवशोषण के लिए बाहरी त्वचा पर अनावश्यक खनिजों को अलग करने में मदद कर सकता है।
मुनक्का और किशमिश में अंतर (Difference between munakka and raisins): किशमिश यानी मुनक्का को यूं तो मेवा में गिना जाता है लेकिन देखा जाए तो यह किसी आर्युवेदिक दवा से कम नहीं है। किशमिश के नियमित सेवन से कब्ज से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाता है। इतना ही नहीं ये रक्त वर्धक और अन्य कई बीमारियों को दूर करने में सहायक होती है। दोनों ही अंगूर से बनते हैं लेकिन अंगूर से बनने के बाद इनमें कुछ भिन्नता भी आ जाती है।
किशमिश का आकार मुनक्का से छोटा होता है तथा इस रंग मुनक्का की तुलना में कम गहरा होता है। छोटे आकार के अंगूर को सुखाकर किशमिश बनाई जाती है जबकि मुनक्के को बड़े और पके अंगूर को सुखाकर बनाया जाता है। किशमिश में बहुत कम मात्रा में छोटे बीज होते है जबकि मुनक्का में 2 से 3 बड़े बीज होते हैं। मुनक्के में किसी भी प्रकार की खटास नहीं पायी जाती है जबकि किशमिश थोड़ी खटास पायी जाती है जो एसिडिटी की समस्या कर सकती है। इन दोनों में कुछ अंतर जरुर होता है लेकिन दोनों से मिलने वाले पौष्टिक तत्व लगभग एक समान होते हैं। दोनों में कई ऐसे तत्व शामिल होते हैं जो शरीर के लिए काफी लाभकारी होते हैं।
click here » विटामिन-B9 (फोलेट-Folate)
किशमिश खाने से फायदे (Benefits of eating raisins)
मुनक्का और किशमिश आयरन की कमी दूर करता है (Raisins and raisins remove iron deficiency): एनीमिया में किशमिश के फायदे एनीमिया का एक कारण शरीर में आयरन की कमी का होना भी है। इस समस्या में शरीर में पर्याप्त मात्रा में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण नही होता जो शरीर में ऑक्सीजन का सप्लाई करती हैं। किसमिस को आयरन का एक समृद्ध स्रोत माना जाता है और इसलिए एनीमिया के लिए आहार में एक नाम किशमिश का भी शामिल है। प्रतिदिन इसे भिगोकर इसका पानी पिएं और प्रतिदिन दस से 12 किशमिश चबाकर खाएं। किशमिश में पाया जाने वाला बिटामिन बी कॉम्प्लेक्स खून की मात्रा बढ़ाता है।
click here » खजूर से बीमारियाँ भागे दूर
मुनक्का और किशमिश स्वस्थ हृदय के लिए (Raisins and Raisins for Healthy Heart): हृदय रोग से बचने में भी किसमिस का अपना महत्पूर्ण योगदान होता है। किशमिश खराब कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल और ट्राइग्लिसराइड (रक्त में मौजूद एक प्रकार का फैट) को कम कर सकती है, जिससे कोलेस्ट्रॉल की वजह से होने वाले हृदय रोग के जोखिम से बचा जा सकता है।
click here » कैसे रखें स्वस्थ हृदय
खराब कोलेस्ट्रॉल को अच्छा बना देता है (Makes bad cholesterol good in hindi)
मुनक्का और किशमिश कैंसर के जोखिम को करता है (Raisins and raisins reduce the risk of cancer): किशमिश के गुण कैंसर जैसी घातक बीमारी के जोखिम को कम कर सकते हैं। किशमिश के मेथनॉल एक्सट्रैक्ट में एंटी रेडिकल और कैंसर प्रिवेंटिव गुण पाए जाते हैं जो कोलन कैंसर से बचाव में मददगार हो सकते हैं।
click here » फेफड़ों के कैंसर से बचने के उपाय
मुनक्का और किशमिश कब्ज दूर करता है (Raisins and raisins relieve constipation): किशमिश का नियमित सेवन करने से कब्ज में फायदा मिलता है। अगर कब्ज के साथ साथ एसिडिटी से भी परेशान हैं तो रोज किशमिश को पानी में भिगोकर इसका सेवन करें। रात को किशमिश को अच्छे से साफ करके 8 से 10 किशमिश को पानी में भिगो दें। सुबह खाली पेट इस पानी को पी लें। चाहें तो आप इन किशमिश को चबा चबा कर भी खा सकते हैं। इससे कब्ज में छुटकारा मिलेगा और एसिडिटी की समस्या भी कम हो जाएगी।
मुनक्का और किशमिश पाचन तंत्र के लिए लाभकारी (Raisins and raisins are beneficial for the digestive system): किशमिश लैक्सटिव के रूप में कार्य करती है। यह पेट में जाकर पानी को अवशोषित करती हैए जिससे कब्ज से राहत मिलती है और पाचन तंत्र सुचारू रूप से कार्य करता है। नियमित रूप से किशमिश का उपयोग करने से हाजमा ठीक रहता है। किशमिश में मौजूद फाइबर गैस्ट्रोइंटेस्टिनल मार्ग से विषाक्त और अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं।
click here » एसिडिटी आसानी से दूर होती है
मुनक्का और किशमिश एसिडिटी में लाभदायक (Dry grapes and raisins are beneficial in acidity): एसिडिटी एक ऐसी समस्या है जिसमें सीने से लेकर पेट तक जलन का एहसास होता है। किशमिश को उन खाद्य पदार्थों में शामिल किया जा सकता है जो एसिडिटी को कम करने में मदद कर सकते हैं। किशमिश में एल्कलाइन गुण मौजूद होता है जो शरीर में एसिड की मात्रा को सामान्य करने में मदद कर सकता है।
click here » मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता जरूरी
मुनक्का और किशमिश ऊर्जावान बनाता है (Makes dry grapes and raisins energetic): किशमिश को कार्बोहाइड्रेट का एक प्राकृतिक स्रोत माना जाता है। यह एक्सरसाइज के दौरान ब्लड ग्लूकोज का स्तर बनाए रख सकती है जिससे शरीर में ऊर्जा का प्रवाह बरकरार रह सकता है।
click here » विटामिन बी2 मतलब फुर्ती
मुनक्का और किशमिश चमकदार त्वचा के लिए (Munakka and raisins for glowing skin): किशमिश में प्राकृतिक गुण होते हैं जहां रक्त शुद्धि का संबंध है। यह सिस्टम से खतरनाक तरल पदार्थ, विषाक्त पदार्थों और गंदगी को बाहर निकालने में मदद करता है। यह आमतौर पर त्वचा की समस्याओं के लिए जिम्मेदार हैं विशेष रूप से मुँहासे, धब्बे, झुर्रियाँ इत्यादि। जब रक्त अच्छी तरह से शुद्ध हो जाता है तो स्वस्थ, समस्या मुक्त और चमकती त्वचा के साथ छोड़ दिया जाता है।
click here » खिला खिला चेहरे के लिए रात सोने से पहले लगाएं
किशमिश चेहरे पर झुर्रियां गायब कर देता है (Raisins disappear wrinkles on face)
मुनक्का और किशमिश एंटी एजिंग गुण (Anti aging properties of dry grapes and raisins): किशमिश में एंटीऑक्सिडेंट सामग्री यह मुक्त कणों को मारने के लिए एकदम सही है जो त्वचा को नुकसान पहुंचाती है और अंत में उम्र बढ़ने का कारण बनती है। यह त्वचा को सूरज की क्षति और प्रदूषण से भी बचाता है जिससे चेहरे पर महीन रेखाएं, झुर्रियां और नीरसता आती है। समय से पहले बुढ़ापा दूर रखने के लिए प्रतिदिन एक मुट्ठी काली किशमिश का सेवन करना चाहिए।
click here » अब चेहरा खिलेगा
मुनक्का और किशमिश मुंह और दांतों की देख-रेख के लिए (Munakka and raisins for mouth and teeth care): किशमिश मुंह और दांतों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। किशमिश खाने से कैविटीज से बचाव हो सकता है। किशमिश में फाइटोकेमिकल्स, एंटीऑक्सीडेंट और ऑलीनोलिक एसिड मौजूद होते है, जो उन बैक्टीरिया के विकास को रोकने में मदद करते हैं। डेंटल कैरीज यानी दांत खराब होने का कारण बनते हैं इसके अलावा, किसमिस में पाए जाने वाले फाइटोकेमिकल दांतों की बेहतर स्थिति बनाए रखने के लिए मुंह में बैक्टीरिया जैसे म्यूटन्स स्ट्रैपटोकोकस के विकास को भी रोकते हैं।
मुनक्का और किशमिश वजन कम करता है (Munakka and raisins reduce weight): वजन कम करने में में किसमिस का अपना मुख्य योगदान होता है। किसमिस में डाइट्री फाइबर और प्रीबायोटिक पाए जाते हैं। ये दोनों तत्व पेट में अच्छे और स्वस्थ बैक्टीरिया को बनाने में मदद करते है जिनकी मदद से वजन को नियंत्रित करने में सहायता मिल सकती है।
संक्रमण से बचाने में सहायक (Help protect against infection)
मुनक्का और किशमिश उच्च रक्तचाप के लिए (Munakka and raisins for high blood pressure): किशमिश में मौजूद पोटेशियम बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को कम कर सकता है और हृदय रोग के खतरे को भी कम करने में भी मददगार होता है।
मुनक्का और किशमिश यौन स्वास्थ्य के लिए (Munakka and raisins for sexual health): किशमिश में बोरॉन नाम का एक मिनरल पाया जाता है। बोरॉन महिलाओं और पुरुषों दोनों में यौन स्वास्थ से जुड़े स्ट्रेरोइड को बढ़ाने में मदद कर सकता है। इसकी मदद से यौन स्वास्थ्य को बेहतर करने में सहायता मिल सकती है।
मुनक्का और किशमिश संक्रमण से बचाव के लिए (Munakka and raisins to prevent infection): किशमिश में कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जो शरीर को कई तरह के संक्रमण से बचाने में सहायक हो सकते हैं। जैसे एंटीमाइक्रोबियल और एंटीबैक्टीरियल।
मुनक्का और किशमिश हड्डियों में मजबूती के लिए (Munakka and raisins for strength in bones): कैल्शियम का एक समृद्ध स्रोत होने के कारण किशमिश हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है। किशमिश में बोरोन नामक माइक्रो न्यूट्रियंट भी प्रचुर मात्रा में होता है जो कैल्शियम सोखने और हड्डी गठन को अवशोषित करने में मदद करता है। बोरोन के कारण ऑस्टियोपोरोसिस से राहत मिलती है। साथ ही किशमिश खाने से घुटनों में दर्द की समस्या दूर होती है।
मुनक्का और किशमिश बालों के लिए (Munakka and raisins for hair): बालों को नुकसान पहुंचाने में फ्री रेडिकल्स का बहुत बड़ा हाथ होता है। यह समय से पहले बालों के सफेद होने और झड़ने का कारण बन सकते हैं। बालों को इन फ्री रेडिकल्स से बचाने में किशमिश के गुण मदद कर सकते हैं। किशमिश में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं।
अपनाएं आयुर्वेद लाइफस्टाइल (Adopt ayurveda lifestyle in hindi)